योग गुरु रामदेव की पतंजलि आयुर्वेद ने कोविड-19 के इलाज में शत-प्रतिशत कारगर होने का दावा करते हुए मंगलवार को बाजार में एक औषधि उतारी. लेकिन इसके कुछ ही घंटे बाद आयुष मंत्रालय ने उसे इस औषधि में मौजूद विभिन्न जड़ी -बूटियों की मात्रा एवं अन्य ब्योरा यथाशीघ्र उपलब्ध कराने को कहा.
साथ ही, मंत्रालय ने विषय की जांच-पड़ताल होने तक कंपनी को इस उत्पाद का प्रचार भी बंद करने का आदेश दिया है. पतंजलि आयुर्वेद ने ‘कोरोनिल’ दवा पेश करते हुए मंगलवार को दावा किया कि उसने कोविड-19 का इलाज ढूंढ लिया है. हालांकि, मंत्रालय ने कहा कि इस दावे के तथ्य और बताया जा रहे वैज्ञानिक अध्ययन के ब्योरे के बारे में उसे जानकारी नहीं है.
Ministry has taken cognizance of news in media about Ayurvedic medicines developed for #COVID19 treatment by Patanjali Ayurved Ltd. The company asked to provide details of medicines & to stop advertising/publicising such claims till issue is duly examined: Ministry of AYUSH
— ANI (@ANI) June 23, 2020
पतंजलि को नमूने के आकार, स्थान एवं उन अस्पतालों का ब्योरा देने को कहा गया है, जहां अनुसंधान अध्ययन किया गया. साथ ही,संस्थागत नैतिकता समिति की मंजूरी भी दिखाने को कहा गया है.
मंत्रालय ने एक बयान में कहा, संबद्ध आयुर्वेदिक औषधि विनिर्माता कंपनी को सूचित किया गया है कि आयुर्वेदिक औषधि सहित दवाइयों का इस तरह का विज्ञापन औषधि एवं चमत्कारिक उपाय (आपत्तिजनक विज्ञापन) अधिनियम,1954 तथा उसके तहत आने वाले नियमों और कोविड-19 के प्रसार के मद्देनजर केंद्र सरकार द्वारा जारी निर्देशों से विनियमित होता है.
गौरतलब है कि बाबा रामदेव ने दावा किया कि आयुर्वेद पद्धति से जड़ी-बूटियों के गहन अध्ययन और अनुसंधान के बाद बनी ‘कोरोनिल’ दवा मरीजों को शत प्रतिशत फायदा पहुंचा रही है. यहां पतंजलि योगपीठ में संवाददाताओं से बाबा रामदेव ने कहा कि पतंजलि पूरे विश्व में पहला ऐसा आयुर्वेदिक संस्थान है जिसने जड़ी-बूटियों के गहन अध्ययन और अनुसंधान के बाद कोरोना महामारी की दवाई प्रमाणिकता के साथ बाजार में उतारी है.
उन्होंने कहा कि यह दवाई शत प्रतिशत मरीजों को फायदा पहुंचा रही है. साथ ही बताया कि 100 मरीजों पर नियंत्रित क्लिनिकल ट्रायल किया गया जिसमें तीन दिन के अंदर 69 प्रतिशत और चार दिन के अंदर शत प्रतिशत मरीज ठीक हो गये और उनकी जांच रिपोर्ट नेगेटिव आयी.
बाबा रामदेव ने कहा, यह इतिहास की बहुत बड़ी घटना है. उन्होंने इस संबंध में कटाक्ष भी किया और कहा कि हो सकता है कि कई लोग इस दवाई पर संदेह करें और ‘कहें कि यह कैसे हो सकता है. रामदेव ने कहा कि हम ‘कोरोनिल’ को पतंजलि योगपीठ से पूरे विश्व के लिए लॉन्च कर रहे हैं और पूरे आयुर्वेद जगत के लिए यह बहुत ही गर्व का विषय है.
रामदेव के सहयोगी आचार्य बालकृष्ण ने बताया कि इस दवा के अनुसंधान में पतंजलि और जयपुर के राष्ट्रीय आयुर्वेद संस्थान के चिकित्सकों ने संयुक्त रूप से परीक्षण और क्लीनिक ट्रायल किया. साथ ही बताया कि अनुसंधान का कार्य अभी जारी रहेगा.
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