News By – विवेक चौधरी (रतलाम ब्यूरों प्रमुख)
Highlights
- प्रियंका का भाषण के शुरुआत में एक माइक बन्द था। मुख्यमंत्री कमलनाथ ने दिया ध्यान।
- माइक शुरू करने के बाद प्रियंका ने हंसते हुए पूछा कि क्या वो फिर से अपना भाषण शुरू करें।
- आमसभा का आकर्षण का केंद्र प्रियंका गाँधी वाड्रा ही रही। उनके आगमन से सभा मे जान आ गई।
- प्रियंका और कमलनाथ दोनों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आज रतलाम आगमन का जिक्र किया।
- यद्धपि प्रियंका बिंदुओं को पढ़कर भाषण दे रही थी, फिरभी उनके शैली और प्रवाह प्रभावी था।
- लोगों में चर्चा रही कि राहुल की तुलना में प्रियंका ज्यादा प्रभावी और आकर्षक व्यक्तित्व की धनी है।
- अपने भाषण में कांतिलाल भूरिया नर्वस नज़र आये वहीं मंच की प्रथम पंक्ति में जूनियर भूरिया मौजूद थे।
- मुख्यमंत्री कमलनाथ ने अपने भाषण में पुलवामा आतंकी हमले का जिक्र किया। शिवराज को मामा और प्रधानमंत्री को चौकीदार कहा।
- प्रियंका के आगमन के पूर्व उनके उज्जैन प्रस्थान और रतलाम आगमन की कई बार घोषणा हुई, लेकिन हेलीकॉप्टर दिखने के बाद ही लोगो ने प्रतीक्षा से राहत दिखी।
- लाल साड़ी में प्रियंका मस्तक पर महाकाल मंदिर का चंदन लगाए हुए थी। संभवतः यह उनकी हिन्दू हितैषी वाली छवि का प्रदर्शन था।
- मीडियाकर्मियों को खासी परेशानी हुई। प्रवेश से लेकर पत्रकार दीर्घा तक हुई परेशानी।
- कांग्रेस नेताओं सहित पुलिस ने भी किया असहयोग एवं अनेपक्षित व्यवहार। अधिकांश पत्रकारों को खड़े रहना पड़ा।
- पत्रकार दीर्घा में नेताओं और कार्यकर्ताओं का कब्जा था। पर्याप्त कुर्सियां भी नही थी बैठने के लिए।
कांग्रेस के मौजूदा सांसद एवं लोकसभा प्रत्याशी कांतिलाल भूरिया के समर्थन के लिए कांग्रेस महासचिव प्रियंका गाँधी वाड्रा ने वोट मांगे। प्रियंका का यह रतलाम में प्रथम आगमन था। वो उज्जैन महाकाल मंदिर के दर्शन कर रतलाम आई। उनके साथ प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ एवं सांसद प्रत्याशी कांतिलाल भूरिया भी थे। रतलाम के नेहरू स्टेडियम में आयोजिय आमसभा में प्रियंका ने अपने सम्बोधन में भाजपा पर निशाना साधा। प्रियंका तय समय से 1:30 घंटे लेट लगभग दोपहर 4 बजे पहुंची। उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि वर्तमान प्रधानमंत्री की सरकार अहंकार की सरकार है। उन्हें अपने संसदीय क्षेत्र बनारस के लिए पिछले 5 साल में 5 मिनिट भी नही मिले कि वे किसी गरीब के घर जाकर उसके हाल पूछ लें। पिछले 5 सालों में काम नही हुआ लेकिन प्रचार बहुत हुआ। मैने एक विज्ञापन देखा जिसमे लिखा था कि ‘बिजली के बिल पर मेरी तलवार, अबकी बार मोदी सरकार।’ उसी दिन मैं उत्तर प्रदेश गई तो वहां की महिलाओं ने मुझे बिजली के बिल दिखाए कि कोई राहत नहीं मिली है। मोदी जी की सरकार ने मात्र प्रचार किया है, काम नही। प्रियंका ने बड़ा आरोप लगाया कि देश के प्रधानमंत्री अपने आप को तपस्वी प्रधानमंत्री बताते है, लेकिन उनके पास किसानों, गरीबो के लिए समय नही है। उनके पास विदेश जाकर वहां के प्रधानमंत्रियों से किलने का समय है। उन्होंने देश का नौजवानो के साथ वादाखिलाफी की। नोटबंदी की वजह से 50 लाख नौकरियां खत्म कर दी। मनरेगा में काम कम कर दिया है। यह सरकार आदिवासियों के हितों के विरोधी वाली सरकार है। प्रियंका ने अपने उदबोधन में कांग्रेस के न्याय, रोजगार, शिक्षा, स्वास्थ्य इत्यादि सहित कांग्रेस वचन पत्र के कई बिंदुओं पर बोलते हुए जनता से आग्रह किया कि वे वोट करते समय उनकी बातों को ध्यान में रखकर वोट करें।
प्रियंका वाड्रा के सम्बोधन के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने भी आमसभा को सम्बोधित किया। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और पूर्व मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान पर आरोप लगाए कि आपने जनता को किये वादे पूरे नही किया है। लेकिन हमने आचार संहिता लागू होने के पहले यथा संभव कर्जा माफ किया है। कमलनाथ ने कहा कि अभी कुछ महीने पहले मध्यप्रदेश की जनता ने मामा को रवाना किया था अब चौकीदार को रवाना करेंगे।
सभा को लोकसभा प्रत्याशी कांतिलाल भूरिया सहित पार्टी के अनेक क्षेत्रीय विधायकगण, कांग्रेस नेताओं ने भी संबोधित किया था। जिनमे से रतलाम, धार, झाबुआ तथा रतलाम शहर के नेतागण शामिल थे। प्रियंका का स्वागत आदिवासी पारम्पारिक तरीके से किया गया तथा समापन पर अपने भाषण के बाद प्रियंका दर्शकों के पास बैरिकेड कूदकर पहुंची और लोगों का अभिवादन स्वीकार किया। इसमें कुछ देर के लिए प्रियंका के सुरक्षाकर्मियों अफरातफरी भी मच गई थी।
प्रियंका की सभा मे मीडिया रही परेशान
कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा की रतलाम सभा मे जमकर अव्यवस्था फैली रही। कांग्रेस का यह अंदाज़ कोई नया नही था। सभा स्थल के गेट पर प्रवेश के लिए धक्कामुक्की मची रही। पत्रकार दीर्घा में मीडियाकर्मियों की जगह कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने घेर रखी थी। पत्रकारों के लिए कुर्सियां तक नही थी, अधिकांश पत्रकार खड़े रहने को मजबूर थे। बड़ी संख्या में पत्रकार प्रवेश एवं पत्रकार दीर्घा तक पहुँचने में संघर्ष करते नज़र आये। पुलिस का रवैया भी पत्रकारों के लिए भी अनेपक्षित और असह्योगजनक रहा। काँग्रेस के वरिष्ठ नेताओं से सम्पर्क करने पर भी निराशा हाथ लगी। वहीं मंच के आगे दर्शकदीर्घा के सामने आम लोगो के बैठने की व्यवस्था नीचे दरी पर की गई थी। मंच पर वॉटरप्रूफ शेड था लेकिन दर्शकों का पंडाल सामान्य टेंट वाले थे। जिनमें से धूप आ रही थी। लोग परेशान होते रहे।
सैलाना विधायक ने मंच से बनाई दूरियाँ
सैलाना विधायक हर्षविजय गहलोत गुड्डू का मंच पर ना आना चर्चा का विषय रहा। बताया जा रहा है कि वो किसी बात पर नाराज थे। प्रियंका के आने के पूर्व रतलाम शहर, जिले एवं आसपास के जिले के अनेक कांग्रेसी नेताओं ने आमसभा को संबोधित किया। लेकिन सैलाना विधयाक हर्षविजय गुड्डू की अनुपस्थिति अनेक शंकाओं को जन्म देती है। सामान्यतः रतलाम जिले से कांतिलाल भूरिया सैलाना से ही सर्वाधिक बढ़त लेते है। ऐसे में गुड्डू की नाराजगी कांतिलाल भूरिया को भारी पड़ सकती है।