रतलाम में रिश्वत लेते पकड़ी गई पटवारी को चार वर्ष की सजा, जेल भेजा

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News By –  नीरज बरमेचा (93028 24420)

भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के विशेष न्यायालय ने रिश्वत लेने के अाठ साल पुराने मामले में दोषी पाए जाने पर पटवारी 42 वर्षीय अलका सक्सेना पत्नी रवि भटनागर निवासी डोगरे नगर को भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा के तहत चार वर्ष के सश्रम कारावास की सजा सुनाई। उस पर दो हजार रुपये का जुर्माना भी किया गया। फैसले के बाद अलका सक्सेना को जेल भेज दिया। फैसला बुधवार को विशेष न्यायाधीश संतोषकुमार गुप्ता ने सुनाया।


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अभियोजन के अनुसार 22 फरवरी 2014 को फरियादी मोहनलाल पाटीदार पुत्र किशनलाल पाटीदार निवासी ग्राम हथनारा ने लोकायुक्त एसपी उज्जैन कार्यालय जाकर लिखित में शिकायत की थी कि उनके पिता के नाम 30 बीघा जमीन ग्राम हतनारा में है। भूमि का बंटवारा उसके व उसके भाइयों शंकरलाल व छोगालाल के बीच हो गया है। नामांतरण के लिए तहसील कार्यालय में आवेदन दिया था, वहां से नामांतरण भी हो गया है।

पावती बनवाने के लिए हल्का क्रमांक 36 की पटवारी (ग्राम हतनारा) की पटवारी अलका सक्सेना बात की थी। अलका सक्सेना ने पावती बनाने के लिए तीस हजार रुपये की मांग की है। शिकायत पर लोकायुक्त पुलिस के तत्कालीन निरीक्षक बसंत श्रीवास्तव ने रिश्वत संबंधी वार्तालाप की पुष्टि के लिए मोहनलाल को शासकीय डिजिटल वाइस रिकार्डर देकर अलका से बात करके रिश्वत मांगने संबंधी बातचीत कर रिकार्डिंग करने के लिए कहा था।

इसके बाद मोहनलाल ने बात कर रिकार्डिंग कर ली थी। रिश्वत मांगने की बात प्रमाणित पाए जाने के बाद लोकायुक्त ने पटवारी अलका सक्सेना को रिश्वत लेते रंगे हाथ पकड़ने की प्लानिंग की थी। प्लानिंग के तहत 25 फरवरी 2014 को मोहनलाल ने पटवारी अलका सक्सेना के कालिका माता मंदिर के पीचे महालक्ष्मीनगर में स्थित उनके निजी कार्यालय में जाकर 30 हजार रुपये अलका सक्सेना को देकर अा आसपास छिपे लोकायुक्त दल को इशारा किया था। इशारा पाते ही दल ने वहां पहुंचकर अलका को हिरासत लिया था।

अलका सक्सेना ने मोहनलाल से रुपये लेकर अपनी टेबल के दराज में रख लिए थे। दल के सदस्यों ने दराज में से रिश्वत के रूप में लिए गए तीस हजार रुपये जब्त किए थे। मौके पर ही दल के सदस्यों ने अलका सक्सेना को हाथ सोडियम कार्बोनेट पाउडर के घोल से धुलवाए थे, जिससे हाथ गुलाबी हो गए थे। लोकायुक्त पुलिस ने अलका सक्सेना के खिलाफ 20 जनवरी 2017 को विशेष न्यायालय में चालान पेश किया था। प्रकरण में शासन की तरफ से पैरवी विशेष लोक अभियोजक सीमा शर्मा ने की।


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