जिले में सर्दी, खांसी, बुखार वाली दवाइयों के विक्रय की सूचना प्रतिदिन गूगल शीट में देना होगी

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News by- नीरज बरमेचा 

  • प्राइवेट डॉक्टर्स एवं पैथोलॉजी संचालकों को भी जारी किए इसी प्रकार के निर्देश
  • दंड प्रक्रिया संहिता 1973 की धारा 144 के तहत जारी किए आदेश

रतलाम 27 अगस्त 2020/ जिले के समस्त केमिस्ट मेडिकल शॉप एवं फार्मेसी को आदेशित किया गया है कि उनके द्वारा जिन व्यक्तियों को सर्दी, खांसी, बुखार एवं सांस लेने में तकलीफ होने संबंधी जो भी दवाइयां विक्रय की जाती हैं उनका संपूर्ण ब्यौरा गूगल फॉर्म में तथा मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी द्वारा प्रदान किए गए प्रारूप में प्रतिदिन आवश्यक रूप से देना होगा। इस संबंध में कलेक्टर एवं जिला दंडाधिकारी गोपालचंद्र डाड द्वारा दंड प्रक्रिया संहिता 1973 की धारा 144 के तहत आदेश जारी किया गया है।

जिले में कोरोना संक्रमण फैलने से रोकने के उद्देश्य से जिला दंडाधिकारी द्वारा जारी किए गए उक्त आदेश के तहत जिले की समस्त पैथोलॉजी सेंटर संचालकों को भी उनके द्वारा जिन व्यक्तियों के मलेरिया, पैरासाइट टेस्ट, विडाल टेस्ट, कंपलीट ब्लड प्रोफाइल, यूरिन, पीलिया टेस्ट, एक्सरे, चेस्ट यूरिया टेस्ट एवं अन्य की संपूर्ण जानकारी गूगल फॉर्म एवं मुख्य चिकित्सा स्वास्थ्य अधिकारी द्वारा प्रदान किए गए प्रारूप में प्रतिदिन आवश्यक रूप से उपलब्ध कराना होगी। इसी प्रकार जिले के समस्त प्राइवेट मेडिकल प्रैक्टिशनर, प्राइवेट हॉस्पिटल, एलोपैथिक, यूनानी, सिद्धा होम्योपैथी को भी उनके द्वारा ऐसे व्यक्ति जिन्हें सर्दी, खांसी, बुखार एवं सांस लेने में तकलीफ हो, ऐसे व्यक्तियों का ब्यौरा प्रतिदिन गूगल फॉर्म एवं मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी द्वारा प्रदान की गई प्रारूप में प्रतिदिन आवश्यक रूप से उपलब्ध कराना होगा।

आदेश में कहा गया है कि जिन व्यक्तियों की जानकारी गूगल फॉर्म एवं मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी के प्रारूप में उपलब्ध कराई जाएगी उसमें उन व्यक्तियों के ड्राइविंग लाइसेंस, आधार कार्ड, वोटर आईडी कार्ड, राशन कार्ड में से किसी एक का अनिवार्य रूप से परीक्षण कर जानकारी सत्यापन करने के उपरांत ही सेवा प्रदाय की जाए तथा आईडी के अनुसार व्यक्ति के पते की जानकारी अंकित की जाएगी। उन व्यक्तियों के मोबाइल नंबर पर कॉल करके कॉल सत्यापित करना होगी। यदि कोई व्यक्ति कोरोना पाजीटिव पाया जाता है या सूचना समय पर प्राप्त नहीं होने से संबंधित व्यक्ति की हालत गंभीर हो जाती है अथवा उसकी मृत्यु हो जाती है तो वैधानिक कार्रवाई यह मानते हुए की जाएगी कि जिम्मेदारी उस संस्था की है। आदेश का उल्लंघन किए जाने पर मध्यप्रदेश पब्लिक हेल्थ एक्ट 1949 तथा भारतीय दंड संहिता की धारा 188 के अंतर्गत दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी।