News by- नीरज बरमेचा
- भोपाल में बैठक के दौरान क्रियान्वयन पर चर्चा
रतलाम 5 सितंबर 2020। विधायक चेतन्य काश्यप की पहल पर नगर के रियासत कालीन अमृत सागर तालाब के उद्धार का मार्ग प्रशस्त हो गया है। केन्द्र ने झील संरक्षण योजना के तहत इसके लिए केन्द्र 22.84 करोड़ रूपए की स्वीकृति दी है। योजना की प्रथम किश्त के रूप में 6.85 करोड़ रूपए का अनुदान भी राज्य शासन को दे दिया गया है। शनिवार को भोपाल में पर्यावरण तथा नगरीय प्रशासन विभाग के प्रमुख अधिकारियों के साथ बैठक में नगर निगम आयुक्त ने योजना के क्रियान्वयन पर चर्चा की।
अमृत सागर के उद्धार की योजना डेढ़ दशक से लम्बित थी। इस योजना में पहले कई संशोधन एवं परिवर्तन हुए और बाद में इसे बंद भी कर दिया गया था। विधायक चेतन्य काश्यप ने इसमें रूचि लेकर तत्कालीन केन्द्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर से चर्चा कर योजना को स्वीकृत कराया। केन्द्र द्वारा योजना की प्रथम किश्त राज्य शासन को आवंटित करने के बाद योजना के क्रियान्वयन को लेकर काश्यप की पहल पर भोपाल में बैठक हुई। इसमें पर्यावरण विभाग के प्रमुख सचिव मलय श्रीवास्तव, नगरीय प्रशासन विभाग के आयुक्त निकुंज श्रीवास्तव के साथ नगर निगम आयुक्त सोमनाथ झारिया ने चर्चा की। काश्यप ने बताया कि अमृत सागर तालाब 0.18 वर्ग किलोमीटर में फैला हुआ है। इसमें रतलाम के 2 प्रमुख नालों, बोहरा बाखल तथा लक्कड़पीठा नाले का दूषित पानी मिलता है। विगत एक-डेढ़ दशक से यह तालाब जलकुम्बी की समस्या से जुझ रहा है। झील संरक्षण योजना के तहत बनी अमृत सागर के उद्धार की योजना में इसमें जमने वाली जलकुम्बी की समस्या को जड़ से समाप्त करने का प्रावधान है। इसके साथ ही सम्पूर्ण क्षेत्र का सौंदर्यीकरण एवं तालाब की पाल का व्यवस्थित निर्माण कर इसे सुन्दर पर्यटन स्थल का रूप देने की योजना बनाई गई है। योजना के तहत नालों के दुषित पानी का मार्ग भी परिवर्तित किया जाएगा। इससे यह तालाब भविष्य में नगर के लिए आकर्षण का केन्द्र बन सकेगा।