सहकारी संस्थाओं में गबन धोखाधड़ी प्रकरणों की समीक्षा करते हुए कलेक्टर ने संपत्तियों की नीलामी तथा एफआईआर करवाने के दिए निर्देश

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News by- नीरज बरमेचा 

रतलाम 27 जून 2020/ कलेक्टर रुचिका चौहान द्वारा जिले की सरकारी संस्थाओं में गबन, धोखाधड़ी के विभिन्न प्रकरणों की समीक्षा की गई। आज आयोजित बैठक में कलेक्टर द्वारा विभिन्न प्रकरणों में गबन करने वाले व्यक्तियों से वसूली के लिए उनकी संपत्तियों की नीलामी करने और एफआईआर करवाने के निर्देश दिए गए। पुलिस अधीक्षक गौरव तिवारी, जीएम सीसीबी आलोक जैन, डीआरसीएस परमानंद गोडरिया तथा संबंधित संस्थाओं के कर्मचारी उपस्थित थे।

कलेक्टर ने विभिन्न सहकारी संस्थाओं में गबन, धोखाधड़ी के प्रकरण निराकरण वसूली एफआईआर में ढिलाई बरतने पर जीएम सीसीबी आलोक जैन और डीआरसीएस परमानंद गोडरिया के प्रति सख्त नाराजगी व्यक्त करते हुए कार्यप्रणाली में सुधार और तेजी लाने के लिए के लिए सख्ती से निर्देशित किया।

बैठक में कलेक्टर द्वारा सहकारी संस्था बरगढ़ में संबंधित के विरुद्ध वसूली सहकारी संस्था पिपलोदा में संबंधित के विरुद्ध एफआईआर, माऊखेड़ी संस्था में संबंधित से 21 दिन में राशि वसूली करने, चिकलाना संस्था में राशि वसूली करने, कसारी में 21 दिन में राशि वसूली करने, भोजाखेड़ी संस्था में संबंधित की संपत्ति नीलाम करने, बाजना में संबंधित से राशि वसूली हेतु संपत्ति नीलाम करने, सुखेड़ा में संबंधित आरोपी के विरुद्ध एफआईआर करवाने के लिए निर्देशित किया। मौजूद पुलिस अधीक्षक तिवारी ने संबंधित थाना प्रभारियों को दूरभाष पर एफआईआर के लिए निर्देशित किया। बताया गया कि भोजाखेड़ी में  लगभग 44  लाख  रुपए  का गबन है,  इसमें 9 लाख के आसपास वसूली  की जा चुकी है परंतु शेष राशि के लिए वसूली की जाना है। इसी प्रकार सुखेड़ा में 1 करोड़ 46 लाख रूपए का गबन प्रकरण है।

कलेक्टर द्वारा सहकारी संस्थाओं द्वारा संचालित कस्टम हायरिंग सेंटर की भी समीक्षा की गई। जिले के आलोट जावरा तथा पिपलोदा विपणन संस्थाओं में संचालित कस्टम हायरिंग सेंटर  अत्यल्प प्रगति पर कलेक्टर ने सख्त नाराजगी व्यक्त की। संबंधित संस्था प्रबंधकों को शोकाज नोटिस जारी करने के निर्देश दिए। यहां कलेक्टर ने जीएम सीसीबी जैन तथा डीआरसीएस गोडरिया के प्रति भी कड़े शब्दों में नाराजगी व्यक्त की और कस्टम हायरिंग केंद्रों की सही ढंग से मानिटरिंग करने के निर्देश दिए। कलेक्टर ने इस बात पर सख्त नाराजगी और असंतोष व्यक्त किया कि डीआरसीएस द्वारा कस्टम हायरिंग सेंटर की प्रगति के संबंध में कोई ठोस प्रयास नहीं किए गए।