मध्य प्रदेश में बुधवार दोपहर तक कोरोना वायरस के 40 नए मरीज सामने आए हैं। इसके साथ ही प्रदेश में कोरोना वायरस से संक्रमित लोगों की संख्या बढ़कर 1,587 हो गई है। प्रदेश सरकार के ताजा स्वास्थ्य बुलेटिन के अनुसार प्रदेश में अब तक कोरोना वायरस महामारी से 80 लोग अपनी जान गंवा चुके हैं। हालांकि, इस बीमारी से प्रदेश में आज किसी की मौत नहीं हुई है।
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कोरोना वायरस महामारी से प्रदेश में हुई 80 मौतों में से सबसे अधिक 52 मौतें अकेले इंदौर में हुई हैं, जबकि भोपाल एवं उज्जैन में सात-सात, देवास में छह, खरगोन में तीन और छिंदवाड़ा, जबलपुर, आगर मालवा, धार तथा मंदसौर में एक-एक मरीज की मौत हुई है।
बुरहानपुर जिले में बुधवार को पहली बार एक व्यक्ति के कोरोना वायरस से संक्रमित पाए जाने के बाद प्रदेश के कुल 52 में से 28 जिलों में अब तक कोविड-19 ने अपनी दस्तक दे दी है।
मध्यप्रदेश की आर्थिक राजधानी इंदौर कोरोना वायरस की महामारी से बुरी तरह प्रभावित है। बुधवार दो बजे तक वहां कोविड-19 के आठ नए मरीज मिले हैं। इसके बाद इंदौर में कोरोना वायरस की चपेट में आने वाले लोगों की संख्या बढ़कर 923 हो गई है। प्रदेश की राजधानी भोपाल में कोरोना वायरस से संक्रमित लोगों की संख्या 303 हो गई है। यहां बुधवार को कोविड-19 के 18 नए मरीज मिले हैं।
वहीं, उज्जैन में 41 (आठ नए) लोग अब तक कोरोना वायरस से संक्रमित हो गए हैं, जबकि रायसेन में 26 (दो नए) एवं रतलाम में 12 लोग इस महामारी की चपेट में आ चुके हैं।
इनके अलावा, धार जिले में अब तक 36 लोग कोरोना वायरस से संक्रमित पाए गए हैं, जबकि जबलपुर में 26, देवास में 20, आगर मालवा में 11, खरगोन में 41, खंडवा में 32, होशंगाबाद में 25, बड़वानी में 24, मुरैना में 16, विदिशा में 13, मंदसौर में आठ, शाजापुर में छह, श्योपुर में चार, छिंदवाड़ा में चार, ग्वालियर में तीन, अलीराजपुर में तीन, शिवपुरी और सागर में दो-दो और बैतूल, टीकमगढ़ और राजगढ़, बुरहानपुर एवं डिंडोरी में एक-एक मरीज सामने आए हैं। एक मरीज अन्य राज्य का है। प्रदेश में अब तक 152 मरीज उपचार के बाद स्वस्थ्य भी हो चुके हैं।
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युवक की जांच के लिए पहुंची पुलिस और मेडिकल टीम पर हुआ हमला
मध्यप्रदेश के श्योपुर जिले में बुधवार को एक पुलिस अधिकारी पर कथित रूप से हमला किया गया। पुलिस अधिकारी यहां एक व्यक्ति को कोरोना जांच के लिए लेने गया था, लेकिन उसके परिवार के सदस्यों ने अधिकारी पर हमला कर दिया।
पुलिस ने कहा कि सहायक उप-निरीक्षक श्रीराम अवस्थी (52) को सिर में चोट लगी है, उन पर पत्थर से हमला किया गया। एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि मामले में चार लोगों को गिरफ्तार किया गया और उन पर राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (रासुका) लगया गया है।
पुलिस के उप-विभागीय अधिकारी वीरेंद्र कुशवाहा ने कहा कि एक मेडिकल टीम गोपाल शिवहरे (21) की जांच करने के लिए गई थी। हमें पता चला था कि वह हाल ही में इंदौर से लौटा है।
उन्होंने बताया कि गोपाल के पिता ने पुलिस से कहा कि वह घर पर नहीं है और वह पूरी तरह ठीक है। उसने अपने बेटे को बुलाने से इनकार कर दिया। इसके बाद टीम लीडर डॉ पवन उपाध्याय ने मदद के लिए दस्वामी थाने में फोन लगाया।
एसडीओपी ने कहा कि एएसआई श्रीराम अवस्थी तीन पुलिसकर्मियों के साथ घटनास्थल पर पहुंचे और गंगाराम को अपने बेटे को जिला मुख्यालय से 140 किलोमीटर दूर दस्वामी में जांच के लिए लाने को कहा। इससे गुस्साए परिवार वालों ने उन पर पत्थर फेंकना शुरू कर दिया।
उन्होंने कहा कि इससे अवस्थी के सिर में चोट लग गई और खून बहने लगा। कुशवाहा ने कहा कि उन्हें अस्पताल ले जाया गया, जबकि गोपाल समेत चार लोगों को आईपीसी की संबंधित धाराओं के तहत गिरफ्तार कर लिया गया।
