मध्य प्रदेश के ई-टेंडर घोटाले में भाजपा के पूर्व मंत्री नरोत्तम मिश्रा के दो सहयोगियों को गिरफ्तार किया गया है। राज्य के आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो (ईओडब्ल्यू) ने यह कार्रवाई की है। हालांकि मिश्रा का कहना है कि ई-टेंडरिंग में कोई घोटाला ही नहीं हुआ है। ईओडब्ल्यू के महानिदेशक केएन तिवारी के अनुसार भाजपा सरकार में जल संसाधन मंत्री रहे नरोत्तम मिश्रा के दो सहयोगियों वीरेंद्र पांडे और नीलेश अवस्थी को शुक्रवार शाम को गिरफ्तार किया गया था। शनिवार को पांडे व अवस्थी के घरों व अन्य ठिकानों पर छापे मारे गए। उन्होंने बताया कि अप्रैल में एफआईआर दर्ज होने के बाद दोनों से कई बार पूछताछ की जा चुकी है। शनिवार को पांडे व अवस्थी दोनों के घरों पर छापे में कुछ दस्तावेज भी जब्त किए गए हैं। इधर एक अधिकारी ने बताया कि दोनों ने घबराहट की शिकायत की थी, जिसके बाद दोनों को एक स्थानीय अस्पताल में भर्ती किया गया है।
इस बीच पूर्व मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि हमारी सरकार के दौरान ई-टेंडरिंग की प्रक्रिया में छेड़छाड़ की शिकायत सामने आने के बाद हमने जांच के आदेश दिए थे। दूसरी ओर मौजूदा कमलनाथ सरकार ने उन्हीं एजेंसियों को ठेके दे दिए, जिनके विरुद्ध भाजपा सरकार ने अनियमितताओं के लिए जांच के आदेश दिए थे। उन्होंने कहा कि मैं मुख्यमंत्री कमलनाथ को चुनौती देता हूं कि वे तथ्य और सबूतों के साथ सामने आएं। हमने उन सारे ठेकों को निरस्त किया था, जिनके खिलाफ ई-टेंडरिंग प्रक्रिया में छेड़छाड़ की शिकायतें थीं।
बता दें कि कांग्रेस ने ई-टेंडरिंग घोटाले को विधानसभा चुनावों में काफी जोरशोर से उठाया था और सरकार में आने के बाद ठोस कार्रवाई की बात कही थी। इसी वजह से 10 अप्रैल को 3 हजार करोड़ के इस घोटाले में ईओडब्ल्यू ने सात एजेंसियों, सरकारी विभागों के अधिकारियों और अन्य के खिलाफ एफआईआर दर्ज की थी।