कमीशन पर दवाई लिखना ना छोड़ा, तो नाम होंगे उजागर, रतलाम जिला औषधि विक्रेता संघ ने डॉक्टरों को दी चेतावनी

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रतलाम,07 फरवरी। शहर के कतिपय चिकित्सक लगातार कमीशन के लिए मनमानी दवाई लिख रहे है। उनकी लिखी दवा सभी मेडिकल स्टोरों पर नही मिलती है। इससे मरीज और उसके परिजन तो परेशान होते ही है, मेडिकल व्यापारियों में भी नाराजी बढ़ रही है। यदि डॉक्टरों ने कमीशन की दवाई लिखना नहीं छोड़ा, तो उनके नाम उजागर किए जाएंगे।

यह चेतावनी जिला औषधि विक्रेता संघ ने दी है। संघ के जिलाध्यक्ष जय छजलानी ने बताया कि शहर के कुछ डॉक्टर लगातार कमीशन की दवाई लिख रहे है। जिला औषधि विक्रेता संघ  की पिछली कार्यकारिणी की बैठक में इस मुद्दे पर सदस्यों द्वारा काफी नाराजगी जताई गई थी,क्योंकि कमीशन पर दवा लिखने के साथ कुछ डॉक्टर मरीजो के जीवन से खिलवाड़ भी कर रहे है। उनके द्वारा दवा लिखते समय पर्चे पर यह नही लिखा जाता की दवा कितने एमजी की देना है और उसे कितने समय लिया जाना है। इससे कमीशन देने वाला ही उनकी लिखावट समझता है और अन्य मेडिकल स्टोर दवा नही दे पाते।

संघ ने ऐसे डॉक्टरों की जानकारी इंडियन मेडिकल एसोसिएशन को दी है,लेकिन इसके बाद भी कमीशन का काम लगातार चल रहा है। संघ द्वारा इस पर जनहित में कार्यवाही कर डॉक्टरों को अंतिम चेतावनी देने का निर्णय लिया है। यदि कमीशन पर दवाई लिखना बंद नही की गई और दुकान विशेष पर दवा रखवाने से डॉक्टर बाज नहीं आए, तो संघ उनके नाम उजागर कर मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया को शिकायत करेगा। 

संघ अध्यक्ष छजलानी, सचिव राकेश कोचट्टा, कोषाध्यक्ष विजय माहेश्वरी सहित चंद्रप्रकाश जैन, कमल कटकानी, अजय मेहता, अब्दुल्ला ठाकर, सिराज पाथरिया, सुशील कोचट्टा, कमलेश सितपुरिया, गोल्डी धनोतिया, संजय तातेड़, कृष्णकांत गुप्ता, दीपक डोशी, दिनेश बरमेचा आदि ने इंडियन मेडिकल एसोसिएशन से मांग की है कि इस संबंध में डॉक्टरों को समझाइश देवे। अन्यथा अप्रिय स्थिति के लिए डॉक्टर खुद जिम्मेदार होंगे।