- सरदार पटेल की जयंती पर जम्मू-कश्मीर और लद्दाख दो केंद्रशासित प्रदेश
- देश में कुल केंद्रशासित प्रदेशों की संख्या नौ हुई
- पहली बार कोई राज्य केंद्रशासित प्रदेश बना
- सरकारी कामकाज की भाषा ऊर्दू नहीं हिंदी
जम्मू-कश्मीर का इतिहास और भूगोल दोनों बुधवार और बृहस्पतिवार की दरमियानी रात से बदल गए। अब जम्मू-कश्मीर और लद्दाख दो केंद्रशासित प्रदेश हो गए हैं। जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन विधेयक, 2019 के मुताबिक जम्मू-कश्मीर और लद्दाख दो केंद्रशासित प्रदेश में बंट गए। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने बुधवार देर रात इसकी अधिसूचना जारी की।
दोनों केंद्रशासित प्रदेश देश के पहले गृहमंत्री और 560 से ज्यादा रियासतों का विलय करने वाले सरदार वल्लभभाई पटेल की जयंती के मौके पर वजूद में आए हैं। अब कुल राज्य 28 रह जाएंगे, जबकि कुल केंद्रशासित प्रदेशों की संख्या नौ हो गई है। यह पहली बार है जब किसी राज्य को दो केंद्रशासित प्रदेशों में बांटा गया है।
अब दोनों केंद्रशासित प्रदेशों में रणबीर कानून की जगह भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) और क्रिमिनल प्रोसीजर कोड (सीआरपीसी) की धाराएं लागू होंगी। नए जम्मू-कश्मीर में पुलिस व कानून-व्यवस्था केंद्र सरकार के अधीन होगी, जबकि भूमि व्यवस्था की देखरेख का जिम्मा निर्वाचित सरकार के तहत होगी। जम्मू-कश्मीर में सरकारी कामकाज की भाषा अब ऊर्दू नहीं हिंदी हो जाएगी।
नए जम्मू-कश्मीर विधानसभा में 107 सदस्य हैं, जिनकी परिसीमन के बाद संख्या बढ़कर 114 तक हो जाएगी। वहीं, विधायिका में पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) के लिए पहले की तरह ही 24 सीट रिक्त रखी जाएंगी।
बदला 72 साल पुराना इतिहास
150 से ज्यादा पुराने कानून खत्म, 100 से ज्यादा नए कानून लागू
106 केंद्रीय कानून हुए लागू
सुकून के इंतजार में है डल
अल्पसंख्यकों को मिलेंगे लाभ
ये होंगे अहम बदलाव….
पुलिस: जम्मू कश्मीर में पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) का पद कायम रहेगा जबकि लद्दाख में इंस्पेक्टर जनरल (आईजी) पुलिस के मुखिया होंगे। पुलिस केंद्र के निर्देश पर काम करेगी।
हाईकोर्ट: फिलहाल जम्मू-कश्मीर की श्रीनगर और जम्मू पीठ मौजूदा व्यवस्था के तहत काम करेंगी और लद्दाख के मामलों की सुनवाई भी पहले जैसी ही होगी।
केंद्रीय अर्द्धसैनिक बल: आनेवाले दिनों में भी इन दोनों केंद्रशासित प्रदेशों में केंद्र सरकार के निर्देश पर ही केंद्रीय सुरक्षा बलों की तैनाती होगी।
आयोग: जम्मू कश्मीर और लद्दाख में फिलहाल जो आयोग काम कर रहे थे अब उनकी जगह केंद्र सरकार के आयोग अपनी भूमिका निभाएंगे।
अफसरशाही: आईएएस, आईपीएस और दूसरे केंद्रीय अधिकारियों तथा भ्रष्टाचार निरोधी ब्यूरो लेफ्टिनेंट गवर्नर के नियंत्रण में रहेंगे, न कि जम्मू-कश्मीर केंद्रशासित प्रदेश की निर्वाचित सरकार के तहत काम करेंगे। भविष्य में जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में अफसरों की नियुक्तियां अरुणाचल प्रदेश, गोवा, मिजोरम और संघशासित कैडर से की जाएगी।
केंद्रशासित जम्मू-कश्मीर के पहले उप-राज्यपाल के रूप में शपथ लेंगे गिरीश चंद्र मुर्मू
गिरीश चंद्र मुर्मू आज जम्मू-कश्मीर के उप राज्यपाल के रूप में शपथ लेंगे। मुर्मू बुधवार को श्रीनगर पहुंच गए हैं। श्रीनगर इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर सलाहकार फारूक खान और मुख्य सचिव बीवीआर सुब्रह्मन्यम ने मुर्मू का स्वागत किया। 31 अक्तूबर को श्रीनगर में मुर्मू जम्मू-कश्मीर के पहले ले. गवर्नर के तौर पर शपथ लेंगे।
इस अवसर पर गृह विभाग के प्रधान सचिव शालीन काबरा, प्रोटोकाल विभाग के प्रधान सचिव रोहित कंसल, पुलिस महानिदेशक दिलबाग सिंह, मंडलायुक्त बशीर अहमद खान आदि अधिकारी मौजूद रहेंगे।
