जम्मू-कश्मीर के पुलवामा (पिंगलान) में सुरक्षाबलों और आतंकियों के बीच मुठभेड़, 1 मेजर सहित 4 जवान शहीद

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दक्षिण कश्मीर के पुलवामा जिले के पिंगलान इलाके में सुरक्षाबलों और आतंकवादियों के बीच सोमवार सुबह से ही मुठभेड़ जारी है| सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार इस इलाके में दो से तीन आतंकवादियों के छिपे होने की आशंका जाताई जा रही है| इस मुठभेड़ में अब तक एक मेजर सहित 4 जवान शहीद हो गए हैं और एक जवान घायल है| वहीं एक स्थानीय नागरिक की भी मौत की खबर सामने आ रही है| सुरक्षाबल पिंगलान और उसके आसपास के इलाकों की घेराबंदी कर तेजी से सर्च अभियान चला रहे हैं|

मिली जानकारी के अनुसार पुलवामा में इंटरनेट सेवा बंद कर दी गई है और पूरे इलाके को घेर लिया गया है. 55 RR, पुलिस और सीआरपीएफ का संयुक्त ऑपरेशन जारी है| सूत्रों की मानें तो ये आतंकी 14 फरवरी को सीआरपीएफ के काफिले पर हुए हमले के फिदायीन हमलावर आदिल अहमद डार से जुड़े हुए हैं| फिलहाल दोनों तरफ से रुक रुक कर फायरिंग जारी है|

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पुलवामा के आसपास के करीब 15 गांवों की घेराबंदी कर दी गई है

बता दें कि पुलवामा के लेथपोरा में CRPF के काफिले पर हुए आतंकी हमले के बाद से सुरक्षा बलों की ओर से सर्च ऑपरेशन चलाया जा रहा है| इस हमले के बाद पुलवामा के आसपास के करीब 15 गांवों की घेराबंदी कर दी गई है| बता दें पुलवामा में ही बीते गुरुवार को सीआरपीएफ (CRPF) के एक काफिले पर आत्मघाती हमला हुआ था जिसमें कम से कम 40 जवान शहीद हो गए थे और कई घायल हुए थे| इस हमले की जिम्मेदारी पाकिस्तान बेस्ड आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद ने ली है| इसके बाद भारत ने पाकिस्तान पर शिकंजा कसना शुरू कर दिया है|

अलगाववादी नेताओं को मिली सुरक्षा वापस ले ली है

पुलवामा हमले के बाद केंद्र सरकार भी ऐक्शन में है| शहादत से देशभर में पैदा हुए आक्रोश को देखते हुए सरकार ने अलगाववादी नेताओं को मिली सुरक्षा वापस ले ली है, जिनमें ऑल पार्टीज हुर्रियत कॉन्फ्रेंस (APHC) के चेयरमैन मीरवाइज उमर फारूक, शब्बीर शाह, हाशिम कुरैशी, बिलाल लोन, फजल हक कुरैशी और अब्दुल गनी बट शामिल हैं| अधिकारियों ने बीते रविवार को बताया कि इन 6 नेताओं और दूसरे अलगाववादियों को किसी भी तरह से सुरक्षा कवर नहीं दिया जाएगा| ऑर्डर के मुताबिक रविवार शाम से ही अलगाववादियों को मिली सभी सुरक्षा और गाड़ियों को हटा लिया गया है. किसी भी प्रकार से इन 6 या किसी दूसरे अलगाववादियों को कोई कवर या सुरक्षा बल उपलब्ध नहीं कराए जाएंगे| अगर उन्हें सरकार के द्वारा कोई दूसरी सुविधाएं मिल रही हैं तो वे भी तत्काल हटा ली जाएंगी|