कोरोनावायरस लॉकडाउन के कारण 40-45 दिन से ठहरी हुई जिंदगी फिर से रफ्तार पकड़ने वाली है. आपके शहर में जल्द ही मॉल, सिनेमा हॉल और रिटेल शॉप खुलने की संभावना है. कोरोना खतरे के बीच आम जनजीवन और अर्थव्यवस्था को सुचारू रूप से चलाने के लिए सरकार ने मंथन शुरू कर दिया है. हालांकि उक्त सारी चीजें केवल ग्रीन जोन के लिए ही है. ऑरेज जोन और रेड जोन में कड़ाई जारी रहेगी.
बताया जा रहा है कि ग्रीन जोन वाले इलाकों में रात के समय मॉल, सिनमा हॉलऔर रिटेल की दुकानों को खोलने की अनुमति दी जा सकती है. इस दौरान शारीरिक दूरी और मास्क पहनने जैसी बातों का विशेष तौर पर ध्यान रखना होगा. सरकार का मानना है कि यह प्लान कारगर साबित होता है तो व्यापारिक गतिविधियों को तेजी मिलेगी. इकनॉमिक टाइम्स की खबर के मुताबिक, अधिकारियों ने कहा है कि रात के समय इनकी अनुमति देने से ट्रैफिक कम होगा और हालात को संभालना ज्यादा आसान होगा. सरकार में विभिन्न स्तर पर मंथन जारी है.
हालांकि आखिरी फैसला स्वास्थ्य मंत्रालय लेगा, जिसके बाद ही गृह मंत्रालय गाइडलाइन जारी करेगा. बता दें कि मध्यप्रदेश में सुबह 6 बजे से देर रात तक रिटेल दुकानों को खोलने की अनुमति दे गयी है. इसी तर्ज पर कुछ अन्य राज्य भी फैसला लेना चाहते हैं. श्रम मंत्रालय के नियमों के अनुसार, रिटेल दुकानें 24 घंटे खुली रह सकती हैं.
इकनॉमिक टाइम्स ने रिटेलर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया के सीईओ के हवाले से लिखा है कि शारीरिक दूरी और मास्क पहनने जैसी शर्तों के साथ रात में ही मॉल, सिनेमा हॉल और रिटेल शॉप खोलने की अनुमति मिले तो ये बढिया कदम है. बस डर इस बात का है कि लोग हड़बड़ी न करने लगें, लोगों में ज्यादा से ज्यादा समान खरीदने की होड़ न मचे. उन्होंने कहा कि सरकार अगर ऐसा करती है तो बिजनेश सेक्टर के लिए राहत की बात होगी. वहीं कोरोना वायरस फैलने से पहले यहां 15 फीसदी तक नई भर्तियां करने की प्लानिंग थी. हालांकि अब नए सिरे से फैसले लिए जा रहे हैं.
ये फायदे होंगे
मॉल, सिनेमा हॉल और रिटेल की दुकानों को खोलने के कई फायदे होंगे. सबसे बड़ा फायदा यह कि यहां काम करने वाले लाखों कर्मचारियों की रोजी-रोटी चलती रहेगी. कारण- इन सेक्टर्स में नौकरियों में 30 फीसदी छंटनी की तलवार लटक रही है. साथ ही बिजनेस आने लगेगा. रिटेल मार्केट पर लॉकडाउन का सबसे ज्यादा असर पड़ा है. ये दुकानें खुलती हैं तो मार्केट राहत की सांस लेगा. हालांकि नियमों का पालन करवाना और ऑपरेशनल कास्ट को कम रखना, बड़ी चुनौती होगी.
साभार – प्रभात खबर