समाजसेवी एवं रेडक्रॉस के पूर्व सचिव कैलाश जोशी पंचतत्व में विलीन

0

ईश्वर कई व्यक्तित्व ऐसे भी गढ़ता है, जो समाजसेवा और परहित जीवन मे मील के पत्थर तो होते है, लेकिन शोहरत और प्रदर्शन की चकाचोंध से कोसो दूर रहते है। ऐसे ही शख्सियत के मालिक थे रतलाम के स्वर्गीय कैलाश जोशी। गायत्री परिवार के कर्मठ कार्यकर्ता कैलाश जोशी ने अपने सुख की परवाह किये बिना ही समाजसेवा के क्षेत्र में ऋषि दधीचि जैसा जीवन जिया और अपना समय, श्रम, प्रतिभा और योग्यता को समाज के लिए अर्पित कर दिया। वो रतलाम में रक्तदान के क्षेत्र में प्रारंभिक दिनों से अग्रणी व्यक्ति थे। जिस समय लोग रक्तदान करने से घबराते थे, हिचकते थे, तब उन्होंने स्वयं आगे आकर सैकड़ो बार रक्तदान किया, साथ ही अन्य लोगो को भी प्रेरित और जागरूक करने में कोई कसर नहीं छोड़ी। वे मानव सेवा समिति के संस्थापक सदस्यों में से एक थे। अपने युवावस्था में ही प्रगति क्लब के गठन करके समाजसेवा के क्षेत्र में सेवाएँ देना प्रारम्भ कर चुके थे। मूलतः जयपुर राजस्थान के निवासी स्व. मूलचंद जोशी के पुत्र कैलाश जोशी का लालनपालन और शिक्षा दीक्षा रतलाम में ही हुई और युवावस्था से ही समाजसेवा में सक्रिय रहे। रेडक्रॉस सोसाइटी रतलाम में सचिव के पद पर रहे और अपनी सेवाओं के लिए जिला संभाग के अलावा राज्यपाल एवं राष्ट्रपति के हाथों भी सम्मानित हुए है। वे गायत्री परिवार रतलाम एक निष्ठावान एवं समर्पित कार्यकर्ता के रूप में ट्रस्टी थे। तथा जिला संयोजक, जिला प्रचार मंत्री जैसे अनेक दायित्व संभालते रहे। वर्तमान में भी जब वे अपनी उम्र के सातवें दशक के अंतिम पड़ाव में थे तब भी सुबह 5 बजे से 80 फ़ीट रोड स्थित गायत्री परिवार के रसाहार केंद्र पर अपनी स्वैच्छिक सेवाएं देते थे। रतलाम के वृद्धाश्रम एवं रोगी कल्याण समिति में उनके द्वारा दी गई सेवाएं स्मरणीय रही है। उक्त सभी बातों के माध्यम से उन्हें स्मरण करते हुए जवाहर नगर मुक्तिधाम पर शोक सभा मे उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की गई।

स्व. कैलाश जोशी की शनिवार की शाम को अचानक तबियत बिगड़ी थी और उन्हें अस्पताल ले जाया गया, जहाँ उनका दुःखद निधन हो गया था। रविवार को बड़ी संख्या में लोग उनकी अंतिम यात्रा में पहुंचे और उन्हें अंतिम विदाई दी। मुक्तिधाम पर सम्पन्न हुई शोकसभा का संचालन करते हुए गायत्री परिवार युवा प्रकोष्ठ के विवेक चौधरी ने उनके समाजसेवी जीवन पर प्रकाश डाला। शोकसभा में समाजसेवी एवं कांग्रेस नेता अनिल झालानी, भाजपा के वरिष्ठ नेता मनोहर पोरवाल, महेंद्र गादिया, आद्यगौड़ सनाढ्य समाज के ओमप्रकाश मिश्रा, मानव सेवा समिति के ज्ञानमल सिंगावत, सैलाना के अभिभाषक कांतिलाल राठौड़, औदीच्य महासभा एवं कांग्रेस के पूर्व जिलाध्यक्ष चंद्रशेखर शर्मा, गौ सेवा एवं सनातन समाज के पंडित महेश शर्मा, गायत्री परिवार के डॉ ईश्वरीप्रसाद त्रिवेदी, पूर्व सैनिक कल्याण परिषद के श्यामलाल भावसार, श्रीरामकृष्ण विवेकानंद आश्रम के दशरथ उपाध्याय, पंजाबी समाज के वीरेंद्र पंजाबी, शासकीय पैथोलॉजी संघ के कमलेश यादव, दधीचि समाज सर्व ब्राह्मण संघ के रुद्रवीर शर्मा, मांगीलाल पटवारी आदि ने अपने विचारों एवं संस्मरणों के माध्यम से श्रद्धासुमन अर्पित किए। अग्रवाल समाज, प्रभु प्रेमी संघ, बड़ा गोपाल मंदिर, राष्ट्रीय युवक परिषद, भारतीय जीवन बीमा निगम अभिकर्ता, पोस्ट ऑफिस अभिकर्ता इत्यादि संगठनों के सदस्यों द्वारा भी श्रद्धांजलि अर्पित की गई। गायत्री परिवार के परिजनों द्वारा वैदिक पद्धति से अंतिम संस्कार प्रक्रिया सम्पन्न करवाई गई। शोक सभा मे महेश गोयल, गोपाल सिंह तोमर, अर्जुन सिंह चौहान, मदन मोहन साहू, देवप्रकाश शर्मा, रघुवीर सिंह पंवार, दशरथ शर्मा, विकास शैवाल, सुरेश अग्रवाल, विजय शर्मा सहित सैकड़ों लोग उपस्थित थे।