News By:- विवेक चौधरी (ब्यूरो चीफ़)
रतलाम जिले के जावरा स्थित कुंदन कुटीर बालिका गृह में बच्चियों के यौन शोषण का मामला गहराई की पड़ताल के साथ साथ कई अधिकारियों को अपना शिकार बनाता जा रहा है। जावरा के कुंदन वेलफेयर ऑर्गनाइजेशन द्वारा संचालित कुंदन कुटीर बालिका गृह से 5 बच्चियों के भाग जाने के बाद बालिकागृह में यौन शोषण का मामला सामने आया था। उसी की पड़ताल के क्रम में जिला कलेक्टर रुचिका चौहान ने संभाग आयुक्त एवं प्रदेश शासन को जिला महिला एवं बाल विकास अधिकारी सुषमा भदौरिया को सस्पेंड करने के लिए अनुशंसात्मक पत्र लिखा था। जिस पर कार्यवाही करते हुए सुषमा भदौरिया को सस्पेंड कर दिया गया है। आरोपियों को रिमांड पर नहीं लिए जाने पर आलोचनाओं के घेरे में आई पुलिस टीम ने भी अपने कड़े तेवर दिखाने शुरू कर दिये है। बालिका गृह की अधीक्षिका हंसा पाठक भी को गिरफ्तार कर लिया गया है। इसके साथ जिला पुलिस अधीक्षक गौरव तिवारी ने मामले की जाँच के लिए एसआईटी का गठन किया है, जिसे 15 दिन में अपनी रिपोर्ट देनी होगी। मामला गहराई की जाँच के साथ में ही अत्यंत गंभीर रूप से सामने आ रहा है। बालिका गृह के संचालनकर्ता कांग्रेसी के पृष्ठभूमि के थे तथा उनकी अनुशंसा भाजपा नेताओं ने की थी। पूर्व में गिरफ्तार मुख्य आरोपी रचना भारतीय एवं उनके पति ओमप्रकाश भारतीय के घर रसूखदार लोगों का आना जाना था। जो अभी जाँच का विषय है। राजनीतिक अनुशंसा पर रचना भारतीय जिला बाल कल्याण समिति की अध्यक्षता भी बना दी गई थी तथा शासन से संस्था के लिए लाखों रुपए की सहायता राशि भी जारी हो रही थी। जैसे-जैसे मामले की जांच की जा रही है, मामले में नए-नए खुलासे हो रहे हैं तथा आने वाले समय में इस पर और नए खुलासे हो सकते हैं।
बच्चियों के यौन शोषण मामले में कई गंभीर बातें सामने आ रही है। जैसे कि शिकायतें मिलने पर भी संबंधित विभागों द्वारा कोई कार्यवाही नहीं की गई। जबकि मामले का खुलासा होने के बाद पहले जिला महिला सशक्तिकरण अधिकारी रविंद्र मिश्रा और अब जिला महिला एवं बाल विकास अधिकारी सुषमा भदौरिया को सस्पेंड कर दिया गया है। नियमों को ताक में रखकर राजनीतिक प्रश्रय पर आरोपी संचालनकर्ता निडर निर्भीक होकर अपनी गतिविधियां चला रहे थे। संस्था से जुड़े हुए लोग पूर्व में भी आरोपों के घेरे में रहे हैं। एक पर चेक बाउंस का मामला था, दूसरे के बारे में युवती पर एसिड फेंकने की तक बात सामने आ रही है। हालांकि इसकी पुष्टि होना बाकी है। इसके अलावा किसी के यहां नेताओं का उठना बैठना था तो किसी के साथ सरकारी अधिकारियों के दोस्ताना संबंध थे। मामले की पड़ताल के साथ और भी कई नई तथ्य सामने आ सकते हैं।