- जहरखुरानी कर ट्रक कंटेनर से नई कारें चोरी करने वाली हरियाणा की गैंग का पर्दाफाश
- आरोपियों को 4 कार सहित हरियाणा से धर दबोचा
- हाईवे पर एक्टिव रहती थी गैंग
- ढाबों पर चाय में बेहोशी की दवा मिला कर देते थे वारदात को अंजाम
- रतलाम पुलिस द्वारा जप्त वाहन – एक मारुती ब्रीजा, एक मारुती क्रेटा और एक मारुती आल्टो 800
रतलाम पुलिस ने ट्रक ड्राइवरों से लूट करने वाले एवं जहर खुरानी कर कारों की चोरी करने वाले अंतरराज्यी कार चोर गिरोह का पर्दाफाश करने में सफलता हासिल की है.पुलिस ने आरोपियों के कब्जे से रतलाम और भीलवाड़ा से चोरी की गई 4 कारे जब्त की है. मामले में कुल 7 आरोपी है ,जिनमें से दो आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है .पुलिस के अनुसार सभी आरोपी हरियाणा के रहने वाले हैं और पढ़े-लिखे घरों के हैं.
एसपी गौरव तिवारी ने गुरुवार शाम को पुलिस कंट्रोल रूम पर पत्रकार वार्ता कर इस पूरे मामले का खुलासा किया. एसपी गौरव तिवारी ने बताया कि 27 फरवरी को थाना बिलपांक पर किशोर ट्रांसपोर्ट मारुति कंपनी गुड़गांव हरियाणा के ट्रक ड्राइवर मोहम्मद फराज अहमद द्वारा रिपोर्ट की गई थी कि 16-17 फरवरी की दरमियानी रात बिलपांक टोल प्लाजा के पास उसने अपना ट्राला खड़ा कर चाय पी और उसके कुछ देर बाद वह बेहोश हो गया. इस दौरान ट्राले में से अज्ञात बदमाश दो कारें और इंजन में रखे 35 हजार रुपए सहित 35 लाख से अधिक का सामान चोरी कर ले गए. इस मामले को गंभीरता से लेते हुए एसपी गौरव तिवारी ने जांच के लिए एसपी डॉ इंद्रजीत सिंह बाकलवार और एसडीओपी मानसिंह चौहान के निर्देशन एवं निरीक्षक विनोद सिंह बघेल के नेतृत्व में साइबर सेल रतलाम की एक विशेष टीम गठित की. टीम ने इस मामले में विभिन्न बिंदुओं के आधार पर बारिकी से तकनीकी विश्लेषण किया और महत्वपूर्ण साक्ष्य एकत्रित कर पूरी घटना का खुलासा किया.
हरियाणा की गैंग ने की वारदात
एसपी गौरव तिवारी ने बताया कि इस पूरे मामले में हरियाणा की गैंग का खुलासा हुआ है ,जो हाइवे पर कंटेनर से नई कारें चोरी करने के साथ ट्रक ड्राइवरों से लूट की घटना को भी अंजाम देता था. एसपी ने बताया कि गिरोह हाइवे पर पहले से रेकी कर वारदात को अंजाम देते थे. घटना के संबंध में एसपी ने बताया कि 15 फरवरी को फरियादी ड्राइवर मोहम्मद फराज कार से भरा कंटेनर ट्रक लेकर रोहतक हरियाणा से बेंगलुरू जा रहा था. ट्रालो में कुल 7 कारें अलग-अलग मॉडल की थी. 16 फरवरी को शाम 4:00 बजे फरियादी बिलपांक फंटे पर रुका और ढाबे पर चाय पीने लगा .इस दौरान वहां पर पहले से मौजूद आरोपियों ने ड्राइवर की चाय में चतुराई पूर्वक बेहोश करने की गोली मिला दी. ड्राइवर चाय पीकर वहां से कुछ दूर गया और उसे नींद आने लगी. ड्राइवर ने ट्रक रोड के किनारे खड़ा किया और सो गया. इसके बाद अपनी कार से ट्रक का पीछा कर रहे आरोपी वहां पहुंचे और आसपास रुके रहे .रात में आरोपी कंटेनर से दो कारें और हॉर्स पावर लेकर फरार हो गए.
