आर्टिकल 370 और जम्मू कश्मीर पर क्या बोले प्रधानमंत्री, पढ़िए 10 बड़ी बातें पढ़ें…. 

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में अनुच्छेद 370, जम्मू-कश्मीर और लद्दाख पर विस्तृत बात की। इस दौरान उन्होंने जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के विकास की धीमी गति के लिए पूर्ववर्ती सरकारों को जिम्मेदार ठहराया तो यहां के विकास के लिए प्रतिबद्धता भी जताई। प्रधानमंत्री ने कहा जम्मू-कश्मीर की चिंता पूरे देश की चिंता है। आइए पढ़ते हैं प्रधानमंत्री के संबोधन की 10 बड़ी बातें….

1. ज्यादा दिन तक केंद्रशासित राज्य नहीं रहेगा जम्मू-कश्मीर

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि जम्मू-कश्मीर ज्यादा दिन तक नहीं रहेगा केंद्रशासित प्रदेश, हालात सामान्य होते ही इसे पूर्ण राज्य का दर्जा दिया जाएगा। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि हालांकि लद्दाख केंद्रशासित राज्य ही बना रहेगा।

2. जम्मू-कश्मीर के युवाओं को मिलेगा नेतृत्व करने का मौका

प्रधानमंत्री ने कहा कि दशकों के परिवारवाद ने जम्मू-कश्मीर के युवाओं को नेतृत्व का अवसर ही नहीं दिया। अब मेरे युवा, जम्मू-कश्मीर के विकास का नेतृत्व करेंगे और उसे नई ऊंचाई पर ले जाएंगे। मैं नौजवानों, वहां की बहनों-बेटियों से आग्रह करूंगा कि अपने क्षेत्र के विकास की कमान खुद संभालिए।

3. फिल्मों में फिर दिखाई देंगी जम्मूृ-कश्मीर की वादियां

जम्मू-कश्मीर में फिल्म उद्दोग का विस्तार किया जाएगा। देश के साथ-साथ विदेशी फिल्म उद्योगों को भी यहां शूटिंग करने का न्योता दिया जाएगा। यहां बनने वाली एक-एक फिल्म राज्य के विकास में बड़ी भूमिका निभाएगा। प्रधानमंत्री ने कहा कि एक समय ऐसा था जब बॉलीवुड की किसी भी फिल्म की शूटिंग जम्मू-कश्मीर के बिना पूरी नहीं होती थी।

4. ईद को लेकर कोई समस्या न हो इसके लिए सरकार सजग

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि मैं जम्मू-कश्मीर के साथियों को भरोसा देता हूं कि धीरे-धीरे हालात सामान्य हो जाएंगे और उनकी परेशानी भी कम होती चली जाएगी। ईद का मुबारक त्योहार भी नजदीक ही है। ईद के लिए मेरी ओर से सभी को बहुत-बहुत शुभकामनाएं। उन्होंने कहा कि ईद मनाने में जम्मू-कश्मीर के लोगों को कोई समस्या न हो, इसका केंद्र सरकार पूरा ध्यान रख रही है। जो लोग बाहर रहते हैं और ईद मनाना घर जाना चाहते हैं सरकार उनकी पूरी मदद कर रही है।

5. जम्मू-कश्मीर को वो अधिकार मिलेंगे जो बाकी देश को मिल रहे हैं

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि अनुच्छेद 370 और 35ए का अब तक नकारात्मक प्रभाव झेल रहा जम्मू-कश्मीर जल्द इससे बाहर निकलेगा। उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर की जनता को भी अब वह अधिकार मिल सकेंगे जो पूरे देश की जनता को मिलते हैं। उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर और लद्दाख की जनता को भी अब एससी-एसटी आरक्षण का लाभ मिल सकेगा। उन्होंने कहा कि यहां के छात्र-छात्राओं के लिए प्रधानमंत्री छात्रवृत्ति योजना का भी विस्तार किया जाएगा।

6. जम्मू-कश्मीर प्रशासन में नई कार्य संस्कृति लाने की कोशिश

हमने जम्मू-कश्मीर प्रशासन में एक नई कार्य संस्कृति लाने, पारदर्शिता लाने का प्रयास किया है। इसी का नतीजा है कि आईआईटी हों, आईआईएम हों, एम्स, हों, तमाम इरिगेशन प्रोजेक्ट्स हों, पावर प्रोजेक्ट्स हों, या फिर एंटी करप्शन ब्यूरो, इन सबके काम में तेजी आई है।

7. जम्मू-कश्मीर और लद्दाख को पूरी दुनिया के सामने लाना जरूरी

प्रधानमंत्री ने कहा कि जम्मू-कश्मीर के केसर का रंग हो या कहवा का स्वाद, सेब का मीठापन हो या खुबानी का रसीलापन, कश्मीरी शॉल हो या फिर कलाकृतियां, लद्दाख के ऑर्गेनिक प्रॉडक्ट्स हों या हर्बल मेडिसिन, इसका प्रसार दुनियाभर में किए जाने का जरूरत है।

8. स्थानीय नौजवानों को मिलेंगे रोजगार के मौके

उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में केंद्रीय और राज्य के रिक्त पदों को भरने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। इससे स्थानीय नौजवानों को रोजगार के अवसर उपलब्ध होंगे। केंद्र की पब्लिक सेक्टर यूनिट्स और प्राइवेट सेक्टर की कंपनियों को भी रोजगार उपलब्ध कराने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि धरती का स्वर्ग जम्मू-कश्मीर एक बार फिर विकास की नई ऊचाइयों को पार करते पूरे विश्व को आकर्षित करेगा। वहां के नागरिकों को उनके हक के लिए बेरोकटोक मिलने लगेगा।

9. नई पंचायत व्यवस्था में कमाल करेंगी महिला पंच

प्रधानमंत्री ने कहा कि जम्मू-कश्मीर की महिला पंचों ने कमाल का काम किया है। मुझे पूरा विश्वास है कि अब अनुच्छेद 370 हटने के बाद, जब इन पंचायत सदस्यों को नई व्यवस्था में काम करने का मौका मिलेगा तो वो कमाल कर देंगे। मुझे पूरा विश्वास है कि जम्मू-कश्मीर की जनता अलगाववाद को परास्त करके नई आशाओं के साथ आगे बढ़ेगी।

10. मतभेद रखें लेकिन देशहित को सर्वोपरि रखें

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि कुछ लोग इस फैसले के पक्ष में हैं और कुछ को इस पर मतभेद है।  लोकतंत्र में ये बहुत स्वाभाविक है। मैं उनके मतभेद का भी सम्मान करता हूं और उनकी आपत्तियों का भी। मेरा उनसे आग्रह है कि वो देशहित को सर्वोपरि रखते हुए व्यवहार करें और जम्मू-कश्मीर-लद्दाख को नई दिशा देने में सरकार की मदद करें। ये हमारा लोकतांत्रिक दायित्व है।