News By – विवेक चौधरी (रतलाम ब्यूरों प्रमुख)
रतलाम। सदा चर्चा के घेरे में रहने वाला नगर निगम आज पुनः खबरों का विषय बन रहा है। इस बार चर्चा का विषय यहाँ की कार्यप्रणाली नही है। यहाँ की प्रशासनिक व्यवस्था किसके हाथ मे हो, इस पर बवाल मच गया है। शनिवार दोपहर को नगर निगम से चौंकाने वाली खबर आई। रतलाम नगर निगम के पूर्व आयुक्त एस.के सिंह दोपहर करीब 3 बजे न्यायालय का स्थगनादेश लेकर रतलाम नगर निगम पंहुचे और फिर से आयुक्त का कार्यभार संभाल लिया।
आपको बता दे कि विगत दिनों प्रदेश में नई सरकार बनने के बाद लगभग सभी विभागों में थोकबंद तबादले हो रहे है। उसी क्रम में पूर्व आयुक्त एस के सिंह के स्थान पर भारतीय प्रशासनिक सेवा के सतीश कुमार एस को रतलाम नगर निगम आयुक्त बनाया गया था। जिसके आदेश जारी हो गए थे, लेकिन तत्कालीन निगमायुक्त एसके सिंह की नई पदस्थापना के लिए कोई आदेश जारी नहीं किया गया था। ऐसे में नवागत आयुक्त सतीश कुमार ने एकतरफा चार्ज लेते हुए पदभार ग्रहण कर लिया था। बताया जा रहा है कि इस मामले में पूर्व आयुक्त एसके सिंह ने न्यायालय की सहायता से स्थगन आदेश प्राप्त कर लिया। शनिवार दोपहर को सिंह नगर निगम पंहुचे और उन्होने भी एकतरफा पदभार ग्रहण कर लिया। अब स्थिति यह है कि नगर निगम में दो-दो आयुक्त हो गए है। पूर्व आयुक्त एसके सिंह ने कहा कि न्यायालय द्वारा उन्हे स्थगनादेश प्राप्त हुआ है। इसी तारतम्य में उन्होने कर्त्तव्य स्थल पर आकर पुनः पदभार ले लिया है। अब इन परिस्थितियों में जिला प्रशासन दुविधा में आ गया है।
इस संदर्भ में न्यूज़ इंडिया 365 ने जिला कलेक्टर रुचिका चौहान से सम्पर्क किया। उन्होंने बताया कि माननीय न्यायालय के आदेश की प्रति मंगवाकर अध्ययन किया जाएगा। आवश्यकता होने पर नगरीय एवं शहरी प्रशासन विभाग को अग्रेषित करके मार्गदर्शन लिया जाएगा। और उसी हिसाब से कार्यवाही का निर्णय लिया जाएगा। वहीं नवागत आयुक्त सतीश कुमार से भी उनका पक्ष लेने की कोशिश की लेकिन उनका मोबाइल बन्द होने से संपर्क नहीं हो सका।