News By – विवेक चौधरी (रतलाम ब्यूरों प्रमुख)
रतलाम। दिनांक 05.10.19 को इंदौर से एक नाबालिग लड़की किसी वजह से अपना घर छोड़कर कर कहीं चली गई। उसके पालकों द्वारा उसे खोजना प्रारंभ किया और उन्होंने शाम को इंदौर रेलवे पुलिस विभाग से संपर्क किया। सूचना मिलते ही बालिका के अपने घर से निकलने के समय के आधार पर इंदौर से शाम 4 बजे बाद प्रस्थान करने वाली सभी ट्रेनों में बालिका को खोजने के लिए RPF एवं वाणिज्य विभाग को सूचना दी गई। सूचना मिलने के मात्र दो घंटे के भीतर ही RPF के सब इंस्पेक्टर गुरदयाल सिंह ने लापता बालिका को अवंतिका एक्सप्रेस में खोज लिया। इंदौर से उज्जैन रतलाम होते हुए यह ट्रेन मुम्बई के लिए जा रही थी। जब यह ट्रेन रतलाम मंडल के ही दाहोद स्टेशन (गुजरात) पहुंचने वाली थी, तब ही बालिका को खोज लिया गया। RPF द्वारा बालिका को दाहोद चौकी की महिला स्टाफ को सौंप दिया गया। बालिका के अपने परिजनों के पास पहुंचने पर उसके परिजनों ने RPF एवं रेलवे विभाग का धन्यवाद दिया और कार्यवाही पर हर्ष व्यक्त किया। बालिका को खोजने का कार्य मात्र 2 घंटे में कर लिया गया था।
इसी प्रकार रतलाम रेल मंडल के अंतर्गत झाबुआ जिले के थांदला रोड स्टेशन पर एक 11 वर्षीय नाबालिग को अकेले पाया गया। RPF मेघनगर द्वारा नाबालिग को उसके पालकों को सौंप दिया गया। विगत 2 वर्षों में रतलाम रेल मंडल में 357 बच्चों को बचाया गया है। ये बच्चे या तो खो गए थे अथवा घर से भाग गए थे। इन खोये हुए बच्चों को खोजकर उनके परिवार को सुरक्षित सौंपने के कार्य मे RPF, वाणिज्य विभाग और NGO चाइल्ड हेल्पलाइन का विशेष योगदान रहा है। रतलाम रेल मंडल प्रबंधक आर एन सुनकर द्वारा दो घंटे में बच्चों को खोजने के लिए RPF को पुरस्कृत किया गया है।