रतलाम 26 जनवरी 2020/ रतलाम जिले में भी हर्षोल्लास तथा गरिमा के साथ गणतंत्र दिवस मनाया गया। इस अवसर पर रतलाम में आयोजित मुख्य समारोह में मुख्य अतिथि कलेक्टर रुचिका चौहान द्वारा ध्वजारोहण कर परेड की सलामी ली गई।
पुलिस लाइन मैदान पर आयोजित गरिमामय समारोह में कलेक्टर रुचिका चौहान ने प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री कमलनाथ के संदेश का वाचन किया। हर्ष फायर के उपरांत मार्च पास्ट में एसएफ कंपनी, जिला पुलिस बल, महिला पुलिस बल, जिला होमगार्ड, वन विभाग, एनसीसी, स्काउट गाइड, स्टूडेंट पुलिस कैडेट एवं शौर्य दल ग्रुप ने सधे हुए कदम ताल के साथ आकर्षक परेड की। मुख्य अतिथि द्वारा खुली जीप में सवार होकर परेड का निरीक्षण किया गया। उनके साथ पुलिस अधीक्षक गौरव तिवारी तथा अपर कलेक्टर जमुना भिडे भी थे। मुख्य अतिथि द्वारा परेड कमांडरों से परिचय प्राप्त किया गया। परेड का नेतृत्व प्रशिक्षु उपपुलिस अधीक्षक श्री नीमेश देशमुख ने किया। स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों तथा शहीदों के परिजनों का मुख्य अतिथि द्वारा सम्मान किया गया। समारोह में जिला पंचायत अध्यक्ष परमेश मईडा, उपाध्यक्ष डी.पी. धाकड, दिनेश शर्मा, राजेश पुरोहित, युसूफ खान, समरथ पाटीदार, जीतू परमार, जाहिद मंसूरी, दशरथ भाभर, शेरु पठान, डीआईजी गौरव राजपूत, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक डा. इन्द्रजीत बाकलवार, जिला पंचायत सीईओ संदीप केरकेट्टा, एसडीएम शहर लक्ष्मी गामड, संयुक्त कलेक्टर प्रवीण फुलपगारे, डिप्टी कलेक्टर शिराली जैन सहित गणमान्यजन, पत्रकारगण, स्कूली विद्यार्थी आदि उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन आशीष दशोत्तर एवं पूर्णिमा शर्मा ने किया।
मुख्य समारोह मे राष्ट्रगान तथा मध्यप्रदेश गान हुआ। हर्ष फायर, देशभक्ति से ओतप्रोत सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किए गए। पीटी प्रदर्शन हुआ। समृद्धि के प्रतीक रंग-बिरंगे गुब्बारे आकाश में छोडे गए। उत्कृष्ट कार्य करने वाले अधिकारियों, कर्मचारियों, पत्रकारों, समाजसेवियों तथा आम नागरिकों को सम्मानित किया गया।
आकर्षक परेड को मिला पुरस्कार
समारोह में 12 प्लाटून द्वारा आकर्षक परेड की गई। परेड का प्रथम पुरस्कार जिला होमगार्ड बल को दिया गया। द्वितीय पुरस्कार जिला महिला पुलिस बल तथा तीसरा पुरस्कार पुरुष पुलिस बल को दिया गया। परेड के दौरान पुलिस बैंड की मधुर धुनों को सभी ने सराहा।
सांस्कृतिक प्रस्तुतियों ने देशभक्ति का वातावरण निर्मित किया
समारोह में शहर के विद्यालयों द्वारा प्रस्तुत सांस्कृतिक कार्यक्रम को उपस्थितजनों ने सराहा। कार्यक्रम में 5 सांस्कृतिक प्रस्तुतियां दी गई जिसमें प्रथम पुरस्कार साईंश्री इंटरनेशनल स्कूल रतलाम, द्वितीय पुरस्कार रतलाम पब्लिक स्कूल एवं तृतीय पुरस्कार श्री गुजराती समाज इंग्लिश मीडियम स्कूल को प्रदान किया गया। शा. महारानी लक्ष्मीबाई कन्या उ.मा.वि. एवं शासकीय उत्कृष्ट उच्चतर माध्यमिक विद्यालय रतलाम की प्रस्तुति को सांत्वना पुरस्कार प्रदान किया गया।
झांकियों ने शासकीय योजनाओं, कार्यक्रमों को प्रदर्शित किया
गणतंत्र दिवस समारोह के दौरान 14 शासकीय विभागों द्वारा शासन की विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं व कार्यक्रमों को प्रदर्शित करती झांकियां निकाली गई। इन झांकियों को उपस्थितजनों ने सराहा। झांकी का प्रथम पुरस्कार महिला बाल विकास विभाग, द्वितीय पुरस्कार लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग एवं तृतीय पुरस्कार उद्यानिकी विभाग को प्रदान किया गया। प्रोत्साहन पुरस्कार पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग की झांकी को दिया गया।
मुख्यमंत्री के गणतंत्र दिवस संदेश के प्रमुख बिन्दु
- जीएसटी के कारण भारत सरकार से पिछले एक साल में राज्य को मिलने वाली राशि में कमी।
- गांधीजी की भावना के अनुरूप विजन-टू-डिलीवरी रोडमैप
- एक साल में लगभग 20 लाख किसानों के ऋण माफ।
- रुपये 2 लाख तक के कालातीत फसल ऋण और रुपये 50 हजार तक के चालू फसल ऋण माफ। दूसरा चरण शुरू। एक लाख तक के चालू फसल ऋण और रुपये 2 लाख तक के कालातीत फसल ऋण माफी के लिये बचे पात्र किसानों की ऋण माफी होगी।
- भंडारण क्षमता को बढ़ाने के लिए एक नई योजना ‘भविष्य’।
- नए उद्योगों में युवाओं के लिए 70 प्रतिशत रोजगार को अनिवार्य।
- उद्योग चलाना आसान करने एक नया कानून। सभी तरह की अनुमतियाँ अधिकतम सात दिन में।
- संभागीय मुख्यालयों में स्थित आईटीआई संस्थानों का मेगा आईटीआई में उन्नयन।
- प्रत्येक गाँव में सड़क, बिजली और ब्राडबैंड यानि इंटरनेट सुविधा ।
- 40 लाख आवासहीन परिवार को आवास की व्यवस्था।
- पानी के अधिकार को लेकर कानून बनाने का काम प्रारंभ।
- गौशाला को चारा- भूसा के लिये रोजाना अनुदान तीन रुपये से बढ़ाकर 20 रुपये प्रति गोवंश।
- अनुसूचित जनजाति प्लान बनाने की प्रथा को केन्द्र ने खत्म कर दिया। भारत सरकार से चर्चा कर इसे पुन: लागू किया जाए।
- स्कूलों में शिक्षकों की कमी दूर करने के लिये करीब 21 हजार शिक्षकों की भर्ती।
- स्कूली शिक्षा की गुणवत्ता के लिये शिक्षाविदों की परिषद का गठन।
- कर्मचारियों की लंबित समस्याओं के हल के लिए कर्मचारी आयोग की स्थापना।
- नागरिकों को घर पहुँच सरकारी सेवाएं देने की शुरूआत इंदौर शहर से।