भोपाल में कोरोना के 44 मरीज ठीक
राजधानी भोपाल में कोरोना वायरस को 44 मरीजों ने मात दी है। ये मरीज कोविड-19 से पूरी तरह ठीक हो गए हैं। ठीक होने वाले मरीजों में पुलिसकर्मी और डॉक्टर भी शामिल है। एक अधिकारी ने बुधवार को इसकी जानकारी दी।
राज्य के जनसंपर्क विभाग के एक अधिकारी ने कहा कि ‘हम होंगे कामयाब’ गाने और पुलिस बैंड के साथ मरीजों का स्वागत किया गया। उन्होंने कहा कि संक्रमण से उबरने वाले 44 व्यक्तियों, जिनमें 22 पुलिसकर्मी और स्वास्थ्य कार्यकर्ता शामिल हैं, को आज चिरायु मेडिकल कॉलेज से छुट्टी दे दी गई।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने डिस्चार्ज मरीजों को घातक वायरस के खिलाफ लड़ाई जीतने के लिए बधाई दी और वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए उनसे बात की।
कोटा में फंसे मध्यप्रदेश छात्रों ने घर लौटना शुरू किया
देश में लॉकडाउन लागू होने की वजह से राजस्थान के कोटा में मध्यप्रदेश के फंसे हुए छात्रों ने बुधवार को अपने घरों के लिए निकलना शुरू किया। मध्यप्रदेश सरकार ने छात्रों को लाने के लिए मंगलवार रात कम से कम 143 बसों को कोटा भेजा।
एडीएम (प्रशासन) नरेंद्र गुप्ता ने कहा कि शाम चार बजे, कोटा से मध्यप्रदेश के लिए 90 बसें रवाना हुई हैं। साथ ही उन्होंने बताया कि कोटा में राज्य के चार हजार छात्र फंसे हुए हैं।
गुप्ता ने कहा कि सामाजिक दूरी मानदंडों को बनाए रखने के लिए, 30 से कम छात्रों को बस में चढ़ने की अनुमति दी गई। उन्होंने कहा कि प्रस्थान से पहले बसों को पूरी तरह से साफ कर दिया गया और प्रत्येक छात्र की स्क्रीनिंग ठीक से की गई।
अधिकारियों के अनुसार, गुजरात के लगभग 450 और दीव के लगभग 100 छात्रों को भी बुधवार रात तक अपने घरों के लिए रवाना होना है। गुजरात सरकार ने कम से कम 15 बसें भेजी थीं, जो मंगलवार रात कोटा पहुंची। वहीं, दीव प्रशासन द्वारा तीन बसें भेजी गईं।
इंदौर के 50 फीसदी संक्रमितों ने नहीं दिखाई दिए कोरोना के शुरुआती लक्षण
इंदौर शहर के सबसे व्यस्त कोविड-19 अस्पताल में कोरोना वायरस के 50 फीसदी रोगियों में शुरू में संक्रमण के कोई लक्षण नहीं दिखाए थे। इस कारण कार्यकर्ताओं ने राज्य सरकार से ऐसे व्यक्तियों की पहचान करने के लिए स्क्रीनिंग करने का आग्रह किया है।
श्री अरबिंदो इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस के मेडिसिन विभाग के प्रमुख डॉ रवि दोशी ने कहा कि पिछले एक महीने में उन्होंने अस्पताल में लगभग 550 कोरोना रोगियों को देखा। उनमें से 275 मरीजों में शुरू में इस वायरस के लक्षण नहीं दिखाई दिए।
उन्होंने बताया कि बुखार, गले में खराश, सर्दी और सूखी खांसी कोरोना वायरस संक्रमण के कुछ लक्षण हैं। अन्य अस्पतालों में कम से कम 73 फीसदी अज्ञात ऐसे रोगियों को दिखाया गया, जिनमें कोरोना के शुरुआती लक्षण नहीं दिखे।
सरकार द्वारा संचालित मनोरमा राजे टीबी अस्पताल के एक डॉक्टर ने कहा कि उनके यहां एक महीने से 90 वायरस के मरीज देखे गए हैं। उनमें से 66 फीसदी में कोई शुरुआती लक्षण नहीं दिखाई दिए।
स्वास्थ्य कार्यकर्ता अमूल्य निधी ने कहा कि सरकार को ऐसे रोगियों की पहचान करने और लॉकडाउन हटाए जाने से पहले उन्हें अस्पतालों में भर्ती करने के लिए आम लोगों की जांच और परीक्षण का पैमाना बनाना चाहिए। नहीं तो ऐसे मरीज शहर के अन्य लोगों को संक्रमित कर देंगे।
जिला मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी (सीएमएचओ), प्रवीण जडिया ने कहा कि पिछले एक महीने में 4,000 लोगों के नमूने विभिन्न प्रयोगशालाओं में परीक्षण के लिए भेजे गए, जिनमें 923 लोग पॉजिटिव पाए गए। उन्होंने कहा कि इलाज के दौरान पचास लोगों की मौत हो गई है, जबकि 72 को ठीक होने के बाद छुट्टी दे दी गई है।
