मध्यप्रदेश में नगरीय निकाय चुनाव से पहले कमलनाथ सरकार इसके चुनावी प्रक्रिया में बहुत बड़ा बदलाव करने जा रही है। अब महापौर का चुनाव सीधे न होकर, चुने गए पार्षदों के द्वारा उनका चुनाव होगा। कमलनाथ कैबिनेट ने नगर निगम और नगर पालिका संशोधन विधेयक को मंजूरी दे दी है। अब जनता महापौर के चुनाव में वोट नहीं करेगी बल्कि चुने गए पार्षदों द्वारा उनका चुनाव किया जाएगा। इस एक्ट में बदलाव के बाद अब महापौर और नगर निगम के सभापति का चुनाव अप्रत्यक्ष तरीके से होगा। चुनावी प्रक्रिया में पारदर्शिता लाने के लिए राज्य निर्वाचन आयोग ने सख्त निर्देश दिए हैं। अगर कोई शख्स पार्षद का चुनाव लड़ रहा है तो अब उसे जानकारी छुपानी महंगी पड़ेगी। इसके तहत 6 महीने की सजा और 25 हजार का जुर्माना भी भरना पड़ेगा।
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