नयी दिल्ली : अयोध्या मसले पर सुप्रीम कोर्ट शनिवार को अपना ऐतिहासिक फैसला सुनाएगा. शीर्ष अदालत के इतिहास में यह दूसरी सबसे लंबनी सुनवाई होगी. मीडिया में आ रही रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस मसले की सुनवाई के लिए लगातार 40 दिन संवैधानिक पीठ बैठी और सुनवाई पूरी होने के बाद अदालत ने 16 अक्टूबर को फैसला सुरक्षित कर लिया गया था. अब फैसले की घड़ी आ गयी है. शनिवार को छुट्टी के दिन सुप्रीम कोर्ट की संवैधानिक बेंच बैठेगी और फैसला सुनायेगी. सुप्रीम कोर्ट की संवैधानिक बेंच शनिवार सुबह 10.30 बजे फैसला सुनायेगी. इसको देखते हुए पूरे देश में सुरक्षा चाक-चौबंद है. वहीं, धर्मगुरुओं ने भी शांति बनाये रखने की अपील की है.
लगातार 40 दिन हिंदू और मुस्लिम पक्षकारों ने जोरदार और दमदार दलीलें पेश कीं. सुप्रीम कोर्ट के इतिहास में सबसे लंबी सुनवाई केशवानंद भारती से सबंधित वाद में सुप्रीम कोर्ट में चली थी. तब 68 दिन सुनवाई चली थी. संवैधानिक मूल ढांचा आदि की व्याख्या तब संवैधानिक बेंच ने की थी. अबकी बार दूसरी सबसे लंबी सुनवाई हुई है. अयोध्या जमीन विवाद में मामले की सुनवाई करने वाली संवैधानिक बेंच में मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई के अलावा 4 अन्य जज जस्टिस शरद अरविंद बोबडे, जस्टिस अशोक भूषण, जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस एस अब्दुल नजीर शामिल हैं.
अयोध्या मामले में नियमित सुनवाई तय होने के बाद 40 दिनों तक हिंदू और मुस्लिम पक्षों ने अपनी-अपनी दलीलें रखीं. इस सुनवाई के बाद सुप्रीम कोर्ट ने 16 अक्टूबर को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था. इलाहाबाद हाई कोर्ट ने 30 सितंबर, 2010 को विवादित 2.77 एकड़ जमीन को सुन्नी वक्फ बोर्ड, निर्मोही अखाड़ा और राम लला विराजमान के बीच बराबर-बराबर बांटने का आदेश दिया था. इसके बाद सुप्रीम कोर्ट में इस फैसले के खिलाफ 14 याचिकाएं दायर की गयी थीं. शीर्ष अदालत ने मई, 2011 में हाई कोर्ट के फैसले पर रोक लगाने के साथ विवादित स्थल पर यथास्थिति बनाये रखने का आदेश दिया था. अब इन 14 अपीलों पर सुनवाई पूरी हो गयी है और कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया है.