10वीं-12वीं पास विद्यार्थी सर्टिफिकेट कोर्स व डिप्लोमा कर साकार कर सकेंगे मेडिकल प्रोफेशन से जुड़ने का सपना
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट को साकार करने के लिए भारत सरकार का स्किल डेवलपमेंट एवं आंत्रप्रेन्योरशिप मंत्रालय प्रयासरत है। हर हाथ में हुनर की संकल्पना को मूर्तरूप देने के उद्देश्य से नेशनल स्किल डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन (एनएसडीसी) ने देश में पैरामेडिकल स्किल डेवलपमेंट और प्रोफेशनल्स तैयार करने के मामले में देश के अग्रणी शिक्षण संस्थान दिल्ली पैरामेडिकल एवं मैनेजमेंट इंस्टीट्यूट (डीपीएमआई) को भी एक बड़ी जिम्मेदारी दी है जो नित नए आयाम स्थापित कर रहा है। डीपीएमआई ने दिल्ली, बिहार, राजस्थान, उत्तरप्रदेश, उत्तराखंड, पश्चिम बंगाल, चंडीगढ़, कर्नाटक, त्रिपुरा, पंजाब, ओडिशा, हिमाचल प्रदेश, असम, हरियाणा, गुजरात, आंध्रप्रदेश, केरल और महाराष्ट्र के बाद अब मध्यप्रदेश में भी कदम रख दिया है। डीपीएमआई का देश की हृदयस्थली मध्यप्रदेश का पहला सेंटर सेव, सोना, साड़ी और स्ट्रॉबेरी के लिए प्रसिद्ध रतलाम में शुरू हो रहा है। मध्यप्रदेश के पश्चिमी छोर पर स्थित रतलाम गुजरात और राजस्थान से सटा होकर दिल्ली-मुंबई रेलमार्ग पर पश्चिम रेलवे का एक बड़ा जंक्शन होने के साथ ही यहां और आसपास पैरामेडिकल के क्षेत्र में रोजगार की संभावनाएं लगातार बढ़ती जा रही हैं। इसी को ध्यान में रखते हुए डीपीएमआई ने यहां पैरामेडिकल प्रोफेशनल्स तैयार करने के लिए सेंटर स्थापित करने का निर्णय लिया है।
डीपीएमआई-रतलाम के एडवाइजर नीरज कुमार शुक्ला ने बताया 23 साल से पैरामेडिकल प्रोफेशनल्स तैयार करने वाले डीपीएमआई जैसे समूह से जुड़ना हमारे लिए गर्व की बात है। डीपीएमआई-रतलाम के माध्यम से आदिवासी बहुलता वाले रतलाम जिले के 10वीं और 12वीं पास विद्यार्थियों को पैरामेडिकल कोर्स में डिप्लोमा अथवा सर्टिफिकेट कोर्स करने के लिए जिले से बाहर नहीं जाना पड़ेगा। वे युवा जो मेडिकल प्रोफेशन से जुड़कर नर-नारायण की सेवा करना चाहते हैं उनके लिए पैरामेडिकल सर्टिफिकेट और डिप्लोमा कोर्स बेहतर विकल्प है। मेडिकल प्रोफेशन सिर्फ डॉक्टर्स और नर्सिंग स्टाफ तक ही सीमित नहीं है बल्कि इसका दायरा बहुत विस्तृत है। किसी मरीज के उपचार अथवा उसके स्वास्थ्य की बेहतरी के लिए सबसे पहले जो लोग उनसे रूबरू होते हैं वे पैरामेडिकल स्टाफ का ही हिस्सा हैं। एंबुलेंस में मरीज या घायल को अस्पताल तक सुरक्षित पहुंचाने, इंजेक्शन लगाने, ड्रेसिंग करने, विभिन्न प्रकार की जांचें करने और उचित व पोषक खान-पान की सलाह देने वाला हर शख्स पैरामेडिकल प्रोफेशनल है। चूंकि मेडिकल प्रोफेशन लोगों की जिंदगी से जुड़ा है इसलिए इससे जुड़ी हर इकाई में काम करने वाले व्यक्ति का प्रशिक्षित होना जरूरी है। डीपीएमआई इसी दिशा में काम कर रहा है।
एडवाइजर शुक्ला ने बताया डीपीएमआई से प्रशिक्षित 50 हजार से ज्यादा पैरामेडिकल प्रोफेशनल्स आज देश-विदेश में बेहतर काम कर रहे हैं। इस अभियान में रतलाम का नाम भी जुड़ गया है जहां युवा पैरामेडिकल कोर्स कर के न सिर्फ मेडिकल प्रोफेशन से जुड़ने का अपना सपना साकार कर सकते हैं वरन 10 से 70 हजार रुपए तक वेतन भी अर्जित कर सकत हैं। डीपीएमआई पैरामेडिकल टेक्नोलॉजी सोसायटी ऑफ इंडिया द्वारा संचालित होकर इसके पाठ्यक्रम भारत सरकार के स्किल डेवलपमेंट एवं आंत्रप्रेन्योरशिप मंत्रालय के नेशनल स्किल डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन से मान्यता प्राप्त हैं। डीपीएमआई से कोर्स करना सुनिश्चित रोजगार की गारंटी है।
डीपीएमआई-रतलाम की डायरेक्टर सुशीला दिवेकर के अनुसार स्वतंत्रता दिवस के मौके पर शुरू होने जा रहे डीपीएमआई-रतलाम में प्रवेश लेने वाले विद्यार्थियों को पैरामेडिकल कोर्स की पढ़ाई चिकित्सा विज्ञान और संबंधित विषय के विशेषज्ञ तो कराएंगे ही, मार्गदर्शन देने के लिए समय-समय पर दिल्ली सहित देश के अन्य स्थानों से विशेषभी भी उपलब्ध होंगे। इसके अलावा वे करियर और व्यक्तित्व विकास से संबंधित व्यवहारिक ज्ञान भी प्राप्त कर सकेंगे। अध्यापन में ऑडियो-वीडियो माध्यमों का उपयोग भी होगा।