News by:- नीरज बरमेचा
ऑबस्ट्रेटिकल एवं गायनेलाॅजिकल सोसाइटी रतलाम द्वारा ‘बेटी-बचाओ, बेटी-पढ़ाओ’ की गूंज से नए साल का इस्तकबाल करेगा पूरा देश
फाॅग्सी की ‘नेशनल वाॅकाथन’ यानि 02 जनवरी 2018 को पूरा देश एक ध्येय और एक ही उद्देश्य के साथ दौड़ेगा’। नए साल का इस्तकबाल भारत में ‘बेटी-बचाओ, बेटी-पढ़ाओ गूंज के साथ होगा। फेडरेशन ऑफ़ ऑबस्ट्रेटिकल एवं गायनेलाॅजिकल सोसाइटी सोसायटी ऑफ़ इंडिया (फाॅग्सी) और स्मृति संस्था के तत्वावधान में नए साल का आगाज देश की बेटियों को समर्पित होगा। बच्चे, युवा और बुजुर्ग एक साथ, एक मंच और एक स्वर में बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ के लिए आवाज उठाएंगे। हर जगह इस मुहिम में शामिल होने के लिए स्थानीय संगठनों, स्कूलों एवं आम नागरिकों को आमंत्रित किया गया है।
फाॅग्सी कीं अध्यक्ष डा. जयदीप मल्होत्रा ने बताया कि फॉगसी देश में स्त्री रोग विशेषज्ञों का सबसे बड़ा संगठन है। देश भर में इसकी 240 से अधिक शाखाएं और 35000 से अधिक व्यक्तिगत सदस्य हैं। ‘बेटी-बचाओ, बेटी-पढ़ाओ’ यह एक ऐसा विषय है जिस पर फॉगसी लम्बे समय से काम कर रही है। वर्ष 2008 में बेटी-बचाओ, बेटी-पढ़ाओ’ का नारा फॉगसी ने ही बुलन्द किया था। देश में महिलाओं की स्थिति को समझते हुए महिला स्वास्थ्य के अपने मिशन को फॉगसी ने आगे बढ़ाया और इस वर्ष इसे महिला स्वास्थ्य, सशक्तिकरण और सम्मान तक लेकर आई है। फाॅग्सी पब्लिक अवेयरनैस कमेटी की चेयरपर्सन डा. अर्चना वर्मा ने बताया कि बेटी-बचाओ, बेटी पढ़ाओ के साथ ही महिला स्वास्थ्य, सशक्तिकरण और सम्मान एवं पर्यावरण संरक्षण से जोडते हुए इस रैली को ‘वाॅक फाॅर अ काॅज’ का नाम दिया गया है। जबकि फाॅग्सी की लगभग 116 शाखाएं अपने-अपने ग्रह जनपदों में इसे आयोजित कर रही हैं। इस वाॅक को ‘इंडिया बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकाॅर्ड्स’ के लिए भी नामित किया गया है। फाॅग्सी विगत 10 वर्षों से यह वाॅक बेटियों को समर्पित की है। इसका उद्देश्य बेटियों की सुरक्षा और शिक्षा के संकल्प की पुनरावृत्ति कराना है, यह गूंज 02 जनवरी को देश के विभिन्न राज्यों और शहरों में भी सुनाई देगी। अगर आप चाहें तो आप भी इसका हिस्सा बन सकते हैं।
दिनांक – 02 जनवरी बुधवार
समय – सुबह 8.30 बजे से
स्थान – रोटरी गार्डन
आकर्षक स्लोगन लिखकर लाएं, उपहार पाएं
आयोजन समिति की ओर से सभी प्रतिभागियों को बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ और महिला सशक्तिकरण पर आकर्षक स्लोगन लिखी तख्तियां अपने साथ लाने व मैराथन पाथ पर इन्हें दिखाते हुए चलने का अनुरोध किया गया है। सबसे आकर्षक स्लोगन के लिए उपहार भी प्रदान किए जाएंगे।