जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में हुए आतंकवादी हमले के बारे में विपक्षी दलों को पूरी जानकारी देने और भारत के अगले कदम के बारे में चर्चा करने के लिए दिल्ली में शनिवार को सर्वदलीय बैठक हुई. गृहमंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में आतंक के खिलाफ लड़ाई में सरकार को विपक्षा का पूरा साथ मिला है. इस बैठक में 3 सूत्रीय प्रस्ताव भी पास हुआ, जिसमें साफ कहा गया है कि हम हर रूप में आतंकवाद और सीमा-पार से उसे मिल रहे समर्थन का निंदा करते हैं.
The resolution passed at the all-party meeting: We strongly condemn the dastardly terror act of 14th February at Pulwama in J&K in which lives of 40 brave jawans of CRPF were lost. pic.twitter.com/0OjGkgS6He
— ANI (@ANI) February 16, 2019
बैठक के बाद कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा कि हम सब देश की एकता के लिए सरकार और सुरक्षा बलों के साथ खड़े हैं. आजाद ने कहा, ‘कश्मीर हो या देश का कोई और हिस्सा, कांग्रेस पार्टी आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में सरकार के साथ है| न्यूज एजेंसी एएनआई से बात करते हुए आजाद ने बताया कि बैठक में हमने गृहमंत्री से निवेदन किया था कि आप हमारी तरफ से प्रधानमंत्री को कहिए कि वे देश के सभी राष्ट्रीय और क्षेत्रीय दलों के साथ एक बैठक करें. देश आज शोक मना रहा है और गुस्से में है|
गुलाम नबी आजाद ने कहा कि मैंने यह भी कहा कि 1947 के बाद युद्ध छोड़कर पहली बार किसी हमले में इतनी बड़ी संख्या में सुरक्षा बलों की जान गई है. हम अपने सुरक्षा बलों (आर्मी, सीआरपीएफ, लोकल पुलिस) के साथ खड़े हैं. पूरा देश उनके साथ है.
बैठक में प्रस्ताव हुआ पास
गृहमंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में हुई सर्वदलीय बैठक में एक तीन सूत्रीय प्रस्ताव भी पास हुआ. इसमें सभी ने पुलवामा हमले की एक सुर में निंदा की| इसके तहत में 14 फरवरी को पुलवामा में हुए आतंकी हमले की कड़ी निंदा की गई. इस हमले में सीआरपीएफ के 40 जवान शहीद हो गए है| इसमें कहा गया है कि हम अपने देशवासियों के साथ शोकाकुल परिवार के साथ हैं| प्रस्ताव में कहा गया है कि हम हर तरह के आतंकवाद और सीमा पार से उसे मिल रहे समर्थन की निंदा करते हैं|
प्रस्ताव में कहा गया है कि हम भारत की एकता और अखंडता की रक्षा करते हुए आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में हमारे सुरक्षा बलों के साथ एकजुटता से खड़े हैं| वहीं इस बैठक के बाद शिवसेना नेता संजय राउत ने न्यूज एजेंसी एएनआई से बात करते हुए कहा कि पठानकोट और उरी हमले के बाद भी प्रस्ताव पास हुए थे. हमने केंद्र सरकार से कहा कि अब कार्रवाई करनी चाहिए|