News By – नीरज बरमेचा (Chief Editor)
- भाजपा नेता एवं मीसाबंदी स्व. कैलाश चंद्र बरमेचा, तत्कालीन किसान संघ के अध्यक्ष प्रभाकर केलकर, ग्राम कनेरी के स्व. मगन लाल जी गुर्जर ने उठाई थी मांग
- रतलाम शहर विधायक चैतन्य काश्यप की रही विशेष भूमिका
- चैतन्य काश्यप के प्रयासों से केंद्र से बंद पड़ी योजना को मिली थी केन्द्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर द्वारा हरी झंडी
रतलाम जिले को ग्राम कनेरी में बने बांध के रूप में एक सौगात मिली है। धौलावड़ बांध के पश्चात यह जिले का दूसरा बड़ा बांध होगा जहाँ 12 MCM पानी संग्रहित किया जा सकेगा। लगभग 65 करोड़ की लागत वाले इस बांध से आसपास के 15 गांव तथा 100 हेक्टेयर भूमि लाभान्वित होगी। जल संग्रहण से स्वाभाविक रूप से क्षेत्र के नलकूपों में जलस्तर की अभिवृद्धि होगी। कृषि कार्यों में सुगमता होगी तथा क्षेत्र से पलायन पर भी विराम लगेगा। तीन वर्ष पूर्व प्रारम्भ हुए निर्माण के पश्चात इस वर्ष में जलाशय लबालब भर गया है और अभी लगभग 10 MCM जल संग्रहित हो गया है। जबकि इसकी ऊँचाई अभी थोड़ी और बढ़नी है।इससे ग्रामीणों में हर्ष की लहर है। इस जलाशय के निर्माण की बाधाओं से मुक्ति दिलाने में रतलाम शहर विधायक चेतन्य काश्यप की विशेष भूमिका रही है।
लेकिन जिस प्रकार किसी बड़े भवन के निर्माण में अनेक महत्वपूर्ण योगदान होते है वैसे ही इस जलाशय की भी कहानी है। कनेरी जलाशय से जुड़े राकेश पाटीदार बताते है कि आज से 2 दशक पूर्व इस जलाशय का सपना देखा गया था और नीवं के पत्थरों के भांति कई व्यक्तियों ने अविस्मरणीय प्रयास किये है। वर्ष 2001 में तत्कालीन भाजपा नेता एवं मीसाबंदी स्व. कैलाश चंद्र बरमेचा, तत्कालीन किसान संघ के अध्यक्ष प्रभाकर केलकर, ग्राम कनेरी के स्व. मगन लाल जी गुर्जर सहित कुछ अन्य ग्रामवासियों ने इस जलाशय के लिए योजनाबद्ध तरीके से मांग उठाई थी। इन लोगों के प्रयास रंग लाए और जिसकी परिणीति में वर्ष 2007 में तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान ने रतलाम में अन्य शिलान्यासों के साथ इसका भी शिलान्यास किया था।
यद्यपि रतलाम शहर विधायक चैतन्य काश्यप के विशेष प्रयास से केंद्र में अटकी फ़ाइल आगे बढ़ी और समस्त बाधाएँ दूर हुई एवं इसका निर्माण कार्य प्रारंभ हुआ। लेकिन जलाशय के स्वप्न, योजना एवं मांग को लेकर स्व. कैलाश चंद्र बरमेचा, प्रभाकर केलकर, स्व. मगन लाल जी गुर्जर का योगदान भी महत्वपूर्ण रहा है।