प्रभारी मंत्री के नगर निगम आगमन पर विवाद

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News By:- विवेक चौधरी

भाजपा महापौर एवं पार्षदों के बीच का मनमुटाव एक बार पुनः सार्वजनिक रूप से उभरकर सामने आया है। भाजपा पार्षद एवं पूर्व प्रभारी जन कार्य एवं उद्यान समिति, नगर निगम रतलाम अरुण राव ने एक प्रेस नोट के माध्यम से नगर निगम में मंत्री का सम्मान समारोह को जनता के धन का दुरूपयोग बताते हुए भाजपा पार्षदों द्वारा समारोह के बहिष्कार की घोषणा की है। इस वर्ष गणंतत्र दिवस के मुख्य समारोह में ध्वजारोहण के लिए रतलाम में प्रदेश सरकार के कांग्रेसी मंत्री सचिन यादव आ रहे है। मंत्री के सम्मान में निगम महापौर द्वारा निगम परिसर में आयोजित सत्कार समारोह का विरोध करते हुए भाजपा के अनेक पार्षदों ने इस समारोह का बहिष्कार करने की घोषणा की है। आरोप यह लगाया गया है कि यह निगम खजाने में जनता के विभिन्न करों से जमा धन का दुरूपयोग है ।प्रेस को जारी एक संयुक्त बयान में भाजपा के वरिष्ठ पार्षद एवं जनकार्य समिति के पूर्व प्रभारी अरूण राव, महापौर परिषद सदस्य मंगल लोढ़ा, पार्षद दल के संचेतक सुशील सिलावट, पप्पू पुरोहित, सीमा टांक, अशोक यादव, रणजीतसिंह परिहार, सोना शर्मा, सुशीला परमार, माला अशोक शर्मा, मीना बालमुकुंद चावड़ा, अनिता कटारा, लता खिंची, ललिता पंवार, कैलाशी बाई मीणा, मीराबाई परमार, इंदुबाला गोखरू ने बताया है कि निगम में 26 जनवरी तथा 15 अगस्त को अतिथि के सम्मान में सत्कार समारोह की वर्षो पुरानी परंपरा को वर्तमान परिषद के गठन के बाद महापौर डॉ. सुनीता यार्दे द्वारा यह कहते हुए खत्म किया गया था कि यह फिजुल खर्ची है । आश्चर्य इस बात का है कि फिजुल खर्ची के नाम पर पिछले चार वर्षो से सत्कार समारोह को बंद कर भाजपा सरकार के मंत्रियों का अपमान करने वाली नगर निगम कांग्रेस की सरकार आते ही फिजुल खर्ची भुलकर कांग्रेस मंत्री के सम्मान में पलक फावड़े बिछाने को उतावली हो गई है।

भाजपा पार्षदों ने यह भी कहा है कि इस सत्कार समारोह के लिए महापौर जी ने ना तो पार्टी के वरिष्ठों तथा ना ही पार्षदों से चर्चा करना जरूरी समझा । महापौर का यह फैसला हम भाजपा के घोर अपमान के रूप में देखते है और पार्टी का अपमान हम कतई बर्दाश्त नहीं करेंगे । भाजपा के प्रदेश संगठन को इससे अवगत करवाया जाएगा। बयान में आरोप लगाया है कि महापौर का यह फैसला किसी दबाव या प्रभाव में लिया गया है अथवा इसके पीछे कुछ और है। जो भी हो हम निगम की फिजुल खर्ची के खिलाफ है और हम इस समारोह का सामुहिक बहिष्कार करते हुए समारोह को निरस्त करने की मांग करते है। अब देखना यह होगा कि भाजपा संगठन इस घटना को किस प्रकार लेता है। तथा अपनी ही पार्टी के जनप्रतिनिधियों के बीच के विवाद को कैसे सुलझाते है।