मध्य प्रदेश में शिवराज सरकार के कार्यकाल में नर्मदा पौधारोपण घोटाले से जुड़ा मामला फिर से सुर्खियों में है। इस घोटाले का आरोप पूर्ववर्ती सरकार पर लगाते हुए वन मंत्री उमंग सिंघार ने मामले की जांच आर्थिक अपराध ब्यूरो (ईओडब्ल्यू) को सौंप दी है।
Umang Singhar, Cabinet Minister of Forest, Madhya Pradesh): Prima facie, plantation drive (under Shivaraj Singh’s government) appears to be a scam worth Rs 450 crore. Economic Offence Wing (EOW) has been asked to probe the matter (11.10) pic.twitter.com/xNwdB0EuzB
— ANI (@ANI) October 12, 2019
नर्मदा पौधारोपण घोटाले में तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, तत्कालीन वन मंत्री गौरीशंकर शेजवार और अन्य अधिकारियों के नाम भी जांच के घेरे में है।
बता दें कि नर्मदा कछार में दो जुलाई, 2017 को एक दिन में सात करोड़ 10 लाख से ज्यादा पौधों के रोपण का दावा किया गया था।कांग्रेस की सरकार आने के बाद जब वर्तमान वन मंत्री उमंग सिंघार ने बैतूल जिले के जंगलों का जायजा लिया तो पता चला कि जहां 15 हजार 526 पौधे रोपित किए गए थे, वहां मौके पर मात्र 15 फीसदी पौधे ही हैं और गड्ढे महज 9000 ही मिले थे।
