News By – विवेक चौधरी & नीरज बरमेचा
- फिल्म ‘जब वी मेट’ की स्टाइल में 2 -2 घंटे के लिए बुक होते थे होटल आशीर्वाद पैलेस के रूम
- पुलिस अधिक्षक गौरव तिवारी ने स्वयं जाकर की होटल सील
- आरोपी नाबालिक बच्चो को अबोध बालक ना मानते हुए इन्हे वयस्क अपराधी मानकर दी जाएँगी सजा – गौरव तिवारी
(www.newsindia365.com) रतलाम। बहुचर्चित सामुहिक दुष्कर्म एवं ब्लैक मेलिंग प्रकरण में रतलाम पुलिस द्वारा बड़ी कार्यवाही सामने आ रही है। रतलाम एसपी गौरव तिवारी ने पुलिस कंट्रोल रूम पर मीडिया से मुखातिब होते हुए यह बताया कि इस प्रकरण को पुलिस अत्यंत गंभीरता से ले रही है तथा इस संदर्भ में बिना किसी दबाव के सभी आवश्यक कदम उठाए जाएंगे। गौरव तिवारी ने यह भी बताया कि नाबालिग आरोपियों द्वारा जिस तरीके से घटना को अंजाम दिया गया है उसको देखते हुए उन्हें अबोध श्रेणी में ना मानते हुए, उन्हें वयस्क अपराधी की तरह कार्यवाही की जाने के लिए जो भी आवश्यक होगा उसके लिए कदम उठाए जाएंगे। ताकि आरोपियों को मृत्युदंड अथवा मृत्यु तक आजीवन कारावास जैसे कठोर दंड से दंडित किया जा सके। विगत दिनों हुए घटनाक्रम के संदर्भ में गौरव तिवारी ने न्यूज़ इंडिया 360 के पूछे गए एक सवाल के जवाब में कहा कि वह प्रयास करेंगे पुलिस एवं जनता के बीच अधिकाधिक संवाद स्थापित हो सके तथा स्कूलों में नियमित रूप से पेरेंट्स टीचर मीटिंग्स हो। ताकि आधुनिक युग में जीने वाले बच्चों की सुविधाओं के साथ-साथ सुरक्षा का भी ख्याल रखा जा सके। प्रेस वार्ता के पश्चात अपने अमले के साथ स्वयं गौरव तिवारी ने स्टेशन रोड स्थित होटल आशीर्वाद पैलेस को सील करवाया। होटल पर अनैतिक गतिविधियों में संलिप्त होने का आरोप है। यहीं पर आरोपी द्वारा पीड़िता के साथ दुष्कर्म हुआ था। आइए समझते हैं कि पुलिस द्वारा क्या कहा बताया गया….
मृत्युदण्ड तक के लिए कार्यवाही एवं एसआईटी का गठन
दिनांक 24 सितंबर 2019 को पुलिस अधीक्षक गौरव तिवारी के संज्ञान में मामला आने के पश्चात पीड़िता की काउंसलिंग करवाकर थाना औद्योगिक क्षेत्र पर मामले को पंजीबद्ध किया गया तथा दोनों बाल अपराधियों को तत्काल गिरफ्तार कर मामले की छानबीन तथा साक्ष्य संग्रहण का कार्य प्रारंभ कर दिया गया। चूँकि आरोपी बाल अपराधी की श्रेणी में थे अतः उनके खिलाफ रिमांड लेने का प्रावधान ना होने की वजह से उन्हें किशोर न्यायालय के माध्यम से बाल संप्रेक्षण गृह भेज दिया गया। पूछताछ में आए तथ्यों के आधार पर यह महसूस किया गया कि मामला साधारण नहीं है, इसमें अन्य लोग भी शामिल है। जिसकी वजह से गंभीर अपराध घटित हुआ है। गंभीरता की वजह से विस्तृत जांच के लिए 10 सदायीय एसआईटी का गठन किया गया हैं जिसमे पुलिस अधिकारी, फोरेंसिक, साइबर, लीगल विशेषज्ञ शामिल किए गए है। एसआईटी को 3 सप्ताह का समय दिया गया है। टीम द्वारा विवेचना पश्चात कई धाराएं बढ़ाई गई। अबतक धारा 363, 366(a), 449, 384, 506, 376(2)(n), 376-D(a), 120B IPC, धारा 5(L)/6, 5(G)/6, 17, 15(1) लैंगिक अपराधों से बालकों के संरक्षण अधिनियम 2012 एवं IT एक्ट 67B(b) धाराओं के अंतर्गत विवेचना की जा रही है। अभी तक की विवेचना में आए तथ्य, कॉल रिकॉर्डिंग, फोटोग्राफ्स, ब्लैकमेलिंग, वारदात का तरीका इत्यादि को देखते हुए पुलिस एवं अभियोजन न्यायालय से इन बाल आरोपियों को अबोध श्रेणी में ना मानते हुए, वयस्क अपराधी मानते हुए उसका ट्रायल किए जाने हेतु आवश्यक कार्यवाही कर रही है ताकि आरोपियों को मृत्युदंड अथवा मृत्यु तक आजीवन कारावास जैसे दंड से दंडित किया जा सके।
