मध्यप्रदेश सरकार ने मंगलवार से किसानों से कर्ज माफ करने वाले फार्म भरवाने शुरू कर दिए। भोपाल में मुख्यमंत्री कमलनाथ ने इसकी शुरूआत करते हुए कहा कि प्रदेशभर में करीब 55 लाख किसानों के दो लाख तक के कर्ज माफ होंगे और इससे 50 हजार करोड़ रुपये का व्यय भार आएगा।
कर्ज माफी की इस योजना को पहले ‘मुख्यमंत्री फसल ऋण माफी योजना’ नाम दिया गया था, जिसे मंगलवार को कमलनाथ ने बदलकर ‘जय किसान ऋण मुक्ति योजना कर दिया।’ उन्होंने कहा कि मैं नहीं चाहता कि इसका राजनीतिकरण हो, इसलिए नाम बदल दिया गया। प्रदेश की अर्थव्यवस्था किसानों पर टिकी है। वे समृद्ध होंगे तो पूरा प्रदेश समृद्ध होगा।
उन्होंने बताया कि 22 फरवरी से किसानों के खाते में राशि जाना शुरू हो जाएगी। हालांकि यह स्पष्ट नहीं किया गया है कि योजना का नाम बदल जाने के बाद कमलनाथ की फोटो के साथ छपवाए गए 80 लाख फार्मों का अब क्या होगा?
उनकी सरकार की उम्र को लेकर भाजपा द्वारा की जा रही बयानबाजी पर कमलनाथ ने कहा कि भाजपा को वह सिर्फ इतना ही कहना चाहते हैं कि वो अपने घर पर ध्यान दे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी पांच साल का हिसाब देना चाहिए। ये न कर भाजपा ध्यान भटकाने की राजनीति करती है।