भारत सरकार कृषि मंत्रालय की परिषद में रतलाम के अशोक पाटीदार चयनित, देश के 09 कृषकों में से एक…

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News By – विवेक चौधरी

रतलाम : भारत सरकार की मिनिस्ट्री आफ एग्रीकल्चर एंड फार्मर वेलफेयर डिपार्टमेंट ऑफ एग्रीकल्चर कॉर्पोरेशन एंड फार्मर्स वेलफेयर (हॉर्टिकल्चर डिवीजन) अंतर्गत गठित जनरल काउंसिल जिसे मिशन फॉर इंटीग्रेटेड डेवलपमेंट ऑफ हॉर्टिकल्चर (एमआईडीएच) के नाम से जाना जाता है, के लिए देश भर से कृषि एवं वानिकी क्षेत्र में विशेष कार्य एवं इनोवेटिव समझ रखने वाले 9 विशेषज्ञों का चयन किया है। उसमें मध्य प्रदेश से एक मात्र चयनित व्यक्ति के रूप में रतलाम जिले के बिलपांक गांव के रहने वाले अशोक पाटीदार है। न्यूज़ इंडिया 365 से बात करते हुए अशोक पाटीदार ने कहा कि उनका लक्ष्य पद नहीं भारत माँ की सेवा है। देश मे चल रही पारंपरिक कृषि से ऊपर उठकर हमे सोचना पड़ेगा। ऐसे अनेक उपाय है जिनके माध्यम से कम से कम पानी मे सिंचाई कर अच्छी फसल ली जा सकती है। मैं अपने अनुभवों, क्षेत्र के कृषकों की आवश्यकताओं एवं वर्तमान समय मे उपलब्ध तकनीकों के लिये यथासंभव प्रयास करेंगे।

एमआईडीएच के मुख्य उद्देश्य क्षेत्र आधारित क्षेत्रीय विभेदित रणनीतियों के माध्यम से बांस और नारियल सहित संपूर्ण बागवानी क्षेत्र की समग्र विकास को बढ़ावा देना, जिसमें प्रत्येक राज्य / क्षेत्र और इसके विविध कृषि- के तुलनात्मक लाभ के अनुरूप अनुसंधान, प्रौद्योगिकी-संवर्धन, विस्तार, फसल प्रबंधन, प्रसंस्करण और विपणन शामिल हैं। जलवायु विशेषताएं, स्केल और स्कोप की अर्थव्यवस्था लाने के लिए एफआईजी /एफपीओ और एफपीसी जैसे किसान समूहों में किसानों के एकत्रीकरण को प्रोत्साहित करें। बागवानी उत्पादन में वृद्धि, किसानों को बढ़ाना, आय और पोषण सुरक्षा को मजबूत करना; माइक्रो इरिगेशन के माध्यम से गुणवत्ता जर्मप्लाज्म, रोपण सामग्री और जल उपयोग दक्षता के माध्यम से उत्पादकता में सुधार। कौशल विकास का समर्थन करें और विशेष रूप से कोल्ड चेन क्षेत्र में बागवानी और कटाई के बाद के प्रबंधन में ग्रामीण युवाओं के लिए रोजगार सृजन के अवसर पैदा करें। बागवानी के विकास के लिए मिशन बागवानी,फल, सब्जियां, जड़ और कंद फसलों, मशरूम, मसाले,फूल, सुगंधिपौधों, नारियल, काजू, कोको और बांस को कवर करने वाले बागवानी क्षेत्र के समग्र विकास के लिए एक केंद्र प्रायोजित योजना है। 

समाजसेवा में सक्रिय अशोक पाटीदार ने शासकीय सेवा में रहते हुऐं संभाग और जिला समन्‍वयक रूप में सेवाएं दी तथा शासकीय सेवा छोडकर लगभग 05 वर्षो तक नर्मदा नदी का संरक्षण एवं संवर्धन के लिये कार्य करते हुए नदी के तट पर प्राकृतिक कृषि और वानिकी के लिये कार्य किया विगत 6 वर्ष तथा वर्तमान में आप रतलाम जिले के बिलपांक गांव में अपनी कृषि भूमि में वानिकी एवं पर्यावरण के क्षेत्र में विविधता पूर्ण कार्य तथा अपने क्षेत्र के किसानों में प्राकृतिक कृषि को लेकर जन जागरण एवं कृषि में अनुसंधान जैसे अभिनव कार्यो में निःस्वार्थ भाव से कार्यरत है। साथ ही कई प्रकार के अनुसंधान कार्य जैसे इजराइल कि तर्ज पर पौधारोपण, ट्री- ट्रांसप्‍लांट, बंजर पहाडी को हराभरा करना जैसे शोध कार्य किये जा रहे है। इस दौरान आप कई स्‍वयंसेवी संस्‍थाओं में पदाधिकारी रहते हुए समाज कार्य करते रहे है।