News By विवेक चौधरी (रतलाम ब्यूरों चीफ़)
रतलाम में हुए बहुचर्चित प्रधानमंत्री आवास योजना घोटाले में आरोपित नगर निगम के दो इंजीनियरों को पुलिस ने गिरफ्तार कर गुरुवार को न्यायालय में पेश किया। न्यायालय ने दोनों को 11 अप्रैल तक के लिए न्यायिक अभिरक्षा में जेल भेजने के आदेश दिए । गुरुवार को पुलिस ने नगर निगम के इंजीनियर सुहास पंडित और महेंद्र कुमार जैन को गिरफ्तार कर मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी के न्यायालय में पेश किया था। पुर्व में इस प्रकरण के अंतर्गत प्रधानमंत्री आवास योजना में चयनित 13 हितग्राहियो के नाम बदलकर राशि का गबन करने के मामला सामने आया था। जिसमें तीन अन्य आरोपी पहले ही गिरफ्तार हो चुके है।
मामले को यूं समझिए…
प्रधानमंत्री आवास योजना में ईश्वर नगर, बिरियाखेड़ी और बंजरग नगर के लगभग डेढ़ हजार हितग्राहियों का मौके पर पात्रता के मान से सेडमेप कंपनी से सर्वे कराया गया। सत्यापन उपरांत हितग्राहियों की अलग-अलग तीन सूचियां बनाई गई थी। मामले में आरोप है कि प्रधानमंत्री आवास योजना में आवास की अनुमोदित सूची में आरोपियों ने बजरंग नगर के 13 नामों में फेरबदल कर पात्र लोगों के स्थान पर 13 अपात्र लोगों को षडय़ंत्र पूर्वक जोड़ दिए गए थे। इन 13 अपात्र लोगों के प्रत्येक के खाते में एक लाख रुपए प्रति व्यक्ति के मान से शासन के कुल 13 लाख रुपए जमा हो गए थे। मामला सामने आने के बाद हड़कंप मच गया था, जिसके पश्चात कलेक्टर के निर्देश पर निगम आयुक्त ने मामले की जांच कराई थी। जांच में सामने आया कि बजरंग नगर के 13 नामों में फेरबदल किया गया था। मामले की गंभीरता को देखते हुए निगम ने दस्तावेज सहित जांच प्रतिवेदन पुलिस को सौंपे थे। जिस पर स्टेशन रोड पुलिस ने नगर निगम के जांच प्रतिवेदन के आधार पर कार्यपालन यंत्री सुरेशचंद्र व्यास की शिकायत पर प्रधानमंत्री आवास योजना के सर्वे एवं अन्य कार्य में लगी कंपनी के कर्मचारी दीपक कुमावत के खिलाफ विभिन्न धाराओं के तहत प्रकरण दर्ज कर जांच शुरू की थी। पुलिस ने जांच में दोषी पाते हुए गुरुवार को दो अधिकारियों को गिरफ्तार किया। लोक अभियोजक सुभाष जैन ने बताया कि इस मामले में पूर्व में तीन आरोपी गिरफ्तार हो चुके हैं।
पूर्व में भी बड़े आरोपलगे थे
कुछ दिनों पूर्व अपने अभिभाषक के साथ घोटाले को उजगार करने वाली ममता श्रीवास्तव ने प्रेसवार्ता की थी। जिसमे उन्होंने जिला प्रशासन पर घोटाले के मुख्य आरोपियों को बचाने का आरोप लगाया था। उन्होंने आरोप लगाकर कहा था कि कंप्यूटर ऑपरेटर और 2 अन्य लोगों को मुख्य आरोपी बनाकर मामले के असली गुनहगारों को बचाया जा रहा है. इन मामले में जिला प्रशासन निगम के बड़ी मछलियों को बचाने की कोशिश कर रहा है।