कांग्रेस प्रवक्ता से इस्तीफा देकर शिवसेना में शामिल हुईं प्रियंका चतुर्वेदी, जानिए क्या है पूरा मामला?

0

कांग्रेस प्रवक्ता प्रियंका चतुर्वेदी ने शुक्रवार को पार्टी से इस्तीफा दे दिया और दोपहर करीब डेढ़ बजे वह शिवसेना में शामिल हो गईं।  शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे की मौजूदगी में उन्होंने पार्टी की सदस्यता ली।  


कांग्रेस की धुर विरोधी भाजपा की सहयोगी पार्टी शिवसेना में शामिल होने के सवाल पर उन्होंने कहा कि मैंने आत्मसम्मान के लिए पार्टी छोड़ी। टिकट के सवाल पर प्रियंका चतुर्वेदी ने कहा कि भले ही उत्तर प्रदेश के मथुरा से उनका जुड़ाव रहा है और उनके माता-पिता का घर है, लेकिन उन्होंने कभी मथुरा से टिकट नहीं मांगा। 

शिवसेना को लेकर उन्होंने कहा कि मेरा कभी मन परिवर्तन नहीं हुआ है। बचपन से ही मेरे मन में शिवसेना को लेकर सम्मान रहा है। केवल मैं ही नहीं, बल्कि हर मुंबईकर के दिल में शिवसेना राज करती है। मैंने 10 साल में पार्टी (कांग्रेस) से कुछ नहीं मांगा था। सेवा भाव से जुड़ी थी। पार्टी ने जो भी जिम्मेदारी दी, मैंने निभाई। कहा कि मैं मुद्दों की लड़ाई लड़ती रही हूं। महिला सम्मान भी मेरे लिए अहम मुद्दा रहा है। 

उन्होंने अपना इस्तीफा राहुल गांधी को भेजा। प्रियंका ने अपना इस्तीफा ट्विटर पर भी पोस्ट किया है। उन्होंने लिखा, “बीते तीन दिन में देश भर से मिले प्यार और समर्थन से मैं काफी खुश और शुक्रगुजार हूं। समर्थन के इस सैलाब से मैं खुद को धन्य मानती हूं। इस सफर का हिस्सा बनने के लिए आप सबका शुक्रिया।”

उन्होंने अपने ट्विटर परिचय से ‘एआईसीसी प्रवक्ता’ शब्द भी हटा दिया है। 17 अप्रैल को ही प्रियंका ने पार्टी को लेकर अपनी नाराजगी जाहिर करते हुए ट्वीट किया था, 

काफी दुखी हूं कि अपना खून-पसीना बहाने वालों से ज्यादा गुंडों को कांग्रेस में तरजीह मिल रही है। पार्टी के लिए मैंने गालियां और पत्थर खाए हैं, लेकिन उसके बावजूद पार्टी में रहने वाले नेताओं ने ही मुझे धमकियां दीं। जो लोग धमकियां दे रहे थे, वह बच गए हैं। उनका बिना किसी कार्रवाई के बच जाना  दुर्भाग्यपूर्ण हैं।”

क्या है पूरा मामला?

इस ट्वीट के साथ एक चिट्ठी भी जुड़ी थी जिसे विजय लक्ष्मी के ट्विटर हैंडल से जारी किया गया है। दरअसल मामला मथुरा की उस प्रेस कॉन्फ्रेंस से जुड़ा है जिसमें प्रियंका ने राफेल मुद्दे पर भाजपा को घेरा था। आरोप है कि कांग्रेस के स्थानीय कार्यकर्ताओं ने उनके साथ बदसलूकी की। इसके बाद कुछ पर कार्रवाई भी हुई थी। चिट्ठी में अनुशासनात्मक कार्रवाई की बात की गई। लेकिन ये भी लिखा है कि ज्योतिरादित्य सिंधिया के कहने पर ये कार्रवाई रद्द कर दी गई है।