कुपोषण मुक्ति अभियान हेतु शासन द्वारा विधायक चेतन्य काश्यप का अभिनंदन

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News by- नीरज बरमेचा

  • कुपोषण मुक्त रतलाम अभियान का तीसरा चरण प्रारंभ 

रतलाम, 18 अक्टूबर। शहर में कुपोषण का दंश समाप्त करने के लिए चेतन्य काश्यप फाउण्डेशन का संकल्प अभिनंदनीय है। विधायक चेतन्य काश्यप के प्रयासों से रतलाम में कुपोषण के खिलाफ जो सकारात्मक नतीजे मिले हैं वह पूरे प्रदेश व देश के लिए अनुकरणीय है। फाउण्डेशन के इस अभियान में रतलाम को रोल मॉडल बनाया है। इन शब्दों के साथ महिला एवं बाल विकास विभाग की ओर से सांसद गुमानसिंह डामोर एवं कलेक्टर गोपालचन्द्र डाड ने विधायक काश्यप का अभिनंदन पत्र भेंट कर सम्मान किया। इस दौरान विधायकद्वय डॉ. राजेन्द्र पाण्डेय, दिलीप मकवाना, जिला पंचायत अध्यक्ष प्रमेश मईड़ा, भाजपा जिलाध्यक्ष राजेन्द्रसिंह लुनेरा, पूर्व विधायक संगीता चारेल, विभाग के सहायक संचालक रविन्द्र कुमार मिश्रा, अंकिता पण्डया मौजूद थे।

फाउण्डेशन अध्यक्ष एवं विधायक काश्यप ने कुपोषण मुक्त रतलाम अभियान के तीसरे चरण का शुभारंभ किया। इस चरण में 267 अति कुपोषित बच्चों को कुपोषण से मुक्त करने का लक्ष्य रखा गया है। रतलाम को कुपोषण मुक्त बनाने के इस महाअभियान की शुरूआत मई 2018 में की गई थी। उस दौरान शहर में 2561 बच्चे कुपोषित थे। जिनमें से प्रथम 6 माह के दौरान 1682 से अधिक कुपोषण मुक्त हो गए थे। बाद में चुनावी आचार संहिता के कारण अभियान रूका रहा और दूसरा चरण 5 अगस्त 2019 को आरंभ किया गया था। इस चरण में 879 में से 427 बच्चों को कुपोषण मुक्त किया गया था।

वर्तमान में 1248 बच्चे कुपोषण के शिकार है जिनमें से 981 बच्चे कुपोषित तथा 267 बच्चे गंभीर रूप से कुपोषित हैं। फाउण्डेशन द्वारा कोरोना संकट के चलते शासन के निर्देशानुसार गंभीर रूप से कुपोषित बच्चों को कुपोषण से मुक्त करने के लिए तीसरे चरण की शुरूआत की गई है जिसमें आंगनवाड़ी केन्द्रों के माध्यम से सभी चिन्हित बच्चों को प्रतिदिन दोपहर के भोजन के रूप में पोषण आहार प्रदान किया जाएगा।

फाउण्डेशन अध्यक्ष व विधायक चेतन्य काश्यप ने बताया कि अभियान का संचालन महिला एवं बाल विकास विभाग के सहयोग से फाउण्डेशन के 50 वालियंटर, 11 सुपर वाईजर व समन्वयक के माध्यम से होगा। फाउण्डेशन द्वारा सभी चिन्हित बच्चों का विशेष शिविर आयोजित कर स्वास्थ्य परीक्षण भी किया जाएगा। कोरोना महामारी के चलते वर्तमान में अति कुपोषित बच्चों को ही अभियान में शामिल किया गया है। लेकिन शासन के निर्देशानुसार भविष्य में अन्य कुपोषित बच्चों को भी शामिल कर कुपोषण से मुक्त करने का प्रयास किया जाएगा।