News By – नीरज बरमेचा & विवेक चौधरी
रतलाम। 18 और 19 अप्रैल 2020 को जिला स्तरीय और प्रदेश स्तरीय कोरोना बुलेटिन में रतलाम के आंकड़ों के अंतर को लेकर न्यूज़ इंडिया 365 ने अपनी खबरों में जिला प्रशासन के स्पष्टीकरण के अभाव का जिक्र किया था। जिसका असर देखने को मिला है। रतलाम जिला प्रशासन ने रविवार की रात्रि को जनसम्पर्क विभाग के माध्यम से इस संदर्भ में प्रकाश डाला है। उन्होंने बताया कि कलेक्टर रुचिका चौहान द्वारा स्पष्ट किया गया है कि ‘रतलाम जिले में कोरोना पॉजिटिव मरीजों की संख्या 12 है। राज्य एवं जिला स्तर की रिपोर्टिंग के अंतर के संबंध में सभी स्तरों पर अध्ययन तथा क्रॉस चेक में पाया गया है कि रिपोर्टिंग में भिन्नता का कारण “संभवतया लिपिकीय त्रुटि” है। यह भी स्पष्ट है कि जिस जिले से व्यक्ति का सैंपल लिया जाकर लैब को भेजा जाता है, उसकी रिपोर्ट भी उसी जिले में आती है। व्यक्ति चाहे किसी भी अन्य जिले का रहवासी हो।’
यद्यपि यह अधूरा स्पष्टीकरण ही है तथापि प्रशासन का स्पष्टीकरण आना एक सुखद संकेत है। प्रशासन द्वारा इसे “संभवतया लिपिकीय त्रुटि” बताया है, लेकिन यह नहीं बताया है कि इस संभावित त्रुटि को दूर करने के लिए वो क्या प्रयास कर रहे हैं? क्या वे भोपाल मुख्यालय से संवाद कर रहे है या नहीं? खबरों की पुष्टि अथवा खंडन ना होने से असमंजस की स्थिति निर्मित होती है। जिसके लिए प्रशासन को नियमित एवं मुखर होकर मीडिया से संवाद रखना चाहिए। लॉक डाउन की स्थिति में मीडिया ही प्रशासन और जनता के बीच महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। विगत दिनों रतलाम प्रेस क्लब अध्यक्ष राजेश जैन के नेतृत्व में वरिष्ठ पत्रकारगण शरद जोशी, तुषार कोठारी, अमित निगम एवं किशोर जोशी ने रतलाम के पत्रकारों के प्रतिनिधिमंडल के रूप में जिला कलेक्टर एवं पुलिस अधीक्षक से भेंट कर समाचारों के संदर्भ के आ रही व्यवहारिक समस्याओं पर चर्चा की थी। दिन में सुबह और शाम दो बार अधिकृत स्वास्थ्य बुलेटिन जारी करने का आश्वासन मिला था, जिसपर अभी तक अमल होता नजर नहीं आया है। पत्रकार भी अन्य कोरोना योद्धाओं की भांति अपनी जान जोखिम में डालकरन अपने कर्तव्य का निर्वहन कर रहा है। ऐसे में प्रशासन से उसकी आशा और अपेक्षा भी होती है कि प्रशासन सही समय पर उसे प्रामाणिक आँकड़े और जानकारी उपलब्ध कराएँ। ताकि उसके माध्यम से शहरवासी भी अपने घर पर रहकर ही प्रामाणिक खबरें प्राप्त कर सकें।