देश में कोरोनावायरस के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं. एक अध्ययन के मुताबिक, भारत में कोरोना के मामले 15 मई तक अपने चरम पर होंगे. इसके बाद कोरोना संक्रमितों की संख्या कम होने लगेगी. जिन राज्यों ने सबसे पहले लॉकडाउन शुरू किया था, उनमें कोरोना संक्रमितों की संख्या व अन्य मुश्किलें कम होंगी. कोविड-19 के फैलाव पर ग्लोबल कंसल्टिंग फर्म प्रोटिविटी और टाइम्स नेटवर्क ने अध्ययन कर यह दावा किया है.
टाइम्स फैक्ट इंडिया रिपोर्ट में तीन अलग अलग संभावनाओं और सलाहों पर कहा है कि 22 मई तक भारत में कोरोना के मामले 75 हजार से ज्यादा होंगे. टाइम्स फैक्ट इंडिया की आउटब्रेक रिपोर्ट तैयार करने में कई तरह के कैलकुलेशन किए गए हैं. इसमें प्रतिशत-आधारित(परसेंटेड मॉडल), समयचक्र( टाइम सीरीज मॉडल) और सस्पेक्टिबल एक्सपोज्ड इंफेक्टेड रिकवर्ड (एसईआईआर) मॉडल का उपयोग किया गया है.
एसईआईआर मॉडल से पता चलता है कि यह महामारी अगस्त तक देश में बनी रह सकती है. कुछ राज्य मई के अंत या जून की शुरुआत तक इस संकट से उबर सकते हैं जबकि ज्यादा संक्रमण वाले राज्यों को इस महामारी से उबरने में एक महीना ज्यादा समय लग सकता है. अध्ययन में केंद्र सरकार के आंकड़ों, सरकारी बुलेटिनों की जानकारी और स्वास्थ्य मंत्रालय की तरफ से होने वाले दैनिक अपडेट का इस्तेमाल किया गया.
प्रतिशत-आधारित कैलकुलेशन का इस्तेमाल इटली और अमेरिका में हुआ था जिससे कोरोना के संक्रमण और और इससे होने वाली मौतों का अनुमान लगाया गया. इसी के आधार पर भारत में इसी मॉडल को अपना कर कोरोना के विस्तार का अध्यन किया गया. टाइम सीरीज मॉडल ( दैनिक आधार पर नए मामलों की संख्या ) का उपयोग चीन और कोरिया के मामलो में किया गया. एसईआईआर मॉडल ये पता चला कि कि संक्रमित कितने व्यक्तियों को संक्रमित कर सकता है. इन तीनों मॉडल को मिला कर छह प्रकार की परिस्थितयों का अनुमान लगाया है. इस अनुमान से यह संकेत मिलता है कि लॉकडाउन से कितना सुरक्षित है और इसके हटाने के बाद क्या होगा.
लॉकडाउन बढ़ा तो होगा सबसे ज्यादा फायदा
टाइम्स फैक्ट इंडिया की आउटब्रेक रिपोर्ट में दो स्थितियों को दर्शाया है जब केस टैली जीरो हो सकता है. ऐसी स्थिति का अनुमान इस बात पर लगाया गया है कि लॉकडाउन तीन मई से आगे बढ़ेगा. लॉकडाउन आगे बढ़ने पर कोरोना का रिप्रोडक्शन रेट 0.8 रहेगा जो 0 से आठ व्यक्तियों तक फैल सकेगा. पहली स्थिति में अगर लॉकडाउन 15 मई तक बढाया जाएगा तो केस टैली 15 सिंतबर तक जीरो होगा. वहीं दूसरी स्थिति में लॉकडाउन को 30 मई तक बढाया जाए तो मध्य जून तक केस टैली जीरो होने की संभावना है. इसमें दैनिक आधार पर नए मामलों की संख्या और सक्रिय मरीजों की कुल संख्या का उपयोग करके यह बताया गया है कि आने वाले दिन में महामारी किस स्तर पर पहुंच जाएगी. रिपोर्ट में कहा गया है कि महामारी को मात देने के लिए एक मजबूत लॉकडाउन और नियंत्रण उपायों की जरूरत है.
साभार – प्रभातखबर