पुलवामा हमले के बाद से भारत आतंकियों के पनाहगाह पाकिस्तान पर हर तरफ से दबाव बढ़ा रहा है. पाकिस्तान को घेरने के लिए आर्थिक, कूटनीतिक और सैन्य स्तर पर कई कदम उठाये गए हैं. इसी बीच, भारत आने वाले दिनों में पाकिस्तान का पानी रोकने की तैयारी कर रहा है|
केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी के मुताबिक, भारत के तीन नदियों के अधिकार का पानी प्रोजेक्ट बनाकर पाकिस्तान के बजाय यमुना में छोड़ा जाएगा. मालूम हो कि व्यास, रावी और सतलज नदियों का पानी भारत से होकर पाकिस्तान पहुंचता है. इसका मतलब यह हुआ कि आतंक की खेती करने वाले पाकिस्तान अब बूंद-बूंद को तरसेगा|
Union Minister Nitin Gadkari in Baghpat yesterday: The water from our 3 rivers was going to Pakistan, now we are planning to build a project and divert the water from these three rivers into Yamuna river. Once this happens, river Yamuna will have more water. pic.twitter.com/L0yA6y0KDb
— ANI UP (@ANINewsUP) February 21, 2019
केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने उत्तर प्रदेश के बागपत जिले में बुधवार को कहा था कि जिन तीन नदियों का पानी पाकिस्तान जाता है, उन नदियों के पानी को बांध बनाकर रोकने की योजना बनायी जा रही है. इन नदियों के पानी को यमुना नदी में मिलाया जाएगा. जब यह योजना लागू कर दी जाएगी तो यमुना नदी में पानी पर्याप्त हो जाएगा|
यहां यह जानना गौरतलब है कि भारत 1960 में हुई सिंधु जल संधि के तहत अपनी तीन नदियों के पानी को पाकिस्तान को इस्तेमाल करने देता है. इस संधि को दुनिया का सबसे उदार जल समझौता माना जाता है. संधि के अनुसार, व्यास, रावी और सतलज के अधिकतर पानी के इस्तेमाल करने का अधिकार भारत को है, जबकि पश्चिम की ओर बहने वाली सिंधु, चिनाब और झेलम नदियों के अधिकांश पानी का इस्तेमाल पाकिस्तान करता है.