इंदौर : कोविड-19 के फैलाव को लेकर एक सांख्यिकीय अध्ययन में अनुमान जताया गया है कि मध्यप्रदेश में मई के मध्य में इस महामारी का प्रकोप अपने चरम पर पहुंच सकता है. राज्य में 50 हजार से अधिक मरीज हो जायेंगे. अध्ययन के मुताबिक, ऐसे में राज्य के अस्पतालों में करीब 27,000 अतिरिक्त बिस्तरों की जरूरत पड़ सकती है.
इंदौर के भारतीय प्रबंध संस्थान (IIM-I) के सहायक प्रोफेसर सायंतन बनर्जी ने गुरुवार को बताया कि उन्होंने मिशिगन विश्वविद्यालय के प्रोफेसर वीरा बालदंडयुथपाणि और अमेरिका के इस उच्च शिक्षा संस्थान के तीन अन्य शोधकर्ताओं के साथ यह अध्ययन किया है|
उन्होंने कहा, ‘हमारे सांख्यिकीय अध्ययन के मुताबिक प्रदेश में कोविड-19 के मरीजों की तादाद मई के मध्य में चरम पर पहुंच सकती है. ऐसे में राज्य के अस्पतालों में 12,000 से लेकर 27,000 तक अतिरिक्त बिस्तरों की जरूरत पड़ सकती है.’ बनर्जी ने सुझाव दिया कि प्रदेश सरकार को चाहिए कि वह लॉकडाउन अवधि का अधिकतम उपयोग करते हुए कोविड-19 से लड़ने के लिए चिकित्सा सुविधाएं बढ़ाये, लोगों की और तेजी से जांच कराये और समूची स्वास्थ्य प्रणाली को मजबूत बनाये|
इसके साथ ही, जनता को भी सामाजिक मेल-जोल से पूरी तरह दूरी बनाने और साफ-सफाई को लेकर जागरूकता बढ़ाने की जरूरत पर भी उन्होंने जोर दिया. जैव सांख्यिकी के जानकार ने आशंका जतायी कि यदि प्रदेश में तेज दर से कोविड-19 का फैलाव होता रहा, तो अप्रैल के अंत तक इस महामारी के लगभग 2,500 और मई के अंत तक 50,000 से अधिक मामले सामने आ सकते हैं| बनर्जी ने हालांकि कहा कि जरूरी कदम उठाते हुए इस बीमारी के फैलने की रफ्तार को थाम लिया गया, तो यह संख्या अप्रैल के अंत तक लगभग 650 और मई के अंत तक 3,000 मामलों तक सिमट सकती है|
उन्होंने यह भी सुझाया कि प्रशासन को राज्य भर में फल-सब्जियों, अंडों और मांसाहारी खाद्य पदार्थों की आपूर्ति बहाल करनी चाहिए, ताकि आम लोगों में सही पोषण के जरिये कोविड-19 के खिलाफ पर्याप्त प्रतिरोधक क्षमता विकसित हो सके| देश में कोरोना वायरस से सबसे ज्यादा प्रभावित जिलों में शामिल इंदौर में बृहस्पतिवार सुबह 110 नये मामले सामने आने के बाद प्रदेश में कोरोना मरीजों की संख्या बढ़कर 1,090 हो गयी. इनमें से 55 लोग इलाज के दौरान दम तोड़ चुके हैं, जिनमें अकेले इंदौर के 39 मृतक शामिल हैं|
साभार – प्रभात खबर