इंदौर के अस्पताल में कोरोना मरीज गा रहे ‘हम होंगे कामयाब’ गीत
अक्सर नागरिक अधिकार आंदोलन में गाया जाने वाले गीत ‘हम होंगे कामयाब’ अब कोरोना वायरस मरीजों का मनोबल को बढ़ाने वाले गीतों में बदल गया है। इंदौर के ईएसआईसी अस्पताल के वार्ड में संदिग्ध कोरोना वायरस रोगियों द्वारा इस गीत को गाया जा रहा है, ताकि इस खतरनाक वायरस की लड़ाई में उनका मनोबल बना रहें।
सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे वीडियो में देखा जा सकता है कि वार्ड के मरीज इस गीत को गा रहे हैं और तालियां बजा रहे हैं। इसे कोरोना वायरस को हराने के लिए एक शपथ के रूप में देखा जा सकता है।
अस्पताल की अधीक्षक सुचित्रा बोस ने बुधवार को कहा कि हमने देखा है कि कोविड-19 के संदिग्ध मरीज अपनी स्वास्थ्य के बारे में बहुत चिंतित हैं और बेचैन हो जाते हैं। बोस ने कहा कि दवाओं के अलावा वे मरीजों का मनोबल बढ़ाने के लिए म्यूजिक थेरेपी भी दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि हम वार्ड में भक्ति और प्रेरणादायक गीत बजाते हैं।
म्यूजिक थेरेपी की सकारात्मकता के बारे में बताते हुए बोस ने कहा कि यह वार्ड में वातावरण को जीवंत रखता है और न केवल रोगियों बल्कि चिकित्सा कर्मियों को भी प्रोत्साहित करता है। बोस ने कहा कि कुल 30 संदिग्ध रोगियों को वर्तमान में ईएसआईसी अस्पताल में भर्ती कराया गया है। कोरोना वायरस से नेगेटिव पाए जाने के बाद कुल 15 लोगों को अस्पताल से छुट्टी दे दी गई। इसके अलावा, अस्पताल में प्राणायाम सत्र भी आयोजित किया जाता है।
इंदौर में दो नर्सों की मौत की खबर
मध्यप्रदेश में कोरोना वायरस महामारी के बढ़ते प्रकोप के बीच इंदौर में दो नर्सों की मौत का मामला सामने आया है। प्राप्त जानकारी के अनुसार इंदौर के एमवाय अस्पताल में पिछले 12 घंटे में दो नर्सों की मौत हुई है।
55 साल की एक नर्स को सर्दी, खांसी और बुखार होने पर चेस्ट वार्ड में भर्ती किया गया था। कोरोना के लक्षण दिखाई देने पर उनके सैंपल जांच के लिए भेजे गए थे। वहीं, रात में ही एमवायएच की एक अन्य महिला नर्स की भी मौत हो गई। हृदय रोग से पीड़ित नर्स का भी एमवाय अस्पताल में ही इलाज चल रहा था।
एमवायएच अधीक्षक डॉ. पीएस ठाकुर ने बताया कि बताया कि अस्पताल के चेस्ट वॉर्ड में भर्ती महिला नर्स समेत दो नर्स ने मंगलवार रात दम तोड़ दिया। 55 साल की महिला नर्स में कोरोनावायरस के लक्षण दिखाई दिए थे, जिसके बाद उसका नमूना लेकर जांच के लिए भेजा गया था, अभी रिपोर्ट नहीं आई है।
कोरोना वायरस के हॉटस्पॉट इंदौर में डॉक्टरों को पिछले एक महीने में 50 फीसदी मरीज ऐसे मिले हैं जिनमें शुरुआत में कोरोना के आम लक्षण नहीं पाए गए। इस बात से चिंतित सामाजिक कार्यकर्ताओं ने 30 लाख से ज्यादा आबादी वाले शहर में लॉकडाउन खुलने के बाद ऐसे मरीजों से संभावित बड़े खतरे के प्रति सरकार को आगाह किया है।
श्री अरबिंदो इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (सैम्स) में छाती रोग विभाग के प्रमुख डॉ. रवि डोसी ने बुधवार को बताया कि मैं पिछले एक महीने के दौरान कोविड-19 के लगभग 550 मरीज देख चुका हूं। शुरुआत में इनमें से 275 मरीजों में इस महामारी के आम लक्षण नहीं दिखाई दिए थे।
उज्जैन में 14 ओर पॉजिटिव मरीज
वहीं, उज्जैन में 14 और संक्रमित मरीज सामने आए हैं। मरीजो में एक डॉक्टर का बेटा ओर रिश्तेदार भी शामिल हैं। इसके अलावा एक नर्स भी संक्रमित मिली है। यहां अबतक संक्रमित की संख्या 19 हो गई है। बीते 36 घंटे में 28 कोरोना पॉजिटिव सामने आए हैं। इसी के साथ उज्जैन में अबतक कोरोना मरीजों की संख्या 59 पहुंच गई है।
साभार – अमर उजाला
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