News By – विवेक चौधरी
रतलाम। शुक्रवार 01 अप्रैल 22। मध्यप्रदेश के गृहमंत्री डॉ नरोत्तम मिश्रा ने रतलाम पुलिस को आतंकी गतिविधियों में लिप्त अपराधियों पर शिकंजा कसने के लिए बधाई दी है। उन्होंने ट्वीट किया है कि “अलसुफा आतंकी संगठन से जुड़े तीन संदिग्धों को पकड़ने के लिए रतलाम पुलिस को बधाई देता हूं। संगठन का मुख्य सरगना इमरान लंबे समय से संदिग्ध गतिविधियों में शामिल था और पुलिस लगातार इसकी मॉनिटरिंग कर रही थी। MP में कानून का राज है और किसी भी तरह के आतंकी संगठन को पनपने नहीं देंगे।” ट्वीट में जारी किए गए वीडियो में गृहमंत्री ने यह बताया कि राजस्थान पुलिस द्वारा रतलाम के सैफुल्ला, जुबेर और अल्तमश को विस्फोटक सामग्रियों के साथ पकड़ा था और जिसमें इस बात की जानकारी लगी थी कि यह लोग राजस्थान की राजधानी जयपुर में आतंकी हमले की साज़िश के तहत सामग्री ले जा रहे थे। मध्यप्रदेश पुलिस ने आज इस घटनाक्रम में इसके सरगना इमरान, आसिफ खान और आसिफ पटेल को भी राजस्थान पुलिस को सौंपा है ताकि साज़िश की गहराई से छानबीन की जा सके।
अलसुफा आतंकी संगठन से जुड़े तीन संदिग्धों को पकड़ने के लिए रतलाम पुलिस को बधाई देता हूं।
संगठन का मुख्य सरगना इमरान लंबे समय से संदिग्ध गतिविधियों में शामिल था और पुलिस लगातार इसकी मॉनिटरिंग कर रही थी।
MP में कानून का राज है और किसी भी तरह के आतंकी संगठन को पनपने नहीं देंगे। pic.twitter.com/KoJfCaIWfr
— Dr Narottam Mishra (@drnarottammisra) April 1, 2022
उल्लेखनीय है कि विस्फोटकों के साथ पकड़े जाने और इन आतंकियों के रतलाम कनेक्शन मिलने पर इस बात की पुनः पुष्टि होते दिख रही है कि रतलाम में आतंकियों का स्लीपर सेल लंबे समय से सक्रिय है। पकड़े गए आतंकियों पर रतलाम में हिन्दू संगठन से जुड़े नेताओ की हत्या के आरोप है। इस सूफ़ा संगठन का इमरान पूर्व में जेल में भी रहा है और इसकी मंशा सिरिया जाने की थी जहाँ इस्लामिक लड़ाके लड़ाई लड़ रहे है। पूर्व में सिमी आतंकियों से रतलाम में मुठभेड़ होने और जिहादी मानसिकता वाले साहित्य होना जैसे कई मामले स्लीपर सेल की सक्रियता की तरफ स्पष्ट इशारा था। बहरहाल रतलाम कलेक्टर कुमार पुरुषोत्तम एवं एसपी अभिषेक तिवारी एकदम स्पष्ट कर दिया है कि इस मामले में कोई भी कोताही नहीं बरती जाएगी। तात्कालिक रूप से घटना में संलिप्त आरोपियों के अवैध निर्माण तोड़ने की कार्यवाही प्रारम्भ हो चुकी है जो कल भी जारी रहेगी।
सूत्रों के अनुसार लगभग 50 से ज्यादा लोगों की धरपकड़ की गई है और इनसे पूछताछ की जा रही है। लेकिन शांति और मिलनसारी के लिए प्रसिद्ध मालवा के शहर रतलाम का बारूद के ढेर पर बैठे होने का सच अत्यंत ही चिंतनीय है। गुजरात और राजस्थान से सटे होने तथा अफीम की खेती होने से अपराधियों और आतंकियों का सम्बंध एक गंभीर विषय है जिसपर गहराई से कार्य किया जाना आवश्यक है। बताया जाता है कि रतलाम में सुफा संगठन की शुरुआत मज़हबी प्रचार के नाम पर हुई थी। पहले पहल तकरीबन 40 – 45 युवाओं के साथ इसे शुरू किया था, बाद में कुछ और युवा भी इसमें जुड़ गए। सूत्रों के अनुसार असजद और राजस्थान में गिरफ्तार हुए जुबेर इसके शुरुआती दौर से जुड़े है बाद में ये युवाओं को धर्म के प्रति बहकाने का काम करने लगे। इस संगठन के लोगों पर हत्या और देशद्रोह के मामले दर्ज है तथा एनआईए ने दबिश डालकर इनपर कार्यवाही भी की थी। इनसे आपत्तिजनक मज़हबी साहित्य एवं देशविरोधी वाले कगजात मिलने की बात सामने आई थी। देखना यह होगा कि जाँच आगे बढ़ने पर और क्या नए तथ्य सामने आएंगे|
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