गुरु पूर्णिमा विशेष – सरस्वती शिशु विद्या मन्दिर ने गुरू पूर्णिमा पर किया 100 से अधिक वर्तमान एवं पूर्व शिक्षकों का किया सम्मान

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News by  – नीरज बरमेचा 

(www.newsindia365.com“यह उपलब्धि एक व्यक्ति से नहीं बल्कि सभी व्यक्तियों के प्रयास से हम इस मुकाम तक पहुँचे हैं। सौभाग्य शाली है हम सभी कि हमें इस प्रतिष्ठान के साथ काम करने का अवसर मिला व विद्यालय इसी तरीके से निरन्तर प्रगतिशील रहकर ऊँचाईयों तक पहुँचे। ”

उक्त बात विक्रम संवत् 2076 में स्वर्ण जयंती वर्ष में आयोजित गुरू पूर्णिमा उत्सव में स्थानीय सरस्वती शिशु विद्या मन्दिर काटजू नगर में विशिष्ट अतिथि के रूप में पधारें विद्यालय प्रारंभ होने के प्रथम सत्र के आचार्य एवं भाजपा के पूर्व जिलाध्यक्ष कानसिंह ने कही। मुख्य अतिथि के रूप में पधारें प्रांतीय कोषाध्यक्ष व शारदा प्रकाशन के अध्यक्ष गोपाल काकानी ने कहा कि “सभी ज्ञात व अज्ञात रूप से गुरूओं से जुड़े हुए हैं तथा सन्तुलन, विविधता, परिवर्तनशीलता, सहनशीलता व श्रेष्ठता ये पाँच गुण अगर व्यक्ति में हो तो वह हर तरीके से सर्व श्रेष्ठ बन जाएंगा।” कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे सरस्वती शिशु शिक्षा समिति के अध्यक्ष सुरेन्द्र सुरेका ने इस स्वर्ण जयंती वर्ष में गुरू पूर्णिमा के अवसर पर सभी गुरूओं को शुभ कामनाएं व जीवन में अग्रसर होने की प्रेरणा दी।

कार्यक्रम का शुभारम्भ गायत्री यज्ञ व पूजन के साथ हुआ। तत्पश्चात् अतिथियों ने माँ सरस्वती के चित्र पर पूजन-अर्चन व दीप प्रज्ज्वलन किया। अतिथि परिचय विद्या भारती के प्रांतीय कार्यकारिणी सदस्य एवं सरस्वती शिशु शिक्षा समिति के सचिव रशेष राठौर ने दिया।

अतिथियों का स्वागत श्रीराम शिक्षा संस्थान के व्यवस्थापक राकेश नेमानी, काटजू नगर विद्यालय के प्राचार्य जितेन्द्र कुमार तिवारी, अमृत सागर विद्यालय के प्राचार्य गोपाल शर्मा ने किया। इसी दौरान संगीत महाविद्यालय के छात्रों द्वारा गुरू की महिमा का वर्णन गीत व नृत्य के माध्यम से किया। सरस्वती शिशु शिक्षा समिति के सहसचिव व स्वर्ण जयंती महोत्सव के संयोजक शैलेन्द्र सुरेका द्वारा कार्यक्रम की भूमिका रखी गयी।

कर्तव्य, समर्पण और सेवा भाव से इस विद्यालय रूपी नन्हें पौंधे को एक विशाल वट वृक्ष बनाने वाले  विद्यालय के सभी पूर्व व वर्तमान प्राचार्य व आचार्य, दीदी, सेवक, सेविका का स्वर्ण जयंती स्मृति चिह्न व श्री फल से सम्मान किया गया। इस अवसर पर लगभग 160 पूर्व व वर्तमान आचार्य, दीदी व सेवक, सेविका उपस्थित थें।

कार्यक्रम के अंत में सरस्वती शिशु शिक्षा समिति के कोषाध्यक्ष सुनील लाठी व पूर्व आचार्य महेष शर्मा ने आभार व्यक्त किया। संचालन शीला सोन व अरविन्द मिश्रा ने किया। इस अवसर पर जिला प्रतिनिधि विरेन्द्र जी वाफगाँवकर, श्रीराम शिक्षा संस्थान, अमृत सागर के अध्यक्ष रामेश्वर पाटीदार व सरस्वती शिशु शिक्षा समिति के  उपाध्यक्ष गुमानमल नाहर, विनोद मुणत,  सह-सचिव मणिभद्र कटारीया, जवाहर चौधरी, प्रकाश मुणत, अक्षय पाटीदार, मनीष सोनी, विस्मय चत्तर, आशीष मित्तल संगीत महाविद्यालय के प्राचार्य रेखा गंधे, प्रधानाचार्य अंतिम वर्मा आदि उपस्थित थें।