नाबालिग दुष्कर्म प्रकरण में पुलिस कोई भी कसर नही छोड़ेगी, जानिए SP गौरव तिवारी ने क्या कहा?

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News By – विवेक चौधरी (रतलाम ब्यूरों प्रमुख)

(www.newsindia365.comरतलाम। (बुधवार, 2 अक्टूबर) पहले नाबालिग छात्रा के घर फिर होटल में बुलाकर किये गए दुष्कर्म के  मामले के उजागर होने के बाद से ही रतलाम की जनता आरोपियों को कड़ी से कड़ी सजा दिलवाने के लिए आक्रोशित है। अब ऐसा लगने लगा है कि प्रारंभिक तौर पर जनता की पुलिस विभाग के प्रति नाराज़गी के बाद पुलिस कप्तान गौरव तिवारी अपनी स्वच्छ एवं बेदाग छवि बरकरार रखने के लिए प्रतिबद्ध एवं संकल्पित हो गए है। पुलिस कप्तान 10 अक्टूबर तक इस मामले में सबूत और गवाह के साथ न्यायालय में चालान पेश करने का मन बना चुके है। इस मामले में पुलिस ने जांच के बाद आरोपियों के विरुद्ध धाराएं भी बढ़ाई है और नाबालिग अपचारियों से विशेष अनुमति लेकर पूछताछ भी की है। पूछताछ में बाल अपचारियों ने घटना के दिन पीड़िता के घर से 2000 रुपए चोरी करने की बात भी स्वीकार की है, जिसके चलते दोनों बाल अपचारियों के खिलाफ चोरी के लिए IPC की धारा 380 भी बढ़ाई गई हैं। आरोपियों ने पीड़िता को ब्लैकमेल कर उसके सोने के टॉप्स भी ले लिए थे, जिसे पुलिस ने जब्त कर लिया है। पुलिस कप्तान ने मीडिया को बताया कि विशेष अनुमति लेकर 1 अक्टूबर को आरोपी नाबालिग बालको से उनके परिजनों, किशोर न्याय बोर्ड के सदस्यों, एसआईटी टीम के सदस्यों एवं स्वतंत्र साक्षियों के समक्ष पूछताछ की गई। वॉइस सैंपल इत्यादि भी लिए गए। पूछताछ में आरोपियों ने अपना अपराध स्वीकार किया है। पुलिस के अनुसार इस मामले में गठित एसआईटी ने जांच के दौरान कई भौतिक एवं वैज्ञानिक साक्ष्य भी एकत्रित किए हैं, जिससे आरोपियों के खिलाफ पुख्ता सबूत एकत्रित हुए हैं। पुलिस को भरोसा है कि यदि किसी दशा में गवाह पलट भी जाये तो भी आरोपियों को दण्ड दिलवाया जा सकता है। जिसमें दोषसिध्द होने पर आरोपियों को मृत्युदंड या आजीवन कारावास तक की सजा भी मिल सकती है।

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पुलिस इस मामले में नाबालिग आरोपियों को अबोध श्रेणी में न मानते हुए शातिर एवं वयस्क अपराधीयों की तरह मानने और उसी हिसाब से ट्रायल किए जाने के लिए भी आवश्यक कार्यवाही कर रही है। पुलिस ने इस मामले को जघन्य और सनसनीखेज मामला मानते हुए चिन्हित अपराध की श्रेणी में रखा है। प्रदेश में अपने तरह के पहले मामले में पुलिस ने नाबालिग अपराधियों से पूछताछ की विशेष अनुमति भी ली थी। जबकि सामान्यतः नाबालिगों के रिमांड का कोई प्रावधान नहीं होता है। गौरव तिवारी ने बताया कि एसआईटी ने जांच के दौरान अनेक भौतिक एवं वैज्ञानिक साक्ष्य एकत्रित किए हैं। टीम में फॉरेंसिक एवं विधि विशेषज्ञों को भी रखा गया है जिनकी मदद से लगभग 2 दर्जन से अधिक आर्टिकल जप्त किए हैं। जिन्हे डीएनए परीक्षण के लिए विशेष प्रयोगशाला भेजा जा रहा है। इस मामले में पुलिस ने होटल के 24 दिन के सीसीटीवी फुटेज, आरोपियों के मोबाइल, उनकी लोकेशन्स, घटना में प्रयुक्त दो पहिया वाहन, कपड़े, बेडशीट इत्यादि वस्तुएं जब्त की है। पुलिस जब्त मोबाइल का डेटा जिसमे रिकॉर्डिंग्स, वीडिओ, फोटो, चैटिंग इत्यादि प्रमुख है, का अनुसंधान कर इस निष्कर्ष पर पहुँची मामला अत्यंत गंभीर एवं शातिराना था। इस मामले में अभी तक दो नाबालिगों सहित कुल 7 लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है। जिनमे होटल संचालक प्रदीप अग्रवाल, 2 मैनेजर इमरान खान तथा दीपक चौहान, रूम बुक कराने वाला शकील उर्फ अरहान खान, होटल में हुए दुष्कर्म के समय निगरानी रखने वाला सय्यद आबिद अली है। प्रकरण के शुरुआत में वयस्क आरोपियों के पुलिस रिमांड ना माँगने पर अभिभाषकों तथा शहर की जनता के आक्रोश का शिकार होने वाली पुलिस का कहना है कि आवश्यकता पड़ने इनका रिमांड और बढ़ाया जा सकता है। आरोपीगण शुक्रवार से लगातार पुलिस रिमांड पर है। पुलिस अधीक्षक गौरव तिवारी का कहना है कि अभी एसआईटी प्रकरण में लगातार विवेचना कर रही है। विवेचना के दौरान यदि नई जानकारी सामने आती है, नए साक्ष्य और तथ्य के प्रकाश में आने पर इस प्रकरण में आरोपियों के खिलाफ अन्य धाराओं को बढ़ाया जा सकता है। घटना के पश्चात पुलिस अधीक्षक के गौरव तिवारी के प्रतिवेदन के आधार पर जिला कलेक्टर ने एक विशेष आदेश जारी किया था। यह रतलाम जिले के होटल, लाज, धर्मशाला सहित मकान मालिकों एवं दुकान और अन्य प्रतिष्ठान संचालकों के लिए धारा 144 के तहत प्रतिबंधात्मक आदेश था। आदेश के अनुसार जिले के सभी होटल संचालकों को अब से रूम किराए से देने के पहले रूकने वाले सभी व्यक्तियों के आईडी लेने होंगे साथ ही यह भी सुनिश्चित करना होगा कि उनका चेहरा सीसीटीवी कैमरे में आए। अन्यथा धारा 188 के तहत संस्थान पर कार्यवाही की जाएगी।