साड़ी क्लस्टर के संबंध में प्रशासन बैकफुट पर, श्रद्धा के केंद्र कालिका माता मंदिर की भूमि के आवंटन का मामला….

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फाइल फोटो

News By – विवेक चौधरी 

रतलाम 21 जनवरी 2023। साड़ी क्लस्टर के संबंध में प्रशासन बैकफुट पर आ गया है। पहले कालिका माता मंदिर की भूमि के आवंटन का प्रस्ताव, फिर अपनी किरकिरी होने और मुद्दे के गरमाने की आशंका के चलते प्रशासन ने अपने कदम खींच लिए। इस संदर्भ में जिला जनसंपर्क अधिकारी ने रतलाम शहर तहसीलदार के हवाले से बताया कि साड़ी क्लस्टर के संबंध में अभी कोई निर्णय नहीं लिया गया है। उन्होंने।बताया कि विभिन्न स्त्रोतों से साड़ी क्लस्टर निर्माण के संबंध में प्रसारित समाचारों के संबंध में शहर तहसीलदार अनीता चोकोटिया ने समाचारों का खंडन करते हुए बताया है कि रतलाम शहर में शासकीय कालिका माता मंदिर की भूमि पर साड़ी क्लस्टर निर्माण का कोई प्रस्ताव नहीं है।”


बड़ा प्रश्न यह है कि विज्ञप्ति जारी करने के बाद प्रशासन ने क्यों कदम खींचे? जानकारों की माने तो चुनावी साल में सत्ता पक्ष भी इस मामले को सनातन धर्म का मुद्दा बनना नहीं देना चाहेगी। क्योंकि कालिका माता मंदिर रतलाम शहर का प्राचीन मंदिर होने के साथ साथ श्रद्धा का केंद्र है। शहर के श्रद्धालुओं की आस्था मंदिर से जुड़ी है। मंदिर की भूमि के आवंटन से सनातनियों के आक्रोश की आंच जिला प्रशासन, सत्ता पक्ष और जनप्रतिनिधियों पर भी आ जाती। हिन्दू संगठन के एक वरिष्ठ पदाधिकारी ने यह बताया कि एक ओर तो कालिका माता मंदिर के सौंदर्यीकरण एवं विस्तार का झुनझुना लंबे समय से शहरवासियों को पकड़ाया जा रहा है और दूसरी ओर मंदिर की भूमि को व्यापारियों के लाभ के लिए हड़पा जा रहा है। हिन्दू हितों की दुहाई देनी वाली पार्टी के सत्ता में होने के बाद आखिर किसकी शह पर यह साज़िश रची जा रही थी?

सूत्रों की माने तो विपक्षी दल एवं शहर जनप्रतिनिधि से नाराज चल रहे उनकी ही पार्टी के कुछ लोग इस बात पर मोर्चा खोलने की तैयारी कर रहे थे। और कालिका माता मंदिर की भूमि के आवंटन के मुद्दे पर पुरजोर विरोध करने को कमर कस रहे थे। वहीं सत्ता से जुड़े सनातन धर्म के पैरोकार इस मुद्दे पर ठगा हुआ महसूस कर रहे थे। एक श्रद्धालु का तो कहना था कि प्रशासन के पास क्या यही भूमि बची थी, इसके अलावा अन्य कोई भूमि नहीं थी? प्रशासन आये दिन भू माफियाओं से जमीन छुड़ाने का दावा करता है, उसी में से साड़ी क्लस्टर के लिए भूमि आवंटित कर दिया जाए। इसके अतिरिक्त यह भी जानकारी में आ रहा है कि सनातन धर्म से जुड़े संगठन ने धर्मस्व मंत्री उषा ठाकुर से भी इस घटना की शिकायत की है। साथ ही इस संदर्भ में तकनीकी पहलुओं को भी टटोला जा रहा है। बहरहाल प्रशासन के बैकफुट पर जाने से मामले को जरूर ठंडा किये जाने का प्रयास किया जा रहा है। अब यह देखना होगा कि मुद्दा यहीं समाप्त हो जाएगा या आगे भी सुलगेगा।

 

 


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