News By – विवेक चौधरी
रतलाम, 30 सितम्बर 2020। कोरोना संकट के शुरुआत के बाद तथा संक्रमण के विस्तार के पश्चात रतलाम में निजी चिकित्सालयों की भूमिका पर लगातार प्रश्नचिन्ह लगते रहे है। रतलाम के निजी अस्पतालों में कोरोना मरीजों एवं संदिग्धों को उपचार मिल नहीं रहा था। यहाँ तक कि कोरोना से निगेटिव हो चुके मरीज के परिजन भी इधर उधर भटकते नज़र आए। मरीजों को बेहतर उपचार के लिए इंदौर अथवा अहमदाबाद जैसे बड़े शहरों में महंगे इलाज के लिए मजबूर होना पड़ रहा था। वहीं कोरोना उपचार में काम आने वाले महंगे इंजेक्शनों के कालाबाज़ारी एवं पॉजिटिव मरीजों को घर पर उपचार देने की चर्चा भी सुनाई दी गई है। इनसब आरोपों के बीच अब प्रशासन जाग्रत होता नजर आ रहा हैं। कार्यालय कलेक्टर जिला रतलाम ने पत्र जारी करके रतलाम शहर के निजी अस्पतालों में भी कोरोना पॉजिटिव मरिजों के उपचार की व्यवस्था बनाने के निर्देश दिए है। पत्र को CMHO तथा सिविल सर्जन रतलाम को भी सूचनार्थ प्रेषित किया गया है।
इंडियन मेडिकल ऐसोसिएशन जिला रतलाम तथा नर्सिग होम ऐसोसिएशन जिला रतलाम को संबोधित करते हुए कलेक्टर गोपालचंद्र डाड ने पत्र के माध्यम से निर्देशित किया है कि “इंदौर सहित सभी महानगरों तथा अन्य जिलों में निजी अस्पतालों द्वारा कोरोना पॉजिटिव मरिज के ईलाज हेतु अधिकतर 40 प्रतिशत बेड उपयोग में लाए जा रहे है। रतलाम जिले में कोरोना के मरिजों की संख्या के आधार पर यह आवश्यक हो गया है कि रतलाम शहर के निजी अस्पतालों में भी कोरोना पॉजिटिव मरिजों के उपचार की व्यवस्था की जावे। अतः आपसे अपेक्षा है कि आप रतलाम शहर के सभी अस्पतालों मे 40 प्रतिशत बेड कोरानो पॉजिटिव मरिजों के लिए सुरक्षित करते हुए, अस्पतालवार की गई व्यवस्था से दो दिवस के भीतर अवगत कराएं। प्रत्येक अस्पताल में विभिन्न प्रकार के रूम तथा बेड के लिए निश्चित की गई दर सूची भी प्रस्तुत की जाए, जो कि 29 फरवरी 2020 की दर सूची से अधिकतम 40 प्रतिशत वृद्धिं वाली हो सकती है।” देखना दिलचस्प होगा कि अभी तक कोरोना मरीजों के उपचार से कतरा रहे कतिपय निजी अस्पतालों के रवैया क्या रहेगा?