ऐसे पकड़ाए आरोपी
एसपी गौरव तिवारी ने बताया कि गठित टीम और साइबर सेल ने ट्रक में लगे जीपीएस के लास्ट लोकेशन से आरोपियों का क्लू निकाला और हरियाणा जाकर लगातार तीन दिन तक रेकी की. आरोपीगणों के पास चोरी के वाहन दिखाई देने पर टीम ने उन्हे घेराबंदी कर पकड़ा. पुलिस ने हरियाणा से आरोपी मनोज पिता मेहताब सिंह 30 वर्ष निवासी सोनीपत और महेश पिता तूहीराम निवासी चरखी दादरी हरियाणा को पकड़ा और उन्हें लेकर बिलपांक थाने आए. पूछताछ में दोनों आरोपियों ने वारदात में शामिल अन्य आरोपी सोनू उर्फ, विनोद, वोकल उर्फ अमरजीत, बहादुर, विजय पिता ईश्वर और पवन निवासी हरियाणा के भी नाम बताए. पुलिस इन की भी गिरफ्तारी के प्रयास कर रही है
अन्य महत्वपूर्ण बातें
1. पुलिस के अनुसार रतलाम में वारदात करने के बाद आरोपियों ने 5- 6 मार्च की मध्यरात्रि को भीलवाड़ा में भी कंटेनर से दो कारें चोरी करना बताई,जिन्हें भी पुलिस ने जप्त कर लिया है.
2. पुलिस के अनुसार अधिकांश आरोपी पढ़े-लिखे घर के हैं. आरोपी महेश मद्रास से बीए. तक पढ़ा है और गांव में पंचायत का सदस्य है .वहीं मनोहर ने भी बीए तक की पढ़ाई की है .आरोपी सोनू के पिता हरियाणा पुलिस में सब इंस्पेक्टर हैं.
3. एसपी गौरव तिवारी ने बताया कि फरार आरोपी अमरजीत गिरोह का मास्टर माइंड है और उसके खिलाफ पूर्व में मर्डर तक के मामला भी दर्ज हैं.
4. गिरोह हमेशा हाईवे पर एक्टिव रहता था और अपने टारगेट तय करता था .चोरी के लिए कार नहीं मिलने पर गिरोह ट्रक ड्राइवर को लूटने का भी कार्य करता था.
5. आरोपी मनोज का हरियाणा में गैरेज भी है. वह पुरानी कार खरीदता था और उसी माडल की नई कारें चोरी कर पुरानी कारों के दस्तावेज़ों बदल देता था.
6. गिरोह ट्रक ड्राइवरों के ढाबे पर रुकने का इंतजार करता था और उनकी चाय में बेहोशी की दवा मिला देते थे. कुछ देर बाद ड्राइवर के बेहोश होने पर यह वारदात को अंजाम देते थे.
7. पुलिस ने गिरोह से 70 लाख की कारें और बेहोश करने की दवा भी बरामद की है.
8. घटना का पर्दाफाश करने में साइबर सेल प्रभारी एसआई वीरेंद्र सिंह बंदेवार, एसआई अमित शर्मा ,रामजी डूडवे,प्रधान आरक्षक प्रदीप शर्मा ,साइबर सेल के शिवनारायण नामदेव, मनमोहन शर्मा ,हिम्मत सिंह, जुझार सिंह ,बलराम पाटीदार एवं थाना बिलपांक आरक्षक प्रशांत गुजराती ,सतीश यादव, लाखन सिंह ,माखन सिंह की महत्वपूर्ण भूमिका रही है. टीम को एसपी ने 10 हजार रुपए का पुरस्कार देने की घोषणा की है.