होटल आशीर्वाद किया सील एवं संचालक गिरफ्तार
पुलिस अधीक्षक गौरव तिवारी ने बताया कि घटना की विवेचना में पाया गया कि दुष्कर्म स्टेशन रोड स्थित होटल आशीर्वाद पैलेस पर हुआ था। तथा इस होटल की छानबीन करने पर यह पता चला कि यह अवैध गतिविधियों का अड्डा बना हुआ था। होटल संचालक कर्मचारियों द्वारा कमरों को एक – दो घंटे के लिए भी बुक किये जाते थे। जहां पर आने वाली महिलाओं की आईडी चेक नहीं की जाती थी तथा उनके चेहरे से नकाब भी हटाया नहीं जाता था। अधिकांश बुकिंग्स में बुकिंग कराने वाले लोग रतलाम के ही निकले है। लाभ अर्जित के लक्ष्य से संचालक, मैनेजर तथा अन्य कर्मचारियों को इस घटना में संलिप्त पाया गया है अतः उन पर भी प्रकरण दर्ज किया गया है। पीड़िता के नाबालिग होने से धारा 17 पास्को एक्ट के अंतर्गत भी आरोपी बनाये गए हैं। होटल मालिक कांग्रेस के नेता निमिष व्यास की है और इसे जून 2019 से रतलाम निवासी प्रदीप अग्रवाल संचालित कर रहे हैं। प्रदीप अग्रवाल को गिरफ्तार कर न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया गया तथा पुलिस रिमांड की मांग की गई। प्रथम श्रेणी न्यायिक दंडाधिकारी विजय चौहान द्वारा 1 अक्टूबर की शाम 4:00 बजे तक के लिए प्रदीप तथा अन्य तीन आरोपियों के लिए पुलिस रिमांड दिया गया है।
अबतक कुल 7 आरोपी गिरफ्तार, सभी रिमांड पर
घटना में शामिल दो नाबालिग आरोपियों के अलावा अन्य आरोपी शकील उर्फ अहरान पिता शरीफ खान निवासी होमगार्ड कॉलोनी रतलाम, सय्यद आबिद अली पिता अशरफ अली निवासी होमगार्ड कॉलोनी रतलाम, इमरान पिता रईस खान खान निवासी रहमत नगर रतलाम, दीपक पिता सीताराम निवासी दीनदयाल नगर रतलाम तथा प्रदीप पिता सुभाष चंद्र प्रताप नगर रतलाम को इस घटना में अबतक गिरफ्तार किया गया है। नाबालिगों को छोड़कर सभी पुलिस रिमांड पर है। इनमें से सय्यद आबिद अली, इमरान खान तथा दीपक चौहान का अपराधिक रिकॉर्ड का अपराधिक रिकॉर्ड भी पाया गया है।
कुछ अनसुलझे सवाल
- नाबालिग छात्रा के साथ हुए सामूहिक दुष्कर्म एवं ब्लैकमेलिंग की घटना प्रकाश में आने के बाद से शहर में जन आक्रोश बढ़ गया था। और उसकी वजह से गुरुवार को शहर में विरोध प्रदर्शन के समय कुछ देर के लिए अप्रिय स्थिति बन गई थी। जिसके लिए पुलिस कप्तान को स्वयं मैदान में उतरना पड़ा था। आरोपियों की पुलिस रिमांड ना मांगना और उसकी प्रक्रिया पर अभिभाषाकगण आक्रोशित होकर धरने पर बैठ गए थे। इस घटनाक्रम से लोगों की पुलिस और प्रशासन के प्रति नाराज़गी सामने आई थी। न्यायाधीश महोदय को भी अभिभाषकों से खेद व्यक्त करना पड़ा था। पूरे घटनाक्रम में कुछ अनसुलझे सवाल भी उपजे है जिसके समाधन की प्रतीक्षा है। क्या ये आने वाले समय में सामने आते जाएंगे या बीतते हुए समय के साथ राज बनकर दफन हो जाएंगे?
