इंटर्न (BHMS/BAMS) के हवाले रतलाम जिला चिकित्सालय, मरीज हो रहे परेशान

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News By – नीरज बरमेचा 

(भाग – 1) – (www.newsindia365.com) रतलाम में मेडिकल कॉलेज आने से लगा की रतलाम शहर में जनता के लिए सुविधाये बढ़ जायेंगी, लेकिन सुविधाये बढ़ने से सिस्टम वही रहेंगा यह शायद हमने नहीं सोचा था, क्योकि सिस्टम बदलने वाले भी इस उट पटांग सिस्टम में ढलते दिखाई दे रहे है| कोई भी जिम्मेदार व्यक्ति इस जिला चिकित्सालय की जिम्मेदारी या बीड़ा उठाने को तैयार नहीं है महज फोटो सेशन को छोड़ कर, फिर चाहे अस्पताल का प्रशासन हो या रतलाम जिला प्रशासन|

28 मई, सोमवार रात 11.30 पर न्यूज़ इंडिया 365 के पास एक व्यक्ति का फ़ोन आया और जिला चिकित्सालय में चल रहे हालत को बाया किया, प्रत्यक्षदर्शी ने बताया की “यहाँ पर ना तो कोई चिकित्सक है ना ही कोई उत्तरदायी व्यक्ति जो परेशान हो रहे मरीजो को देख सके| जो चिकित्सक बैठे है वो भी वहा बैठ कर मरीजो के सामने हँसी ठिठोली कर रहे है| और मरीज इधर उधर परेशान हो रहा है|” 

जब न्यूज़ इंडिया 365 रतलाम जिला चिकित्सालय (रात्रि 11.45) पहुचे तो देखा की खुले आम ऐसे व्यक्ति पर्चा लिख रहा है जिसके पास एलोपैथी दवाई लिखने का ही कोई प्रमाण नहीं है, वे सिर्फ इंटर्न करने के लिए अस्पताल में आये है| वहा अस्पताल परिसर में मरीजो की लाइन लग रही है और इन्हें हँसी मजाक करने से ही फुर्सत नहीं मिल रही है| 

ऐसा रतलाम जिला चिकित्सालय में पहली बार नहीं हो रहा है| ऐसा चलते देख जब सिविल सर्जन से बात करने की कोशिश की तो उन्होंने फ़ोन नहीं उठाया|

आखिर ऐसा रतलाम में कब तक चलेंगा यह एक विचारणीय प्रश्न है? ऐसा लगता है जैसे अनेक चिकित्सक निजी प्रैक्टिस के चलते सिर्फ मरीजो को बुलाने के लिए जिला चिकित्सालय आते है, और खुद निजी प्रैक्टिस करते है और जिला चिकित्सालय को इंटर्न के हाथो सौप देते है| नाईट शिफ्ट में भी अनेको बार सिर्फ और सिर्फ इंटर्न ही दिखाई देते है| लेकिन इसकी परवाह किसे…..सभी जवाबदार लोग खुलेआम देखी की अनदेखी कर रहे है|