मध्यप्रदेश के सिर्फ कुछ ही किसानों का माफ होंगा कर्ज

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फाइल फ़ोटो

मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ ने लोगों के जहन में आ रहे कई सवालों के जवाब दिए हैं। उन्होंने अपनी सीट, किसानों को कर्ज और पूर्व पीएम मनमोहन सिंह पर बनी फिल्मों से संबंधित उलझन दूर की है। सीएम को शपथ लेने के छह महीने के भीतर चुनाव लड़ना होता है। अब कमलनाथ के लिए एक मंत्री और दो विधायकों ने अपनी सीट छोड़ने की पेशकश की है। पीएचई मंत्री एवं मुलताई से विधायक सुखेदव पांसे ने सीएम से अपनी सीट पर चुनाव लड़ने को कहा है। वहीं छिंदवाड़ा से विधायक दीपक सक्सेना और सौंसर विधायक विजय चौरे ने भी उनके लिए सीट छोड़ने का ऐलान किया है। 

क्या बोले कमलनाथ?
सीएम कमलनाथ ने चुनाव लड़ने से संबंधित सवाल पर कहा कि वह चुनाव से पहले कह चुके हैं कि जिस सीट से कांग्रेस सबसे ज्यादा मतों से जीतेगी वहीं से वह चुनाव लड़ेंगे। उन्होंने कहा कि पार्टी को सबसे बड़ी जीत सौंसर से मिली है। वह मतदाता भी इसी सीट से हैं। लेकिन चुनाव लड़ने को लेकर बातचीत के बाद ही फैसला लेंगे।

मनमोहन पर बनी फिल्म नहीं होगी बैन
कहा जा रहा था कि मध्यप्रदेश में पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के जीवन पर आधारित फिल्म ‘द एक्सिडेंटल प्राइम मिनिस्टर’ को बैन किया जाएगा। लेकिन कमलनाथ ने इस बात से साफ इनकार कर दिया है। उन्होंने कहा कि वह प्रतिबंध नहीं लगाएंगे। जनता ही देखेगी और तय करेगी।

केवल इन्हीं किसानों का कर्ज होगा माफ
कांग्रेस ने तीन राज्यों में जीत मिलने के बाद अपना चुनावी वादा पूरा करते हुए किसानों का कर्ज माफ कर दिया है। लेकिन इसके लिए कुछ शर्तें भी रखी गई हैं। योजना से करीब दो लाख किसान बाहर हैं। केवल उन्हीं किसानों का कर्ज माफ होगा जिन्होंने सहकारी और राष्ट्रीयकृत बैंकों से कर्ज लिया है। उन किसानों का कर्ज माफ नहीं होगा जिन्होंने निजी बैंकों से कर्ज लिया है। इस योजना से निजी बैंकों को बाहर रखा जाएगा। 

आंकड़े बताते हैं कि कुल 85 लाख में से 60 लाख किसान ही कर्जदार हैं। जिन किसानों का दो लाख रुपये तक का कर्ज माफ होना है उनकी संख्या 40 लाख है। वहीं निजी बैंकों से जुड़े किसानों की संख्या करीब सवा दो लाख है। इन किसानों पर करीब डेढ़ हजार करोड़ रुपये का कर्ज है।