News By – विवेक चौधरी
रतलाम, 01 जुलाई 2020। वर्ष 2020 में आये कोरोना वैश्विक संकट ने पूरी दुनिया में हाहाकार मचा दिया है। हमारा अपना रतलाम भी इससे अछूता नहीं रहा है। कोरोना वायरस संक्रमण की वजह से 22 मार्च को देशव्यापी लॉकडाउन लागू किया गया, ट्रैन बस आदि परिवहन के साधन प्रतिबंधित कर दिए गए। जिले शहरों की सीमाएं सील कर दी गई। जरूरी सामग्रियों के अतिरिक्त दुकान, संस्थान, कार्यालय, बाज़ार, मॉल, स्कूल, कॉलेज, धार्मिक स्थल, मांगलिक समारोह इत्यादि सब पर अंकुश लगा दिया गया। यहाँ तक कि अपने किसी के ‘जीवन यात्रा’ समाप्त होने के पश्चात उसकी ‘अंतिम यात्रा’ में सम्मिलित होना भी संभव नहीं रह गया था। लॉक डाउन के शुरुआती 2 सप्ताह के बाद अप्रैल माह रतलाम में कोरोना का प्रवेश हुआ। वह भी पुलिस प्रशासन की चौकसी को छकाते हुए एक कोरोना पॉजिटिव मृतक देह के रूप में। उसके बाद धीरे धीरे इक्का दुक्का नए केस और पॉजिटिव मरीजों के सम्पर्क में आये व्यक्तियों में से नए मामले सामने आने लगे। लेकिन प्रशासन द्वारा लॉक डाउन की सख्ती की वजह से वायरस संक्रमण के प्रसार पर नियंत्रण रहा।
लगातार बढ़ते लॉकडाउन, प्रवासी श्रमिको के घर वापसी, आर्थिक मोर्चे पर कठिनाईयों के चलते धीरे धीरे बाजार खुलने लगे। और अनलॉक की प्रक्रिया के साथ ही संक्रमण के प्रसार की आशंका भी सही साबित हुई। लॉक डाउन की लम्बी समयावधि और बढ़ते दवाब के साथ देश के केंद्रीय नेतृत्व को भी अनलॉक का निर्णय लेना पड़ा। इस अनलॉक का असर रतलाम पर भी पड़ा और 1 जून से लेकर 30 जून तक के कोविड-19 के आंकड़ों का अध्ययन करने पर पता चलता है कि अनलॉक के साथ साथ वायरस संक्रमण पर लगा हुआ लॉक भी अनलॉक हुआ है। यद्यपि कोई दूसरा उपाय ना होते हुए “कोरोना के साथ ही जीना है” की कड़वी सच्चाई को स्वीकारना पड़ा।
31 मई 2020 को जिला प्रशासन के द्वारा उपलब्ध कराई गई जानकारी के अनुसार रतलाम जिले में कोरोना पॉजिटिव के कुल मामले 37 ही थे। जिनमें से 31 स्वस्थ हो चुके थे। 05 रतलाम मेडिकल कॉलेज में उपचाररत थे और सिर्फ एक महिला की मृत्यु की वजह कोरोना वायरस रहा था। जबकि 30 जून की रात्रि तक के आंकड़ों का अध्ययन करें तो पाएंगे कि सिर्फ जून माह में ही “121 नए मामले” सामने आए। हालांकि नए पुराने मिलाकर “100 मरीज स्वस्थ” भी हुए हैं। लेकिन दुःखद यह रहा कि जून माह में रतलाम जिले में 5 कोरोना पॉजिटिव मरीजों की मौत हो गई। जहाँ 31 मई को मात्र 5 मरीज आइसोलेशन वार्ड में भर्ती थे, वहीं 30 जून को इनकी संख्या 16 थी। मई के अंत तक जिले में 8 कन्टेनमेंट एरिया प्रभवशील थे, जबकि मात्र 30 दिनों में यह संख्या “बढ़कर 34” हो गई थी। संक्रमण का प्रसार जावरा, ताल, हसन पलिया, बरबोदना भी पहुँचा। जिले के कुछ मरीज इंदौर, गोधरा और बड़ोदा जैसी जगहों पर उपचार के दौरान पॉजिटिव पाए गए। इन दिनों में प्रदेश के स्वास्थ्य विभाग ने पॉजिटिव रोगियों के डिस्चार्ज करने, कन्टेनमेंट एरिया बनाने और खोलने इत्यादि की प्रक्रियाओं में भी शिथिलता लागू की है। लेकिन 100 बात की 1 बात यह है कि कोविड-19 से बचाव में अपनी सुरक्षा अपने ही हाथ मे है। मास्क, सेनेटाइजर, शारिरिक दूरी, भीड़ से बचाव, इम्युनिटी बढ़ाना इत्यादि कारगर उपाय साबित हो रहे है। यहीं सावधानियां आगे भी काम आएगी।