भोपाल में ज्योतिरादित्य सिंधिया के स्वागत में लगे पोस्टर, फेंकी स्याही
भोपाल में बुधवार को पॉलिटेक्निक चौराहा के पास लगाए गए भाजपा नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया की तस्वीर पर स्याही फेंकी गई और पोस्टर का एक हिस्सा फाड़ा गया है।
Bhopal: Posters of BJP leader #JyotiradityaMScindia being removed by the city’s municipal corporation. #MadhyaPradesh pic.twitter.com/vNsKRt2piA
— ANI (@ANI) March 12, 2020
कमलनाथ सरकार ने हटवाए भोपाल में स्वागत के लिए लगे पोस्टर
ज्योतिरादित्य सिंधिया के भाजपा में शामिल होने के बाद पहली बार भोपाल आगमन को लेकर समर्थकों द्वारा लगवाए गए पोस्टर्स को नगर निगम के अमले ने उतार दिया है। भोपाल नगर निगम की टीम ने इन पोस्टरों को अवैध बताते हुए यह कार्रवाई की।
सिंधिया के समर्थन में 10 हजार इस्तीफे
ज्योतिरादित्य सिंधिया के समर्थन में मध्यप्रदेश के ग्वालियर, गुना, शिवपुरी के कांग्रेस जिलाध्यक्षों सहित 10 हजार से ज्यादा कार्यकर्ताओं ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया है। ये इस्तीफे राज्य स्तर से लेकर ब्लॉक स्तर तक हुए हैं।
बागी विधायकों ने जारी किया वीडियो, बोले- महाराज कहेंगे तो कुएं में भी कूद जाएंगे
बंगलूरू गए कांग्रेस के 19 में से 17 विधायकों ने बुधवार को वीडियो जारी कर ज्योतिरादित्य सिंधिया का समर्थन किया है। इन विधायकों ने कहा कि हम पूरी तरह से महाराज के साथ हैं। महाराज कहेंगे तो कुएं में भी कूद जाएंगे।
कांग्रेस से मिलने या संपर्क करने की खबरें झूठी: बागी विधायक
कांग्रेस के बागी विधायकों ने कहा कि उनसे कांग्रेस के किसी नेता ने मुलाकात नहीं की है। बंगलूरू में कांग्रेस के किसी नेता से मिलने या संपर्क करने की खबरें झूठी हैं। बता दें कि मुख्यमंत्री कमलनाथ और दिग्विजय सिंह ने कल दावा किया था कि 19 में से 13 विधायक फिर से कांग्रेस के साथ लौटने को तैयार हैं।
इमरती देवी बोलीं- हमें खुशी है कि सिंधिया ने भाजपा में जाने का निर्णय लिया
कमलनाथ सरकार में मंत्री और डबरा से विधायक इमरती देवी ने कहा कि हमें खुशी है कि सिंधिया ने भाजपा में जाने का निर्णय लिया है। महाराज जहां भी बोलेंगे वहां जाने को तैयार हूं। वे कुएं में कूदने कहेंगे तो वो भी कर दूंगी।
कमलनाथ सरकार संकट में, यह है सियासी गणित
230 सदस्यीय मध्यप्रदेश विधानसभा में से दो सीटें खाली हैं, जिसके बाद कुल संख्या 228 है। अब तक 22 कांग्रेस विधायकों ने इस्तीफा भेजा है। अगर इन विधायकों का इस्तीफा स्वीकार हो जाता है तो कुल संख्या 206 हो जाती है, जिसके बाद बहुमत के लिए 104 विधायकों की जरूरत होगी।
22 विधायकों के इस्तीफे और चार के लापता होने के बाद कांग्रेस की सीटें 114 से घटकर 88 रह जाती हैं। वहीं, भाजपा की 107 सीटें हैं। 2018 में कमलनाथ के नेतृत्व में कांग्रेस ने चार निर्दलीय, दो बसपा और एक सपा विधायक के समर्थन से कुल 121 विधायकों के साथ सरकार बनाई थी।
सिंधिया ने कांग्रेस छोड़ने की बताई तीन वजहें
भाजपा की सदस्यता ग्रहण करने के बाद ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह का शुक्रिया कि उन्होंने हमें अपने परिवार में स्थान दिया। मेरे जीवन में दो तारीख काफी अहम रही हैं, इनमें पहला 30 सितंबर 2001 जिस दिन मैंने अपने पिता को खोया, वह जिंदगी बदलने वाला दिन है।
दूसरी तारीख 10 मार्च 2020 जो उनकी 75वीं वर्षगांठ थी जहां मैंने जीवन में एक बड़ा निर्णय लिया है। आज मन व्यथित है और दुखी भी है। जो कांग्रेस पहले थी वह आज नहीं रही, उसके तीन मुख्य बिंदु हैं। पहला कि वास्तविकता से इनकार करना, दूसरा नई विचारधारा और तीसरा नए नेतृत्व को मान्यता नहीं मिलना।
Delhi: BJP leader #JyotiradityaMScindia meets Union Minister and party leader Amit Shah. Amit Shah says, “I am sure his induction into the party will further strengthen BJP’s resolve to serve the people of Madhya Pradesh.” pic.twitter.com/zfPibHrQNd
— ANI (@ANI) March 12, 2020
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से मिलते ज्योतिरादित्य सिंधिया (ANI)
अगले दिन यानी शुक्रवार 13 मार्च को दोपहर 12 बजे के आसपास सिंधिया फिर से भाजपा प्रदेश कार्यालय पहुंचेंगे। जहां फिर से पं. दीनदयाल उपाध्याय, विजयाराजे सिंधिया, कुशाभाऊ ठाकरे की प्रतिमाओं और माधवराव सिंधिया के चित्र पर माल्यार्पण कर वे वरिष्ठ भाजपा नेताओं के साथ राज्यसभा चुनाव के लिए नामांकन दाखिल करने विधानसभा जाएंगे।