News By – नीरज बरमेचा
(www.newsindia365.com) कर्नाटक के कारवार में आईएनएस विक्रमादित्य में आगजनी में शहीद लेफ्टिनेंट कमांडर धर्मेंद्रसिंह चौहान के पार्थिव शरीर शनिवार को देर शाम रतलाम जायेंगा। रविवार को सुबह आठ बजे शहर के रिद्धी-सिद्धी कालोनी स्थित उनके पैतृक निवास से अंतिम यात्रा निकलेगी। त्रिवेणी मुक्ति धाम पर राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया जाएगा। कर्नाटक के कारवार में आईएनएस विक्रमादित्य पर शुक्रवार को लगी आग बुझाने के दौरान रतलाम निवासी नौसेना के लेफ्टिनेंट कमांडर धर्मेंद्रसिंह चौहान शहीद हो गए थे। उन्होंने टीम का नेतृत्व करते हुए तत्काल आग पर नियंत्रण पा लिया। इससे पोत की लड़ाकू क्षमता पर असर नहीं पड़ा, लेकिन वहां धुएं के चलते वे अचेत हो गए। नौसेना के कारवार अस्पताल ले जाने पर उनका इलाज किया गया, लेकिन उनकी जान नहीं बचाई जा सकी। रविवार को सुबह उनका राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया जाएगा। उल्लेखनीय है कि लेफ्टिनेंट कमांडर धर्मेंद्रसिंह चौहान की शादी 10 मार्च 2019 को ही हुई थी और उनकी पत्नी आगरा में सर्विस करती है।
मेरा रियल हीरो चला गया
उनके पैतृक निवास में उनकी मां टमाकुंवर अकेली रहती हैं। बेटे की मौत पर उन्हें गर्व है, साथ ही उनका रो-रोकर बुरा हाल भी है। अपने इकलौते बेटे की शहादत की खबर मिलते ही वे बेसुध हो गई। तभी से वे लगातार रो रही हैं। उन्होंने रोते-रोते कहा कि मेरा रियल हीरो चला गया।
रविवार 28 अप्रैल को सिविल अस्पताल रतलाम से सुबह 6.30 या 6.45 बजे रवाना होकर 7.00 बजे रिद्धि सिद्धि कॉलोनी स्थित निवास पर पार्थिव देह को लाया जाएगा। 8.00 बजे अंतिम यात्रा शुरु होगी, जो त्रिवेणी मुक्तिधाम पहुंचेगी।
शहीद लेफ्टिनेंट कमांडर को अंतिम विदाई रविवार को
शहीद लेफ्टिनेंट कमांडर धर्मेन्द्र सिंह चौहान को राजकीय सम्मान के साथ त्रिवेणी मुक्तिधाम पर अश्रुपूरित अंतिम विदाई रविवार को दी जाएगी। शनिवार को महू से आये सेना के कैप्टन के साथ कलेक्टर रुचिका चौहान एवं एसपी गौरव तिवारी ने प्रशासनिक अधिकारियों के साथ अंतिम यात्रा मार्ग व मुक्तिधाम की व्यवस्थाओं को देखा और आवश्यक निर्देश दिए ।
अंतिम यात्रा का मार्ग
अंतिम विदाई यात्रा रिद्धि सिद्धि कॉलोनी (रतलाम पब्लिक स्कूल के पास) से शुरू होकर कस्तुरबा नगर, राम मंदिर, सैलाना रोड, सैलाना बस स्टैंड, शहीद चौक, रानी जी का मंदिर, धानमंडी, तोपखाना, चांदनीचौक, त्रिपोलिया गेट होते हुए त्रिवेणी मुक्तिधाम पर पहुंचेगी।