News By – नीरज बरमेचा
1997 में इंदौर के महात्मा गाँधी स्मृति चिकित्सा महाविद्यालय में सहायक प्राध्यापक के तौर पर अपनी सेवाएं प्रारम्भ करने वाली डॉ. शशि गाँधी अब रतलाम के शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय की नई डीन है। उन्होंने 2008 में पदोन्नत होकर ग्वालियर के मेडिकल कॉलेज में प्राध्यापक एवं प्रमुख का पद संभाला था। डॉ. शशि गाँधी भोपाल के सतपुड़ा भवन स्थित संचालक, चिकित्सा शिक्षा विभाग में संयुक्त संचालक पद पर 2017 तक रहीं। मार्च 2019 से वे रतलाम के शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय के माइक्रोबायोलॉजी विभाग की विभाग प्रमुख दायित्व संभाल रहीं थी। रतलाम के मेडिकल कॉलेज के उद्घाटन के समय से लेकर अभीतक रहे डीन डॉ. संजय दीक्षित के इंदौर स्थानांतरित होने के पश्चात उन्हें नए डीन का दायित्व दिया गया है।
वर्तमान में यह दायित्वों से भरा चुनौतीपूर्ण पद है। मौजूदा कोरोना संकट के समय GMC रतलाम में ही कोविड हॉस्पिटल बनाया गया है, जहाँ पर रतलाम एवं आसपास के जिलों के कोरोना मरीजों का उपचार चल रहा है। कोरोना पॉजिटिव मरीजों की बढ़ती संख्या के साथ साथ कॉलेज के कोविड हॉस्पिटल पर भी दबाव बढ़ता जा रहा है। कुछ मामलों में अव्यवस्थाओं के आरोप भी लगते रहे है। यद्यपि लंबे समय से डॉ. शशि गाँधी इसी मेडिकल कॉलेज में है इसलिए वर्तमान परिस्थितियों से अनभिज्ञ नही है। आशा है कि उनके कार्यकाल में शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय रतलाम की व्यवस्थाओं में और अधिक सुधार होगा तथा अंचल के नागरिकों को यहाँ से आशानुरूप सेवाएं प्राप्त होगी।
क्या अब नियमानुसार होंगी निजी प्रैक्टिस : –
रतलाम शासकीय मेडिकल कॉलेज के कुछ चिकित्सको की निजी प्रैक्टिस को लेकर भी रतलाम मेडिकल कॉलेज हमेशा चर्चा और सुर्खियों में बना रहता है| मेडिकल कॉलेज के कुछ चिकित्सक नियम के विपरीत जा कर सुबह से ही निजी अस्पतालों में अपनी प्रैक्टिस शुरू कर देते है| वही पर मरीजो को बुलाना वही ओपरेशन करना एक आम सी बात हो गयी है| रतलाम मेडिकल कॉलेज के पुराने डीन डॉ. संजय दीक्षित ने कई बार इसके लिए कुछ चिकित्सको को कारण बताओ नोटिस भी जारी किये, लेकिन चिकित्सको ने उस पत्र को भी विशेष महत्व नहीं दिया| अब देखना यह है की नवीन डीन डॉ. शशि गाँधी इस और कितना कार्य कर पायेंगी जिससे आने वाले समय में रतलाम जिले के मरीजो को और भी बेहतर सुविधा मिल सके|