आयुष्मान भारत के मरीजों को भर्ती करने से अस्पतालों ने किया था इंकार, होगी कार्रवाई

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दुनिया की सबसे बड़ी स्वास्थ्य बीमा योजना आयुष्मान भारत से जहां अब तक करीब 10 लाख से ज्यादा मरीजों को निशुल्क उपचार मिल चुका है। वहीं, इसे लेकर अब मनमानी भी सामने आ रही है। पिछले कुछ माह के दौरान विभिन्न राज्यों के कई अस्पतालों ने आयुष्मान भारत के लाभार्थियों को उपचार देने से इंकार कर दिया। राज्य सरकार से करार होने के बाद भी इन अस्पतालों ने लाभार्थियों को तरह तरह के हवाले देकर अस्पताल में भर्ती नहीं करने की बात कही। इनकी शिकायत होने के बाद अब केंद्र सरकार ने अस्पतालों से सख्ती से निपटने का निर्णय लिया है।

प्राप्त जानकारी के अनुसार अक्तूबर 2018 से जनवरी 2019 तक दिल्ली स्थित आयुष्मान भारत के केंद्रीय शिकायत निवारण सेल में 39 अस्पतालों के खिलाफ शिकायत दर्ज हुई हैं। इन अस्पतालों पर आरोप है कि इन्होंने आयुष्मान भारत के तहत आने वाले मरीज को उपचार देने से इंकार कर दिया। इनमें से 27 शिकायतों को तत्काल संज्ञान में लेकर मरीजों को अस्पतालों में भर्ती कराया गया है। बताया जा रहा है कि मरीजों के उपचार से इंकार करने वाले अस्पतालों के खिलाफ सरकार ने सख्ती से निपटने की योजना बना ली है। केंद्रीय निवारण शिकायत सेल में अब तक 277 शिकायतें दर्ज की गई हैं इनमें से 194 शिकायतों को हल किया जा चुका है।

एक नजर आयुष्मान भारत पर 
23 सिंतबर 2018 को लागू हुई थी योजना       
55 करोड़ लोगों को सालाना 5 लाख रुपये का स्वास्थ्य बीमा निशुल्क       
31 जनवरी तक 10,21,051 लाख मरीजों को मिला उपचार      
1 करोड़ परिवार को मिले ई-कार्ड      
31 जनवरी तक उपचार में 984.2 करोड़ रुपये खर्च का दावा       
768.8 करोड़ रुपये अब तक हो चुके हैं पास 

अब तक 78 फर्जी वेबसाइट और 88 फेक एप पकड़े गए 
आयुष्मान भारत को लेकर अभी तक 78 फर्जी वेबसाइट पकड़ी गई हैं जिनमें से 48 को पूरी तरह बंद कर दिया है और अन्य वेबसाइट पर कार्रवाई चल रही है। वहीं आईटी टीम की तरफ से 88 फेक मोबाइल एप भी पकड़े गए हैं जिन्हें बैन कर दिया गया है। मंत्रालय का दावा है कि यह फर्जी वेबसाइट और एप लोगों को मूर्ख बनाकर फर्जी कार्ड जनरेट कर रहे थे और उनसे पैसे ऐंठ लेते थे। ऐसे में इन पर ध्यान रखने और कार्रवाई करने के लिए एक अलग से आईटी की टीम नियुक्त की गई है जिसका काम इन पर नजर रखना है। आयुष्मान भारत के सीईओ डॉ. इंदू भूषण कहते हैं कि ऐसी वेबसाइट और एप पर कार्रवाई की जा रही है। कई मामलों में ऐसे एफआईआर भी दर्ज कराई गई हैं। इनको रोकने के लिए जल्द ही एक ऐसी नीति बनाई जाएगी जिससे आयुष्मान भारत नाम से न तो कोई वेबसाइट बने और न ही कोई एप बनाया जा सकेगा।