आदिवासी अंचलों में सिकल सेल के मरीज खोज रहे यह डॉक्टर….

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  • आदिवासी अंचलों में सिकल सेल के मरीज खोज रहे यह डॉक्टर, 
  • अब तक 56 मरीजों को उपलब्ध करवा रहे उपचार
  • रावटी में 10 मरीजों की रिपोर्ट पॉजिटिव आई 
  • इन मरीजों को 1 महीने भर  की दवा निशुल्क वितरित की गई|

शरीर में हीमोग्लोबिन की कमी से होने वाले अनुवांशिक रोग सिकल सेल एनीमिया के बारे में जागरूकता लाने और इससे पीड़ित मरीजों को उपचार एवं निशुल्क दवाई उपलब्ध करवाने के मिशन में रतलाम मेडिकल कॉलेज के डॉक्टर संजय दुबे और उनकी टीम जुटी हुई है. डॉ दुबे ग्रामीण क्षेत्र में कैंप लगाकर मरीजों की पहचान करने और उन्हें इस बीमारी के बारे में जानकारी देने के साथ ही  निशुल्क उपचार देने का कार्य तत्पर भारती जन कल्याण समिति रतलाम के माध्यम से से कर रहे है. खासकर रतलाम के आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र सैलाना और बाजना में इसके मरीज बड़ी संख्या मिल रहे है. तत्पर भारतीय जनकल्याण समिति के माध्यम से आदिवासी अंचल में अब तक 55 सिकल सेल एनीमिया से पीड़ित मरीजों को खोजा गया है. जिन्हें इस बीमारी के लक्षण कम करने और स्वस्थ जीवन जीने के लिए आवश्यक दवाइयों का वितरण भी संस्था द्वारा किया जा रहा है.

क्या है सिकल सेल एनीमिया की बीमारी

सिकल सेल रोग एक अनुवांशिक बीमारी है जो लाल रक्त कोशिकाओं को प्रभावित करता है. यह हीमोग्लोबिन की कमी के कारण होता है. सिकल सेल रोग से पीड़ित लोगों में लाल रक्त कोशिकाएं सामान्य गोल आकार के बजाय सिकल या चंद्रमा के आकार की होती हैं.इसी वजह से इसे सिकल सेल रोग कहा जाता है. यह  एक जेनेटिक विकार है जो माता-पिता से बच्चों में ट्रांसफर होता है.लाल रक्त कणिका शरीर में सामान्य से कम समय तक जीवित रहती हैं. जिसकी वजह से मरीज को थकान, पीलापन, सांस की तकलीफ, और शरीर में दर्द बना रहता है. इस बीमारी का स्थाई इलाज संभव नहीं है. लेकिन इसके शरीर पर प्रभाव को नियंत्रित करने के लिए दवाएं और अन्य उपचार उपलब्ध हैं.सिकल सेल रोग से पीड़ित लोग यदि नियमित रूप से चिकित्सा जांच करवाए  और स्वस्थ जीवनशैली अपनाएं तो वह सामान्य जीवन जी सकते है.

डॉ संजय दुबे ने बताया कि वह और उनकी टीम रविवार और छुट्टी के दिनों में ग्रामीण अंचल में स्वास्थ्य परीक्षण शिविर लगाते हैं. जहां संदिग्ध मरीज मिलने पर उसका रक्त परीक्षण करवाया जाता है. ऐसे मरीजों को बीमारी के बारे में जागरूक करने के साथ ही तुम्हें निशुल्क दवाइयां और उपचार  उपलब्ध करवाया जाता है. रतलाम के रावटी में रविवार को 32 मरीजों का परीक्षण कर 15 लोगों के सैंपल लिए गए है.जिसमे से 10 मरीजो की रिपोर्ट पोजिटिव आई तथा इन मरीजों को 1 महीने भर  की दवा निशुल्क वितरित की गई|

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