- यह चर्चा का विषय रहा कि कुछ प्रभावशाली लोग मामले को रफादफा करवाने के प्रयास में थे। ये पीड़िता और उसके परिवार पर प्रलोभन देकर एवं दबाव डालकर मामले को निपटाना चाहते थे। यदि यह सही हैं तो उन पर अपराध को छुपाने और अपराधी को संरक्षण देने का अपराध दर्ज होना था। जिसकी स्थिति स्पष्ट होनी चाहिए। ताकि पुलिस की छवि धूमिल ना होने पाएं।
- वयस्क आरोपियों के पुलिस रिमांड ना मांगने पर पुलिस को जन आक्रोश का सामना करना पड़ा। यह स्थिति क्यों निर्मित हुई और क्या इसमें किसी की भूमिका थी? इसे लेकर कोई संतोषजनक एवं ठोस स्पष्टीकरण समय पर क्यों नहीं आया? जबकि मीडिया और सोशल मीडिया के माध्यम से पुलिस का पक्ष रखा जा सकता था।
- पुलिस द्वारा प्राप्त जानकारी के अनुसार होटल आशीर्वाद अनैतिक गतिविधियों का अड्डा बन गया था। थाना स्टेशन रोड से चंद कदम की दूरी पर तथा 24 घंटे चलने वाले मुख्य मार्ग पर स्थित होटल की गतिविधियों की जानकारी पुलिस को समय रहते कैसे नहीं मिली? यह किसकी चूक है? इसका दोषी कौन है?
- सील किया गया होटल आशीर्वाद की संपत्ति के मालिक सत्तारूढ़ पार्टी के एक प्रदेश स्तरीय नेता परिवार है। होटल एवं रेस्टोरेंट व्यवसाय के लिए विभिन्न प्रकार के लाइसेंस, अनुमति, टैक्स रेजिस्ट्रेशन इत्यादि की आवश्यकता लगती है। होटल 3-4 माह पूर्व ही आरोपी को हस्तांतरित किया गया था। क्या हस्तांतरण प्रक्रिया की सारी शर्तें, नियम इत्यादि पूर्ण किये गए थे? क्या पूर्व अनुमति के साथ ही नए संचालक को लीज पर दे दिए गए थे? इन सब बातों को पुलिस ने स्पष्ट करने की कोशिश क्यों नहीं की?
पुलिस कप्तान ने अपने प्रशिक्षण अवधि के सेवाकाल को रतलाम में बिताया है और उसके बाद बालाघाट, छिंदवाड़ा और कटनी जैसी जगहों पर सफलता पूर्वक कार्य करने के 7 वर्ष पश्चात रतलाम पुलिस अधीक्षक के रूप में पदभार ग्रहण किया था। गौरव तिवारी के आगमन से शहर और जिले में हर्ष और उत्साह था और वो आज भी सभी आयुवर्ग में लोकप्रिय है। उनके प्रति जनता की आशा और अपेक्षा भी है कि वे रतलाम को स्वच्छ और सुरक्षित प्रशासन दे। सफल प्रशासन में पारदर्शिता भी एक महत्वपूर्ण अंग है। यह अपराध के प्रति आक्रोश ही था जिसकी वजह से गुरुवार को हजारों की संख्या में लोग सड़कों पर उतर आए। जनता चाहती है कि दोषियों को कड़ी सज़ा मिले ताकि आने वाले समय में कोई इस प्रकार का अपराध करने का साहस ना कर पाएं। आशा है कप्तान अपनी छवि को बरकरार रखेंगे।